कोरबा: रोजगार और अन्य लंबित मांगों को लेकर भू-विस्थापितों ने सोमवार को एसईसीएल (SECL) के कुसमुंडा और गेवरा स्थित जीएम कार्यालयों का एक साथ घेराव किया है. कुसमुंडा में माकपा की अगुवाई में भू विस्थापित लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं तो गेवरा में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जयसवाल के साथ मिलकर भू-विस्थापितों ने जमकर हंगामा किया. दोनों ही जीएम इस दौरान अपने कार्यालय में संधारण थे, भू-विस्थापितों ने कुसमुंडा और गेवरा में कार्यालय का काम लगभग ठप कर दिया था.
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60 फीसदी कामों में मिले हिस्सेदारी, 10 दिन की मोहल्लत
गेवरा में एशिया की सबसे बड़ी खुली कोयला खदान संचालित है.यहां से लाखों टन कोयले का उत्खनन होता है, लेकिन जिन भू विस्थापितों के जमीन का अधिग्रहण कर कोयला खदान का संचालन शुरू किया गया. वह आज भी रोजगार के लिए भटक रहे हैं.
जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष व कांग्रेस नेता अजय जायसवाल ने कहा कि हमने आज तय कर लिया था कि सीजीएम कार्यालय में कोई भी काम नहीं होने देंगे. कार्यालय खुलने के पहले ही हम गेट पर धरना देकर बैठ गए थे. एसईसीएल से हमारी मांग है कि खदान व इससे संबंधित इलाकों में जो भी काम ठेका पद्धति से किए जाते हैं, उसमें 60 फीसदी हिस्सेदारी भू विस्थापितों की हो, जो योग्य है उन्हें और भी बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं.