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आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21: छत्तीसगढ़ में अर्थव्यवस्था की सेहत ठीक, लेकिन घटी प्रति व्यक्ति आय

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Published : Feb 26, 2021, 8:24 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा में 2020-21 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया गया . रिपोर्ट में प्रति व्यक्ति आय में पिछले साल की तुलना में कमी हुई है. हालांकि कृषि के क्षेत्र में बढ़ोतरी का अनुमान है. सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अर्थव्यवस्था फिलहाल ठीक है.

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आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर बवाल

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया. मंत्री अमरजीत भगत ने सदन में रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में सकल घरेलू उत्पाद में साल 2019-20 की तुलना में गिरावट दर्ज की गई. हालांकि कृषि क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है. बाजार मूल्य पर सकल राज्य घरेलु उत्पाद 2019-20 की तुलना में 1.77 प्रतिशत कमी आई है. मंत्री अमरजीत भगत ने आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखा. राज्य में सकल घरेलू उत्पाद में 2019-20 की तुलना में 1.77 प्रतिशत की गिरावट आई है. क्षेत्र में 4.61 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान दर्ज किया गया है.

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर बवाल
  • छत्तीसगढ़ में 2020-21 में GDP 3 लाख 50 हजार 270 करोड़ अनुमानित.
  • 2019-20 में GSDP 3 लाख 44 हजार 955 करोड़ था. इस साल GSDP में 1.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
  • कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन में GSDP 6,969 करोड़ तक पहुंचा.
  • उद्योग क्षेत्र में निर्माण, विनिर्माण, खनन और उत्खनन, विद्युत, गैस और जल आपूर्ति शामिल है
  • 2019-20 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के भावों में 2011-12 के मुताबिक आंकड़े उत्साहवर्धक है.

सकल घरेलू उत्पाद में कमी चिंताजनक

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद की दर में कमी होना बेहद चिंताजनक है. इसका असर छत्तीसगढ़ के जनजीवन और विकास पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरे तरीके से केंद्र से मिलने वाले मिलने वाली राशि पर ही आश्रित है.

अन्नदाताओं के साथ छल नहीं होने देंगे

सीएम भूपेश बघेल ने कहा हम अन्नदाताओं के साथ छल नहीं होने देंगे. सीएम बघेल ने कहा कि यह देश और प्रदेश अन्नदाताओं का है. हम किसी भी सूरत में किसानों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं होने देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि चर्चा के दौरान जो लोग यहां समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर बातें कर रहे थे. दिल्ली में उन्हीं की सरकार है. वहां समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं. 200 से अधिक किसानों की मौत हो गई, लेकिन तब केंद्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि किसानों पर 3 ऐसे कानून जबरदस्ती थोपे जा रहे हैं, जिसे किसान चाहते ही नहीं. उन्होंने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा.

प्रदेश की जनता के लिए केंद्र को हजार बार पत्र लिखूंगा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के हितों को लेकर केन्द्र को लगातार पत्र लिखता हूं. इसलिए विपक्षी सदस्यों ने आज मुझे पत्रजीवी कहा, लेकिन आदिवासियों, नौजवानों, किसानों, अनुसूचित जाति, जनजाति और छत्तीसगढ़ के हितों की बात जब भी आएगी, तो मैं हजार बार पत्र लिखूंगा. हमने किसानों की सुविधा बढ़ाने के लिए 263 नये उपार्जन केन्द्र बनाएं. प्रदेश में 2300 धान खरीदी केन्द्र होने से धान खरीदी में कहीं अव्यवस्था नहीं हुई.

बारदानों की कमी के बाद भी धान खरीदी का काम व्यवस्थित

सीएम बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जब केन्द्रीय पूल में 60 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने की सहमति दी थी. केन्द्र सरकार अब महज 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद रही है. विपक्ष को 60 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराने के लिए केन्द्र से अनुमति दिलानी चाहिए.

  • सरकार की नीतियों से कृषि के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है.
  • 2015-16 में 13 लाख 17 हजार 583 किसानों का पंजीयन हुआ था.
  • 11 लाख 5 हजार 556 किसानों ने धान बेचा.
  • 16.1 प्रतिशत किसान धान नहीं बेच पाए.
  • 2016-17 में 14 लाख 51 हजार 88 किसानों का पंजीयन हुआ.
  • 13 लाख 27 हजार 944 किसानों ने धान बेचा.
  • 8.5 प्रतिशत किसान धान नहीं बेच पाए.
  • 2017-18 में 15 लाख 77 हजार 332 किसानों का पंजीयन हुआ.
  • 12 लाख 6 हजार 224 किसानों ने धान बेचा और 23.6 प्रतिशत किसान धान नहीं बेच पाए
  • 2020-21 में 21 लाख 52 हजार 475 किसानों का पंजीयन किया गया
  • 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने धान बेचा
  • 95.38 प्रतिशत किसानों से धान की खरीदी हुई.
  • प्रदेश में 24 लाख 86 हजार 665 हेक्टेयर रकबे में किसानों ने धान का उत्पादन किया.

तेंदूपत्ता समर्थन मूल्य पर खरीदी

सीएम भूपेश ने कहा, हमारी सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2 हजार 500 रुपये से बढ़ाकर 4 हजार रुपये प्रति मानक बोरा की. तेंदूपत्ता समर्थन मूल्य पर खरीदे जा रहे हैं. 7 लघु वनोपजों की संख्या बढ़ाकर 52 कर दी है. लघु वनोपजों का वैल्यू एडिशन भी किया जा रहा है. वन अधिकार पत्र के उन मामलों का भी निराकरण किया. 4 लाख 33 हजार केस में 9 लाख 3 हजार 520 एकड़ का वनभूमि का अधिकार दिया गया. 41 हजार 16 सामुदायिक प्रकरणों में 37 लाख 870 एकड़ का अधिकार दिया गया. 46 लाख 4 हजार 399 एकड़ वनभूमि का अधिकार दिलाया है.

नई उद्योग नीति के फायदे

  • 2019 में नई उद्योग नीति लागू की गई.
  • 1249 उद्योगों की स्थापना हुई.
  • उद्योगों में 16 हजार 986 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ
  • 22 हजार लोगों को रोजगार मिला है
  • मेगा औद्योगिक परियोजनाओं के लिए 104 एमओयू किए गए.
  • 42 हजार 417 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा
  • 200 फूड पार्क स्थापित करने का लक्ष्य.
  • 111 स्थानों पर फूड पार्क के लिए जगह चिन्हित
  • प्रदेश में सिंचाई 9 लाख 68 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 13 लाख हेक्टेयर
  • पिछली सरकार ने 15 साल के अपने कार्यकाल में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए 18 हजार 225 करोड़ रुपये खर्च किए.
  • इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2020 में छत्तीसगढ़ की पुलिसिंग को देशभर में दूसरा स्थान मिला

मेडिकल काॅलेज का अधिग्रहण छात्रों के हित के लिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी सरकार के कार्यकाल में रेत खदान का संचालन पंचायतों द्वारा किया जाता था. तब तरह-तरह की शिकायतें मिलती थी. अब टेंडर के जरिए संचालन की व्यवस्था की है. केवल टेंडर से ही 25 करोड़ रुपये का राजस्व आया. खदानों के संचालन से जो आय होगी, उसका 25 प्रतिशत हिस्सा एड करके पंचायतों को उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल काॅलेज का अधिग्रहण छात्रों के हित में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किया. काॅलेज का संचालन निजी हांथों में था, उसे छात्रों के हित के लिए हमने अधिग्रहण किया.

नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ संकल्प पारित

सदन में नगरनार स्टील प्लांट निजीकरण नहीं होने देने के लिए संकल्प पारित किया गया. बस्तर के लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि इस संयंत्र को एनएमडीसी या सीएमडीसी जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां संचालित करें. एकतरफा विनिवेश नहीं होने देंगे. छत्तीसगढ़ सरकार स्टील प्लांट को बचाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल से पहले छत्तीसगढ़ में मात्र 151 वेंटिलेटर थे, जिसे बढ़ाकर हमनें 514 किया है. ICU की संख्या 53 से बढ़ाकर 406, ऑक्सीजन बेड की संख्या अब बढ़ाकर 1668 कर दी गई है.

भारत सरकार सभी का कराए वैक्सीनेशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के टीकाकरण मामले में केवल 3 करोड़ लोग ही भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं है. 135 करोड़ लोगों को निशुल्क टीके लगवाने की व्यवस्था करनी चाहिए. केन्द्र सरकार ऐसा करने से इनकार करती है, तो अपने राज्य में हम अपने खर्च पर टीकाकरण करवाएंगे.

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