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सूरजपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं हड़ताल पर, नियमितीकरण की है मांग

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Published : Dec 14, 2022, 11:37 PM IST

Anganwadi workers strike सूरजपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रंगमंच मैदान में आज छह दिवसीय धरना के प्रदर्शन का ऐलान किया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि "सरकार के वादे को याद दिलाने के लिए आज हम यह धरना प्रदर्शन किए हैं. सरकार के घोषणा पत्र में कहा गया था कि जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनेगी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कलेक्ट्रेट दर पर भुगतान किया जाएगा. अगर सरकार नियमितीकरण नहीं करते हैं तो कम से कम कलेक्टर दर में हमें शामिल कर लिया जाए ताकि हमारी आर्थिक स्थिति ठीक हो जाए." Surajpur news update

Anganwadi workers strike in Surajpur
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की हड़ताल

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की हड़ताल

सूरजपुर:Anganwadi workers strikeमामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की जिला महामंत्री चंदा राजवाड़े ने बताया कि "हम शासन की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाते हैं. सुबह 9:00 बजे से लेकर 2:00 बजे तक शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना. बच्चों को पढ़ाने के अलावा जितनी भी योजनाएं शासन द्वारा मिलती है. सब का क्रियान्वयन करते हैं. उसके बाद भी हमें मात्र ₹6000 मिलता है. छत्तीसगढ़ शासन ने चुनाव से पहले वादा किया था कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को कलेक्टर दर के आधार पर पैसा दिया जाएगा. 4 साल बीत जाने के बाद भी अब तक हमें कलेक्टर दर में शामिल नहीं किया गया है सरकार से गुजारिश है कि हमें नियमितीकरण ना करें तो कम से कम कलेक्टर दर पर भुगतान करें ताकि हम अपने बाल बच्चों का भरण पोषण अच्छे से कर सकें." Surajpur news update

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"हमें अपने भविष्य की चिंता भी सताती है":श्याम पति देवांगन का कहना है कि "हमें शासन द्वारा इतना कम भुगतान कराया जाता है. जिससे हमारे घर की रोजी रोटी नहीं चल पाती है. इतना कम भुगतान होने से हमें अपने भविष्य की चिंता भी सताती है. हमने ऐसे कई सारे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को देखा है. जो रिटायरमेंट के बाद इनकी स्थिति बहुत खराब है. क्योंकि रिटायरमेंट के बाद उन्हें कोई पूछने वाला नहीं रहता है. पूरी जिंदगी शासन की सेवा करने के बाद अब उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं रहता है. जिसे देखकर हम लोग भी परेशान रहते हैं कि जब तक काम करेंगे तब तक ही पैसा मिलेगा और रिटायर होने के बाद पैसा नहीं मिलेगा. कम से कम शासन से गुजारिश है कि इतना पैसा हमें दें ताकि हम उस पैसे में से कुछ पैसा बचा कर अपने बुढ़ापे के लिए रख सकें."

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