रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया. मंत्री अमरजीत भगत ने सदन में रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में सकल घरेलू उत्पाद में साल 2019-20 की तुलना में गिरावट दर्ज की गई. हालांकि कृषि क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है. बाजार मूल्य पर सकल राज्य घरेलु उत्पाद 2019-20 की तुलना में 1.77 प्रतिशत कमी आई है. मंत्री अमरजीत भगत ने आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखा. राज्य में सकल घरेलू उत्पाद में 2019-20 की तुलना में 1.77 प्रतिशत की गिरावट आई है. क्षेत्र में 4.61 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान दर्ज किया गया है.
- छत्तीसगढ़ में 2020-21 में GDP 3 लाख 50 हजार 270 करोड़ अनुमानित.
- 2019-20 में GSDP 3 लाख 44 हजार 955 करोड़ था. इस साल GSDP में 1.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
- कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन में GSDP 6,969 करोड़ तक पहुंचा.
- उद्योग क्षेत्र में निर्माण, विनिर्माण, खनन और उत्खनन, विद्युत, गैस और जल आपूर्ति शामिल है
- 2019-20 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के भावों में 2011-12 के मुताबिक आंकड़े उत्साहवर्धक है.
सकल घरेलू उत्पाद में कमी चिंताजनक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद की दर में कमी होना बेहद चिंताजनक है. इसका असर छत्तीसगढ़ के जनजीवन और विकास पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरे तरीके से केंद्र से मिलने वाले मिलने वाली राशि पर ही आश्रित है.
अन्नदाताओं के साथ छल नहीं होने देंगे
सीएम भूपेश बघेल ने कहा हम अन्नदाताओं के साथ छल नहीं होने देंगे. सीएम बघेल ने कहा कि यह देश और प्रदेश अन्नदाताओं का है. हम किसी भी सूरत में किसानों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं होने देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि चर्चा के दौरान जो लोग यहां समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर बातें कर रहे थे. दिल्ली में उन्हीं की सरकार है. वहां समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं. 200 से अधिक किसानों की मौत हो गई, लेकिन तब केंद्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि किसानों पर 3 ऐसे कानून जबरदस्ती थोपे जा रहे हैं, जिसे किसान चाहते ही नहीं. उन्होंने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा.
प्रदेश की जनता के लिए केंद्र को हजार बार पत्र लिखूंगा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के हितों को लेकर केन्द्र को लगातार पत्र लिखता हूं. इसलिए विपक्षी सदस्यों ने आज मुझे पत्रजीवी कहा, लेकिन आदिवासियों, नौजवानों, किसानों, अनुसूचित जाति, जनजाति और छत्तीसगढ़ के हितों की बात जब भी आएगी, तो मैं हजार बार पत्र लिखूंगा. हमने किसानों की सुविधा बढ़ाने के लिए 263 नये उपार्जन केन्द्र बनाएं. प्रदेश में 2300 धान खरीदी केन्द्र होने से धान खरीदी में कहीं अव्यवस्था नहीं हुई.
बारदानों की कमी के बाद भी धान खरीदी का काम व्यवस्थित
सीएम बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जब केन्द्रीय पूल में 60 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने की सहमति दी थी. केन्द्र सरकार अब महज 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद रही है. विपक्ष को 60 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराने के लिए केन्द्र से अनुमति दिलानी चाहिए.
- सरकार की नीतियों से कृषि के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है.
- 2015-16 में 13 लाख 17 हजार 583 किसानों का पंजीयन हुआ था.
- 11 लाख 5 हजार 556 किसानों ने धान बेचा.
- 16.1 प्रतिशत किसान धान नहीं बेच पाए.
- 2016-17 में 14 लाख 51 हजार 88 किसानों का पंजीयन हुआ.
- 13 लाख 27 हजार 944 किसानों ने धान बेचा.
- 8.5 प्रतिशत किसान धान नहीं बेच पाए.
- 2017-18 में 15 लाख 77 हजार 332 किसानों का पंजीयन हुआ.
- 12 लाख 6 हजार 224 किसानों ने धान बेचा और 23.6 प्रतिशत किसान धान नहीं बेच पाए
- 2020-21 में 21 लाख 52 हजार 475 किसानों का पंजीयन किया गया
- 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने धान बेचा
- 95.38 प्रतिशत किसानों से धान की खरीदी हुई.
- प्रदेश में 24 लाख 86 हजार 665 हेक्टेयर रकबे में किसानों ने धान का उत्पादन किया.