दिल्ली

delhi

ICMR ने भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल नहीं होने पर ड्रोन उड़ाने से बचने का दिया सुझाव

By

Published : Jun 2, 2022, 6:31 PM IST

आईसीएमआर ने भौगोलिक परिस्थितियों के ठीक नहीं होने पर स्वास्थ्य सेवा वितरण में ड्रोन के उपयोग से बचने की सलाह दी है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

ICMR
आईसीएमआर

नई दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल नहीं होने पर स्वास्थ्य सेवा वितरण के दौरान ड्रोन के उपयोग से बचने का सुझाव दिया है. इस बारे में कहा गया है कि ड्रोन के प्रकार का चयन भौगोलिक इलाके के अनुसार किया जाना चाहिए. ड्रोन के मार्ग काे पानी व गहरे जंगल (यदि संभव हो) से बचना चाहिए. आईसीएमआर ने भारत ड्रोन महोत्सव 2022 के दौरान स्वास्थ्य देखभाल में ड्रोन के उपयोग को लेकर जारी किए गए मार्गदर्शन में कहा कि यदि कठिन इलाके हैं तो ड्रोन के अधिकतम स्तर से नीचे ही होना चाहिए. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि समय-समय पर ड्रोन का रखरखाव भी किया जाना चाहिए.

बता दें कि कोविड-19 महामारी के शुरू होने के दौरान से ही स्वास्थ्य सेवा में ड्रोन का उपयोग शुरू किया गया था. इसको लेकर आईसीएमआर, स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दूर दराज के क्षेत्रों में कोविड-19 वैक्सीन पहुंचाने के लिए हाथ मिलाया था. इसी कड़ी में आईसीएमआर ने अक्टूबर 2021 में ड्रोन के माध्यम से कोविड-19 टीके और अन्य चिकित्सा आपूर्ति के वितरण की आवश्यकता का आंकलन करने के लिए म्यांमार की सीमा से लगे पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुरि और नगालैंड में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था.

इस बारे में आईसीएमआर के अतिरिक्त महानिदेशक और महामारी विज्ञान और संचारी रोग प्रभाग के प्रमुख समीरन पांडा ने कहा कि कि हर घर दस्तक अभियान के तहत कोविड-19 टीकाकरण अभियान ने इस पहल के बाद एक नया जोश हासिल किया. भविष्य में ड्रोन से भारत में दूर दराज के इलाकों में जीवन रक्षक दवाएं पहुंचाने में व्यापक भूमिका निभाने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें - ICMR-NIN बताएगा मजबूत इम्युनिटी के लिए आहार में क्या करना होगा बदलाव

हालांकि आईसीएमआर ने मार्गदर्शन दस्तावेज को मणिपुर और नागालैंड के क्षेत्र के अनुभव और पायलट परियोजनाओं के संचालन के अनुभव के अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MOCA), नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच विस्तृत चर्चा के आधार पर तैयार किया है.

वहीं दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि ड्रोन और ड्रोन ऑपरेटरों की सुरक्षा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, पुलिस और किसी विशेष जिले में सेना को भी जरूरत के मुताबिक इसकी सूचना दी जानी चाहिए. इसके अलावा चिकित्सा आपूर्ति की डिलीवरी के लिए वैध विशिष्ट पहचान संख्या (UIN) वाले डीजीसीए द्वारा प्रमाणित ड्रोन मॉडल का उपयोग किया जाना चाहिए. दिशा निर्देशों के क्रम में कहा गया है कि ड्रोन में कैरियर बॉक्स में टीके और संवेदनशील वस्तुओं को आवश्यक तापमान नियंत्रण के साथ इंसुलेशन बॉक्स में ले जाया जाना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details