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Achanakmar Tiger Reserve Closed: पर्यटकों के लिए बंद हुआ एटीआर, जानिए क्यों

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Published : Jul 1, 2023, 7:01 PM IST

Achanakmar Tiger Reserve Closed अचानकमार टाइगर रिजर्व के गेट एक जुलाई से लेकर 31 अक्टूबर तक बंद कर दिए गए हैं. दरअसल छत्तीसगढ़ में मानसून ने दस्तक दे दी है. इसी के साथ ही प्रदेश के टाइगर रिजर्व अगले चार महीनों के लिए लिए बंद कर दिए गए हैं.

Achanakmar Tiger Reserve
पर्यटकों के लिए बंद हुआ एटीआर

मुंगेली :अचानकमार टाइगर रिजर्व एक जुलाई से बंद कर दिया गया है. मॉनसून के समय चार महीनों के लिए टाइगर रिजर्व अब पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है. अब पर्यटक अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में जंगल सफारी का आनंद नहीं ले पाएंगे. एटीआर प्रबंधन ने यह निर्णय एनटीसीए के गाइडलाइन के मुताबिक लिया है.

क्यों बंद किए जाते हैं गेट: आपको बता दें कि मॉनसून का सीजन जानवरों का प्रजनन काल माना जाता है. इसी वजह से हर साल टाइगर रिजर्व में सफारी बंद कर दी जाती है ताकि वन्यजीवों के प्रजनन काल में किसी भी तरह का खलल ना पड़े. लिहाजा बारिश के मौसम में एक जुलाई से लेकर इकतीस अक्टूबर के बीच सफारी बंद कर दी जाती है. इसके बाद फिर से नवंबर में जंगल सफारी के गेट खोल दिए जाते हैं. एटीआर के अधिकारियों के मुताबिक इन चार महीनों में जहां कोर एरिया में सफारी बंद रहेगी, वहीं जंगल के बफर एरिया में सफारी जारी रहेगी. जिससे यहां घूमने आने वाले पर्यटक बफर एरिया के जंगल को करीब से देख सकेंगे.

कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ के बाघ आते हैं एटीआर:अचानकमार टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों की भरमार है. यहां अलग अलग प्रजाति के साथ ही हिरणों की कई प्रजातियां रहती हैं. इनका प्राकृतिक रहवास अचानकमार टाइगर रिजर्व होने के साथ ही बाघों के लिए यह स्वर्ग है. यहां हिरणों की संख्या काफी ज्यादा है. इसी वजह से कान्हा नेशनल पार्क और बांधवगढ़ नेशनल पार्क के साथ पेंच नेशनल पार्क के बाघ शिकार के लिए यहां पहुंचते हैं.

मुंगेली के अचानकमार टाइगर रिजर्व में हुई बाघिन की एंट्री
अचानकमार टाइगर रिजर्व बना पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र
अचानकमार टाइगर रिजर्व में जानवरों की भरमार, देखने के लिए उमड़े सैलानी

जंगली जानवरों का है प्राकृतिक रहवास : मुंगेली जिले के लोरमी इलाके में स्थित अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघ,तेंदुआ,हाथी,जंगली भालू,ब्लैक पैंथर समेत अनैक प्रजाति के वन्यप्राणी और पक्षी मौजूद है. इसके अलावा सियार, चौसिंग्घा, मृग, चिंकारा के अलावा 50 प्रकार के स्तनधारी जीव और दो सौ से भी ज्यादा प्रजातियों के पक्षी का एटीआर प्राकृतिक रहवास है.

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