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राजनांदगांव में टोटल लॉकडाउन को लेकर व्यापारियों का नहीं हैं एकमत

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Published : Sep 5, 2020, 10:01 PM IST

राजनांदगांव में लगातार बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए टोटल लॉकडाउन की मांग उठने लगी है. हालांकि इसे लेकर शहर के व्यापारी एकमत होते नजर नहीं आ रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन को सफल करने के लिए सबसे पहले शराब दुकान, बैंक और अन्य भीड़ वाले सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को बंद करना चाहिए, जहां सबसे ज्यादा लोगों का जमावड़ा लगा रहता है.

traders are not agree for total lockdown in Rajnandgaon
राजनांदगांव में टोटल लॉकडाउन को लेकर व्यापारियों का नहीं हैं एकमत

राजनांदगांव : डोंगरगढ़ नगर सहित क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही टोटल लॉकडाउन की मांग उठने लगी है. हालांकि इसे लेकर शहर के व्यापारी एकमत होते नजर नहीं आ रहे हैं. इधर बीते हफ्तेभर से घटनाक्रम को देखते हुए जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जनपद ने क्षेत्र में टोटल लॉकडाउन करने के लिए कलेक्टर के नाम डोंगरगांव एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. जबकि व्यापारी संघ अब तक इसके लिए रायशुमारी कर रही है. अधिकतर व्यापारियों का मानना है कि लॉकडाउन को सफल करने के लिए सबसे पहले शराब दुकान, बैंक और अन्य भीड़ वाले सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को बंद करना पड़ेगा. जहां सबसे ज्यादा लोगों का जमावड़ा लगा रहता है.

राजनांदगांव जिला मुख्यालय के तर्ज पर डोंगरगढ़ में भी टोटल लॉकडाउन को लेकर व्यापारी संघ वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से व्यापारियों से रायशुमारी कर रही है. ज्यादातर व्यवसायी इसके पक्ष में नहीं हैं. जबकि बाहरी व्यवसायी लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने की बात कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक बीते दिनों जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के ने लॉकडाउन के संबंध में दिए गए ज्ञापन को भी पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिला है.

छोटे व्यवसायियों को होता है ज्यादा नुकसान

लॉकडाउन को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाने की खबर है, लेकिन नगर के ज्यादातर व्यापारी शराब दुकान और बैंकों के बंद होने के बाद ही लॉकडाउन की सहमति पर अड़े हुए हैं. जबकि दूसरे व्यवसायियों ने बताया कि लॉकडाउन का सबसे ज्यादा खामियाजा किरायेदारों और छोटे व्यापारियों को भुगतना पड़ता है. इसका उदाहरण नये बस स्टैंड के छोटे-छोटे व्यापारी सहित पुराने बस स्टैंड के आस-पास के परिसर में संचालित कुछ दुकानें हैं. जो कि अब हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं. इनमें वह व्यवसायी हैं, जो किराये के भवन पर अपना व्यवसाय संचालित कर रहे थे, लेकिन लंबे समय तक चले लॉकडाउन ने उनकी कमर तोड़ दी. इसका नतीजा यह है कि ऐसे व्यवसायियों को अपना व्यवसाय ही समेटना पड़ गया.

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एसडीएम वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सभी जनप्रतिनिधियों और व्यापारियों से चर्चा के बाद कलेक्टर को पत्र भेजा जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने व्यापारियों से कहा है कि अगर सुरक्षा को देखते हुए वे अपने व्यवसाय को बंद करना चाहते हैं, तो वे खुद से बंद कर सकते हैं. जबकि शराब दुकान बंद नहीं किए जाने के आदेश हैं.

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