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वर्ल्ड नर्स डे: कलेक्टर ने कोरोना फाइटर्स का जताया आभार, सब ने गाया 'हम होंगे कामयाब'

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Published : May 12, 2020, 8:01 PM IST

Updated : May 12, 2020, 8:50 PM IST

सूरजपुर जिला अस्पताल में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया गया. इस दौरान कलेक्टर दीपक सोनी भी मौजूद रहे. उन्होंने कोरोना महामारी के बीच अपनी सेवाएं दे रही नर्सेज़ का आभार जताते हुए उनका मनोबल बढ़ाया. वहीं कार्यक्रम में सभी नर्सेज़ ने ''हम होंगे कामयाब'' गीत गाया.

world nurse day celebrated in surajpur hospital
सूरजपुर जिला अस्पताल में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस

सूरजपुर: 12 मई अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है. नर्स को अगर अस्पताल की मां कहा जाए, तो गलत नहीं होगा, क्योंकि जिस तरह मां अपने बच्चे का ख्याल रखती है, उसी तरह नर्सेज़ भी अपने मरीजों का ध्यान रखती हैं. यह खास दिन सूरजपुर जिला अस्पताल में भी मनाया गया. इस दौरान कलेक्टर दीपक सोनी भी मौजूद रहे. उन्होंने फ्लोरेंस नाइटिंगेल के छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. जिसके बाद कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सभी नर्सेज़ ने ''हम होंगे कामयाब'' गीत गाया और कैंडल जलाकर केक भी काटा.

सूरजपुर जिला अस्पताल में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि कोरोना वायरस के दौरान नर्सेज ने जिस भाव से सेवा की है, वह सम्मानजनक है, जिसका कर्ज शायद दुनिया कभी भी नहीं चुका पाएगी. बिना नर्सिंग के स्वास्थ्य सुविधाएं संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि मरीजों को इंजेक्शन, दवाएं और उनकी देखभाल नर्स ही करती हैं. नर्स मरीजों को भावनात्मक संबल भी देती हैं. वे स्नेह और दुलार से रोगियों की देखभाल करती हैं.

पढ़ें-आज वर्ल्ड नर्स डे: 'सेवा परमो धर्म' की भावना से काम करती हैं नर्सें

तीसरे विश्वयुद्ध जैसा है कोरोना- कलेक्टर

कलेक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस तीसरे विश्वयुद्ध जैसा है. ये पिछले दो विश्व युद्धों से अलग है. इसमें हमें बंदूक, गोला-बारूद जैसे हथियारों की आवश्यकता नहीं है. हमें किसी की जान नहीं लेनी है, बल्कि हमें एक अदृश्य शत्रु से लड़ना है. इस युद्ध में हमारा सबसे बड़ा हथियार स्वास्थ्य विभाग है और इसमें हमें लोगों की जान बचानी है.

1974 से मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस

नर्सों ने बताया कि इस दिवस को फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. फ्लोरेंस नाइटिंगेल अपनी सेवा भाव के लिए जानी जाती हैं. अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद ने इस दिवस को पहली बार वर्ष 1956 में मनाया था. नर्स पेशे की शुरुआत करने वाली प्रख्यात फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने का निर्णय वर्ष 1974 में लिया गया था.

जहां एक तरफ कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में सभी लोग घर पर हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग दिनरात अपनी सेवाएं दे रहा है. इस महामारी से लड़ने में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. खासतौर पर नर्सेज़ जो रात-दिन मरीजों की सेवा में लगी रहती हैं, उनका योगदान अनमोल है. कई जगह कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज करते-करते नर्सेज़ भी कोरोना संक्रमित हो गईं, इसके बावजूद वे घबराई नहीं. इन कोरोना फाइटर्स को देश सलाम करता है.

Last Updated :May 12, 2020, 8:50 PM IST

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