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खिलौना उद्योग को विनिर्माण, निर्यात बढ़ाने के लिये बड़ी सोच की जरूरत: वाणिज्य मंत्रालय

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Published : Jul 6, 2022, 8:02 AM IST

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 'मेक इन इंडिया' के परिणामस्वरूप पिछले तीन वर्षों में खिलौनों का आयात 70% कम हुआ और निर्यात 61 फीसदी बढ़ा है.

Toy import down by 70 percent while export up by 61percent over the last three years said Ministry of Commerce and Industry
खिलौना उद्योग को विनिर्माण, निर्यात बढ़ाने के लिये बड़ी सोच की जरूरत: वाणिज्य मंत्रालय

नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को घरेलू खिलौना उद्योग से विनिर्माण और निर्यात को गति देने के लिये बड़ी सोच और क्षमता निर्माण पर काम करने को कहा. उद्योग संवर्द्धन और आतंरिक व्यापार विभाग में अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने कहा कि सरकार के आयात शुल्क बढ़ाने और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जैसे कदमों से आयात में कमी लाने तथा विनिर्माण को बढ़ावा देने में मदद मिली है. और अब उद्योग को बड़ी सोच के साथ काम करने की जरूरत है.

अग्रवाल ने प्रगति मैदान में खिलौना मेले में संवाददाताओं से कहा, ‘राजस्व बढ़ा है लेकिन यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली कंपनियां) बनने के लिये उद्योग को एक अलग स्तर पर पहुंचना होगा. उन्हें अपने प्रबंधन को पेशेवर बनाने के साथ क्षमता निर्माण पर काम करने की जरूरत है.' कोविड महामारी के कारण मेले का आयोजन तीन साल के अंतराल के बाद किया गया है. 96 स्टॉल देश में बने खिलौनों को प्रदर्शित कर रहे हैं.

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उल्लेखनीय है कि स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये खिलौनों पर मूल सीमा शुल्क फरवरी, 2020 में 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया. साथ ही फरवरी, 2020 में खिलौना (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश जारी किया गया. इसके तहत खिलौनों को प्रासंगिक भारतीय मानकों के अनुरूप होना चाहिए. यह घरेलू और उन विदेशी विनिर्माताओं पर लागू होता है जो भारत को अपने खिलौने निर्यात करना चाहते हैं. अग्रवाल के अनुसार, देश में खिलौनों का आयात 2018-19 में 30.4 करोड़ डॉलर का था जो 2021-22 में घटकर 3.6 करोड़ डॉलर पर आ गया. वहीं दूसरी तरफ निर्यात 2018-19 में 10.9 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2021-22 में 17.7 करोड़ डॉलर पहुंच गया.

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