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आरक्षण बिल पर दम है तो राज्यपाल के विरोध में पूरी सरकार दे दे इस्तीफा: पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल

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Published : Dec 28, 2022, 11:09 PM IST

छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. Politics on reservation in Chhattisgarh आरक्षण के मामले को लेकर राज्यपाल सहित पक्ष विपक्ष के कई बयान सामने आ चुके हैं. इतना ही नहीं आदिवासी समाज के लोग भी आरक्षण की मांग को लेकर लामबंद है. brijmohan agrawal press conference इस बीच एक बार फिर भाजपा ने आरक्षण के मामले को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है, विपक्ष ने राज्य सरकार से इस मामले में श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की है, वहीं सरकार के द्वारा राज्यपाल को लेकर की जा रही टिप्पणी पर भी पलटवार करते हुए भाजपा ने पूरी सरकार से इस्तीफे की मांग की है. raipur news update भाजपा का आरोप है कि एक छोटे से चुनाव के लिए यह बिल बिना तैयारी के हड़बड़ी में लाया गया है.

brijmohan agrawal on reservation issue
आरक्षण के मुद्दे पर बृजमोहन अग्रवाल

आरक्षण के मुद्दे पर बृजमोहन अग्रवाल का बयान

रायपुर: भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने तो यह तक कह दिया कि "दिवालिया सरकार ने आरक्षण का पेंच फंसाया है". brijmohan agrawal on reservation बृजमोहन अग्रवाल ने इसके अलावा भी राज्य सरकार पर कई संगीन आरोप लगाए. brijmohan agrawal press conference यहां तक कि उन्होंने पूरी सरकार से आरक्षण के मामले को लेकर और राज्यपाल के खिलाफ दिए बयान पर इस्तीफे तक की मांग तक कर दी. raipur news update यह मांग बृजमोहन अग्रवाल ने आज भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान की.

"छत्तीसगढ़ की सरकार युवाओं की कैरियर किलर":पत्रकार वार्ता के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने आरक्षण मामले को लेकर कहा कि "छत्तीसगढ़ की दिवालिया सरकार युवाओं की कैरियर किलर सरकार है. इस सरकार के पास युवाओं को नौकरी देने पैसे नहीं हैं. इसलिये आरक्षण का पेंच फंसा दिया है. brijmohan agrawal on reservation issue पूरा प्रदेश अभी आरक्षण की आग में जल रहा है और इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिम्मेदार हैं. अनुसूचित जनजाति आदिवासी वर्ग का 32 प्रतिशत आरक्षण समाप्त करने के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है."

"2012 से आदिवासी समाज को 32 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था":बृजमोहन अग्रवाल ने आगे कहा कि "वर्ष 2012 से आदिवासी समाज को 32 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था. brijmohan agrawal on reservation issue 19 सितंबर 2022 को आरक्षण 20 प्रतिशत हो गया. 4 साल से कांग्रेस की सरकार है. हाइकोर्ट में 32 प्रतिशत आरक्षण बचाने कुछ नहीं किया. कई बार तो कोर्ट में एडवोकेट जनरल खड़े तक नहीं हुए. जब इनके अधिकारियों का मामला होता है तो करोड़ो रुपये देकर बड़े वकील लगाते हैं. 19 सितम्बर को आरक्षण कम हुआ. 2 दिसंबर को यानी 70 दिन बाद विधेयक लाये. इन्होंने 58 प्रतिशत आरक्षण का बचाव नहीं किया. न अध्यादेश लाये और न सुप्रीम कोर्ट से स्थगन लिया. यह सरकार सभी वर्गों के साथ धोखा कर रही है."


"राज्यपाल को आयोग की रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत की":बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "सरकार ने आधार तय करने के लिए क्वांटिफायबल आयोग का गठन किया. brijmohan agrawal on reservation issue आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है परंतु सरकार ने विधानसभा के पटल पर भी इस रिपोर्ट को नहीं रखा और राज्यपाल को भी आयोग की रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत की. क्वांटिफायबल डाटा सार्वजनिक किया जाना चाहिए. क्योंकि जो जानकारी है उनके अनुसार डाटा में सरकार ने अपने मन मुताबिक भारी अनियमितता कराई है. साथ ही राज्यपाल के 10 सवालों का जो जवाब राज्य सरकार ने भेजा है उसे भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए.

"राज्यपाल के विरोध में पूरी सरकार इस्तीफा दे":बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "आज के राज्यपाल पर सवाल उठा रहे हैं. brijmohan agrawal on reservation issue उस राज्यपाल पर जिसने उनको शपथ दिलाई है यदि दम है तो राज्यपाल के विरोध में पूरी सरकार इस्तीफा दे दें."

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