जबलपुर।शहर में स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया वायु सेना और नौसेना के लिए कुछ ऐसे हथियार बना रही है, जिससे न केवल देश की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि युद्ध में इस्तेमाल किए जाने वाले बम को विदेश में बेचकर भारत को विदेशी मुद्रा भी मिलेगी. इसी के लिए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया को लगभग 3000 करोड़ के आर्डर मिले हैं. इसमें नॉर्मल बम से लेकर कुछ बेहद खतरनाक बम बनाए जा रहे हैं. इस पर रिसर्च भी की जा रही है. साथ ही इंडियन नेवी का एक खास हथियार भी जबलपुर की इसी फैक्ट्री में तैयार किया जाएगा. ऐसे में हम आपको इससे जुड़ी जानकारी दे रहे हैं...
दुश्मन की नींद उड़ा देने वाला मार्क 84 बम:आपने वीडियो और फोटों में देखा होगा कि युद्ध के दौरान फाइटर एयरक्राफ्ट बम बरसाते हैं. इन बमों को उनकी जरूरत के हिसाब से गिराया जाता है. सेनाएं अक्सर दुश्मन देशों की जगहों को चिन्हित कर रेंज के हिसाब से बम गिराती है. इससे पुल से लेकर इमारत तक ध्वस्त हो जाती हैं. इन्हीं बमों में एक खास बम की सीरीज होती है, जिसे मार्क 84 बम के नाम से जाना जाता है.
12 फीट लंबाई ही इस बम की खासियत होती है. ये काफी भारी भरकम होता है. इसका वजन लगभग 1000 किलो होता है. इस बम की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर इस विस्फोटक को किसी जगह गिराया जाए, तो लगभग 30 फीट गहरा और 50 फीट चौड़ा गड्ढा हो जाता है. यानि आसान भाषा में किसी भी बड़ी इमारत को नेस्तानबूत करने के लिए काफी है.
इन बमों का इस्तेमाल विश्व की काफी चर्चा में रहे युद्धों में किया जा चुका है. इनमें वियतनाम युद्ध शामिल है. इन बमों को अमेरिका ने गिराया था. जहां ये बम को गिराया गया था, उस जगह पर मौजूद करीबन 97 लोगों की एक ही बार में मौत हो गई थी. सेना में इस बम को हथियार के रूप में काफी तरजीह दी जाती है.
जबलपुर में तैयार होगा मार्क 84:हिन्दुस्तान की वायुसेना अक्सर इस बम का आयात विदेशी देशों से किया करती रही है. इस बम की कीमत बीस हजार डॉलर है. भारतीय वायुसेना के लिए यह बम बेहद जरूरी है. इसलिए अब वायुसेना ने इसे बनाने के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है. टेंडर जबलपुर की आयुध निर्माणी खमरिया को मिला है. इस बम को यहां के महाप्रबंधक एमएन हालदार की निगरानी में तैयार किया जाएगा.