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धमतरी की बहादुर अंशिका को मिलेगा राज्य वीरता पुरस्कार, राज्यपाल करेंगी सम्मानित

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Published : Jan 22, 2020, 10:17 PM IST

धमतरी की बहादुर लड़की अंशिका ने सूझबूझ और बहादुरी से अपनी बड़ी बहन को करंट लगने से बचाया था. इस बहादुरीभरे काम के बाद अंशिका को वीरता पुरस्कार दिया जाएगा.

अंशिका को मिलेगा राज्य वीरता पुरस्कार
अंशिका को मिलेगा राज्य वीरता पुरस्कार

धमतरी : संबलपुर गांव की बहादुर लड़की अंशिका साहू को 26 जनवरी को राजधानी में राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. अंशिका को ये वीरता पुरस्कार राज्यपाल के हाथों दिया जाएगा. 6 साल की अंशिका कक्षा दूसरी की छात्रा है. 2 साल पहले साल 2018 में अंशिका ने बहादुरी का परिचय देते हुए अपनी बड़ी बहन की जान बचाई थी.

अंशिका को मिलेगा वीरता पुरस्कार.

दरअसल, अंशिका 2 साल पहले अपनी बड़ी बहन आकांक्षा साहू के साथ घर के बाहर खेल रही थी, तभी आकांक्षा बिजली के तार की चपेट में आ गई इस दौरान महज 4 साल की अंशिका ने सूझबूझ और बहादुरी दिखाते हुए अपनी चप्पल निकाली और बड़ी बहन को मारकर उसे तार से अलग कर दिया, जिससे आकांक्षा की जान बच गई.

अंशिका को मिलेगा राज्य वीरता पुरस्कार

परिवार में खुशी का माहौल
बता दें कि इस बहादुरी के इनाम के तौर पर अंशिका को नकद रकम, प्रशस्ति पत्र और मेडल से नवाजा जाएगा.अंशिका के पिता साधारण खेती मजदूरी का काम करते हैं. इस इनाम से पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है. साथ ही अंशिका के पिता और शिक्षिका ने अंशिका पर गर्व जताया है.

Intro:विषम परिस्थितियों में हिम्मत ना हार कर अगर सूझबूझ से काम किया जाए तो बड़ी से बड़ी विपत्तियां को टाला जा सकता है.कुछ ऐसा ही कमाल धमतरी के अंशिका ने कर दिखाया है अंशिका ने अपनी बड़ी बहन को करंट से चिपकने से बचाया था लिहाज़ा उन्हें राज्य वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा.


Body:धमतरी के संबलपुर गांव की बहादुर लड़की अंशिका साहू को आगामी 26 जनवरी को राजधानी में वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.यह वीरता पुरस्कार उन्हें राज्यपाल के हाथों दिया जाएगा.6 साल की अंशिका कक्षा दूसरी की छात्रा है 2 साल पहले सन 2018 में अंशिका ने वीरता का परिचय देते हुए अपनी बड़ी बहन की जान बचाई थी.

अंशिका 2 साल पहले अपनी बड़ी बहन आकांक्षा साहू के साथ घर के बाहर खेल रही थी तभी आकांक्षा बिजली की अर्थिंग तार के संपर्क में आकर चिपक गई जिसमें करंट प्रभावित हो रहा था तब महज 4 साल की अंशिका ने सूझबूझ और बहादुरी दिखाते हुए अपनी चप्पल निकाली और बड़ी बहन को मारकर अर्थिंग तार से अलग कर लिया जिससे आकांक्षा की जान बच गई.


Conclusion:इस बहादुरी के इनाम के तौर पर अंशिका को नकद रकम,प्रशस्ति पत्र और मेडल से नवाजा जाएगा.अंशिका के पिता साधारण खेती मजदूरी का काम करते है इस इनाम से पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है अंशिका उसके पिता और शिक्षिका ने अंशिका पर गर्व जताया है.

बाईट_01 अंशिका साहू,बहादुर बच्ची
बाईट_02 रूखमणी ध्रुव,प्रधानपाठिका
बाईट_03 चंपालाल साहू,बच्ची के पिता

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी

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