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बिरहोर जनजाति से 12वीं पास करने वाली छत्तीसगढ़ की पहली छात्रा बनी निर्मला

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Published : Jun 28, 2020, 9:53 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 10:20 PM IST

जशपुर की निर्मला बिरहोर जनजाति समुदाय की पहली छात्रा बन गई हैं जिसने 12वीं की परीक्षा पास की है.निर्मला की इस सफलता पर जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे ने शुभकामनाएं दी है और आगे की पढ़ाई के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.

Nirmala of jashpur is first student from birhor tribe who pass 12th class
निर्मला ने बिरहोर जनजाति का बढ़ाया मान

जशपुर : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से प्रदेश को गौरवान्वित करने वाली खबर आई है. यहां बिरहोर जनजाति की बेटी निर्मला ने हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की है. हायर सेकंडरी की परीक्षा में निर्मला ने 58 प्रतिशत अंक हासिल किया है. निर्मला, बिरहोर जनजाति समुदाय की पहली छात्रा बन गई हैं जिसने 12वीं की परीक्षा पास की है. निर्मला प्रदेश की भी पहली बिरहोर जनजाति की छात्रा हैं जिसने हायर सेकंडरी की परीक्षा पास की है. निर्मला की इस सफलता पर जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे ने शुभकामनाएं दी है.

निर्मला ने रचा इतिहास

जिले के दुलदुला विकासखंड के छोटे गांव झारगांव की रहने वाली कुमारी निर्मला एक सामान्य परिवार की रहने वाली है. जिसके पिता कुंवर राम एक खेतिहर मजदूर और माता बिरसमणी एक घरेलू महिला हैं. कुमारी निर्मला बताती हैं कि अनेक आर्थिक कठिनाईयों का सामना करने के बावजूद उसने कभी हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी.

अपने माता-पिता के साथ निर्मला

निर्मला का कहना है कि उनके समाज में लड़कियों का ज्यादा पढ़ने का मौका नहीं दिया जाता और कम उम्र में ही उनकी शादी करा दी जाती है. उसकी शादी की जा रही थी लेकिन उसने शादी से मना कर दिया और पढ़ाई में लगी रही. निर्मला आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए काॅलेज करना चाहती है और अपने सपने पूरा करना चाहती हैं. वह भविष्य में मेहनत करके टीचर बनना चाहती है. ताकि समाज की सेवा और अपने जैसी दूसरी लड़कियों की मदद कर सके. निर्मला ने कहा कि वह अपने समाज के लोगों को लड़कियों की शिक्षा के प्रति जागरूक करना चाहती है.

निर्मला ने लहराया परचम

कम उम्र में शादी करा देने की प्रथा

बिरहोर जनजाति के लोग आजीविका के लिए जंगलों पर ही निर्भर करती है. पीढ़ियों से विरासत में मिले कमी के बीच किसी बच्ची की शिक्षा के प्रति यह ललक बदलाव का संकेत भी है और दूसरी लड़कियों के लिए उम्मीद भी. निर्मला के मामले में यह भी खास है कि उसने पहली से लेकर बारहवीं तक नियमित पढ़ाई करके यह उपलब्धि हासिल की है. समुदाय में बच्चियों की कम उम्र में ही शादी करा देने की प्रथा के कारण, उन्हें बीच में ही पढ़ाई छोड़ देनी पड़ती है. वे परिवार की आजीविका और रोजमर्रा के कामों में उलझकर रह जाती हैं. निर्मला के परिवार की आर्थिक स्थिति भी दूसरे बिरहोर परिवारों की तरह बेहद कमजोर हैं. उसके माता-पिता परिवार चलाने के लिए वनोपज संग्रहण करने के अलावा मजदूरी भी करते हैं.

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कलेक्टर ने दिया मदद का भरोसा

निर्मला की इस सफलता पर कलेक्टर महादेव कावरे ने भी उससे मुलाकात कि और शुभकामनाएं देते हुए उसके उज्वल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि शासकीय संकल्प शिक्षण संस्थान से पढ़ाई कर बिरहोर समुदाय की निर्मला ने 12 वीं पास का कर अपने समाज के साथ जिले का नाम भी रोशन किया है. निर्मला को शासन की ओर से आगे की पढ़ाई के लिए पूरा सहयोग दिया जाएगा. साथ ही अगर वह कोई काम करना चाहती है तो उसमें भी उसका सहयोग किया जाएगा.

Last Updated : Jun 28, 2020, 10:20 PM IST

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