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Kaal Sarp Dosh Upay: कुंडली में कालसर्प दोष दूर करने के लिए नाग पंचमी के दिन करें ये उपाय

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Published : Jul 31, 2022, 11:15 PM IST

अगर आपके कुंडली में भी कालसर्प दोष है तो इन उपायों को करके आप इस दोष से मुक्ति पा सकते हैं. नागपंचमी के दिन किए गये उपायों से कालसर्पदोष से मुक्ति मिलती (measures on Nag Panchami to remove Kaal Sarp Dosh ) है.

Kaal Sarp Dosh
कालसर्प दोष का कैसे करें निदान ?

रायपुर:कालसर्प योग ज्योतिष शास्त्र में बनने वाला एक महत्वपूर्ण योग माना गया है. जब राहु और केतु के बीच सारे ग्रह आ जाते हैं तब कालसर्प का निर्माण होता है. यह दोष 12 प्रकार से बनता है. ऐसे जातक के जीवन में अनेक तरह की परेशानियां और चुनौतियां आती (measures on Nag Panchami to remove Kaal Sarp Dosh ) है. कई बार ऐसे जातक बहुत अधिक सफल भी देखे गए हैं. उनके जीवन में सफलता का पैमाना बहुत उच्च स्तरीय रहता है. जैसे सचिन रमेश तेंदुलकर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु और श्रीमती इंदिरा गांधी आदि ऐसे अनेक उदाहरण मिलेंगे, जिन्होंने कालसर्प दोष के साथ महान सफलताएं और ऊंचाइयां हासिल की है.

कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए राहु और केतु के मंत्र:इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "कालसर्प दोष के जातक राहु और केतु के मंत्रों का नियमित रुप से जाप करते रहें. इनका नियमित जाप उन्हें बल देता है. कालसर्प दोष के जातक के जीवन में नागपंचमी के दिन इसकी शांति कराने पर विशेष परिणाम मिलते हैं. नाग पंचमी नाग देवता का एक विशिष्ट पर्व माना गया है. इस दिन मंगला गौरी व्रत जागृत पंचमी रवि योग उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र बवकरण और मंगलवार का सुंदर सुयोग बन रहा है. नागपंचमी के दिन ज्योतिर्लिंग त्रंबकेश्वर उज्जैन अथवा ओंकारेश्वर में भी इसकी शांति पाठ कराना बहुत शुभ माना गया है."

कुंडली में कालसर्प दोष

नाग पंचमी के दिन ही समुद्र मंथन हुआ था:इस दिन राहु केतु की शांति, कालसर्प दोष की शांति और पितृ दोष की शांति हेतु बहुत ही शुभ मुहूर्त है. इस दिन राहु के साथ केतु की भी पूजा की जाती है. चांदी के नाग-नागिन अथवा सोने के नाग नागिन और कई स्थानों पर गोबर के द्वारा नाग नागिन बनाकर यह पूजा की जाती है. कालसर्प कि शांति विशिष्ट मंत्रों के द्वारा की जानी चाहिए. इस दिन महामृत्युंजय मंत्र, नाग स्रोत नाग चालीसा और शिव जी के संकल्प मंत्र के द्वारा इसकी शांति की जाती है. इस दिन रुद्राभिषेक दुग्ध अभिषेक और जला अभिषेक के द्वारा या पूजन किया जाता है. नाग पंचमी के पावन पर्व में ही समुद्र मंथन का कार्य हुआ था, जिसमें सर्प के द्वारा ही भू लोक का मंथन किया जाता है. सर्प के मुख पर असुरगण और सर्प की पूछ पर देवतागण विराजित होते हैं.

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चंडाल योग और क्रोध योग के लिए भी ये दिन शुभ: सावन के महीने में ही भगवान शिव अपने ससुराल अर्थात धरती पर आते हैं. इसलिए सावन का महीना विशेष मायने रखता है. इसी महीने ही समस्त ग्रंथों वेदो पुराणों का जाप और श्रवण करना शुभ माना गया है. इसी कड़ी में सर्प दोष निवारण मंत्र राहु के मंत्र राहु गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. महाकाल रुद्र स्रोत शिव अथर्व शीर्ष महामृत्युंजय स्रोत कालसर्प दोष निवारण स्रोत और कालसर्प दोष शांति प्रार्थना मंत्र और मनसा देवी स्त्रोत्र का पाठ जाप और श्रवण करना अत्यंत शुभ माना गया है. इसी तरह चंडाल योग क्रोध योग में भी नागपंचमी के शुभ दिन नाग की पूजा करना अत्यंत ही शुभ माना गया है. ऐसी मान्यता है कि सभी 12 तरह के कालसर्प योग की शांति हेतु यह व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है. आज के दिन पूजन करने से पितृ लोक भी प्रसन्न होते हैं.

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