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छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ में बंपर वोटिंग, जानिए क्या रहा बड़ा फैक्टर ?

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 21, 2023, 2:02 PM IST

Updated : Nov 21, 2023, 11:19 PM IST

छत्तीसगढ़ में इस बार बस्तर संभाग के उन इलाकों में बंपर वोटिंग देखने को मिली हैं जहां कभी नक्सली आतंक हुआ करता था. आखिर क्या वजह रही कि लोकतंत्र के महापर्व के प्रति नक्सलगढ़ के ग्रामीणों का विश्वास बढ़ा.आज हम जानेंगे वो कौन से कारण हैं,जिसकी वजह से गन'तंत्र' पर लोकतंत्र का महापर्व हावी रहा.

Bumper Voting in Bastar division
छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ में बंपर वोटिंग के मायने

छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ में बंपर वोटिंग के मायने

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में दो चरणों के चुनाव के बाद अब 3 दिसंबर का इंतजार हो रहा है. तीन दिसंबर को प्रदेश में अगले पांच साल किसकी सरकार होगी इससे पर्दा उठ जाएगा.इस बार दो चरणों में हुए मतदान में नक्सलगढ़ के उन जगहों पर भी वोटिंग हुई जहां पहले कभी चुनाव नहीं हुए.यानी इन जगहों के पोलिंग बूथ या तो शिफ्ट किए जाते थे या फिर मतदाताओं को किसी दूसरे गांव के साथ जोड़कर मतदान करवाया जाता था.लेकिन इस बार धुर नक्सल इलाकों में भी कड़ी सुरक्षा के बीच संवेदनशील पोलिंग बूथों पर वोटिंग कराई गई.

पहले चरण के मतदान में बस्तर संभाग में वोटिंग :छत्तीसगढ़ में पहले चरण के तहत विधानसभा चुनाव का मतदान 20 सीटों पर 7 नवंबर को हुआ था. इनमें से 12 विधानसभा सीटें बस्तर संभाग की थी. जिसमें अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, चित्रकोट, बस्तर, जगदलपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोंटा शामिल हैं. बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में मतदान का समय अलग-अलग निर्धारित किया गया था. कुछ विधानसभा सीटों पर सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक का समय निर्धारित था.

चप्पे-चप्पे पर तैनात था भारी सुरक्षा बल :छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान को लेकर बस्तर संभाग में कड़ी सुरक्षा तैनात की गई थी. बस्तर संभाग में लगभग 90 हजार से 1 लाख जवानों को तैनात किया गया था. साथ ही साथ कई पोलिंग बूथों की कमान महिला कमांडो के हाथों में थी.धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के मतदान केंद्रों के लिए जवानों को एयर लिफ्ट किया गया था.इसके साथ ही बॉर्डर पर भी सीमावर्ती राज्य ओड़ीसा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र की सीमा पर सुरक्षा बल तैनात था.

40 मतदान केंद्रों में पहली बार वोटिंग :इस बारे में बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर संभाग के 40 ऐसे मतदान केंद्र थे,जहां पहली बार मतदान कराया गया. इन क्षेत्रों को सुरक्षित करने के बाद मतदान केंद्र बनाकर वोटिंग करवाई गई.इन सभी जगहों पर वोटिंग प्रतिशत अच्छा रहा. इनमें करीगुंडम, मीनपा, गलगम, सिलगेर, चांदामेटा, कलेपाल सहित कई गांव शामिल किए गए थे.


''40 मतदान केंद्रों में निर्भीक और निडरता के साथ मतदाता पहुंचे थे. जहां इस चुनाव का मत प्रतिशत भी बेहतर रहा है. साथ ही ऐसे मतदान केंद्र जिन्हें 2018 में शिफ्ट किया गया था. जहां पिछले चुनावों में 2 प्रतिशत मतदान हुआ था. वहां इस चुनाव में 68 प्रतिशत मतदान हुआ. यह नक्सलगढ़ में स्थित करीगुंडम मतदान केंद्र है.'' सुंदरराज पी , आईजी बस्तर

क्यों नक्सलगढ़ में बढ़ा मतदान प्रतिशत ? :बस्तर आईजी की माने तो इस चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. एक तरफ नक्सली चुनाव का बहिष्कार करते रहे. लेकिन बस्तर के ग्रामीण लोकतंत्र का हिस्सा बने . ग्रामीण नक्सलियों की चेतावनी को अस्वीकार करते हुए लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनने के लिए बढ़-चढ़कर मतदान करने पहुंचे. बस्तर में पिछले 5 सालों में करीब 65 से अधिक नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए. जहां जवानों ने अंदरूनी क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति दी. जिससे लोगों का विश्वास सुरक्षाबल के प्रति बढ़ा है. इस कारण से अंदरूनी क्षेत्रों में ग्रामीण लोकतंत्र का हिस्सा बने हैं. इस कारण से इन इलाकों में अच्छे वोटिंग प्रतिशत से मतदान हुआ है.

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नक्सली घटनाओं में आई कमी :साल 2023 में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में नक्सल घटनाओं में भी कमी देखने को मिली है. करीब 14 आईईडी बम रिकवर किए गए. 2-3 स्थानों पर नक्सलियों ने आईईडी बम विस्फोट किया. जिसमें जवानों को मामूली चोटें भी आई थी. जिनकी स्थिति फिलहाल सामान्य हैं.कांकेर के माड़ पखांजूर इलाके में एक एके 47 हथियार भी बरामद किया गया. कुछ इलाकों में नक्सलियों को काफी नुकसान पहुंचने का अनुमान भी है. जिसका साक्ष्य भी पुलिस के पास मौजूद है. नक्सलियों से लोहा लेने के लिए पूर्व से ही बस्तर में हजारों की संख्या में जवान तैनात हैं. जो नक्सल विरोधी अभियान संचालित कर रहे हैं.

Last Updated : Nov 21, 2023, 11:19 PM IST

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