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जनजातीय विश्वविद्यालय के स्थापना के लिए भूमि चिन्हांकन करने खाद्यमंत्री ने कलेक्टर को दिए निर्देश

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Published : Sep 29, 2020, 9:53 PM IST

जनजातीय विश्वविद्यालय के अध्ययन और शोध केन्द्र की स्थापना के लिए भूमि चिन्हांकन करने खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने सरगुजा कलेक्टर को निर्देश दिया है. कैबिनेट मंत्री ने सरगुजा कलेक्टर को पत्र लिखाकर जनजातीय विश्वविद्यालय के संबंध में 100 से 120 एकड़ उपलब्ध भूमि का चिन्हांकन कर दो दिन के अंदर उन्हें जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

Cabinet Minister Amarjeet Bhagat
कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत

सरगुजा :अमरकंटक के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति ने सरगुजा संभाग में अध्ययन और शोध केन्द्र की स्थापना के संबंध में अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी. इसका उल्लेख करते हुए सरगुजा संभाग में भूमि आवंटन के लिए कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने सरगुजा कलेक्टर को पत्र लिखा है.

जनजातीय विश्वविद्यालय के संबंध में खाद्यमंत्री ने सरगुजा कलेक्टर को लिखा पत्र

पत्र में उन्होंने लिखा है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के लिए 100 से 120 एकड़ भूमि की आवश्यकता है. कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने पत्र में लिखा है कि जनजातीय विश्वविद्यालय के संबंध में 100 से 120 एकड़ उपलब्ध भूमि का चिन्हांकन कर दो दिन के अंदर उन्हें जानकारी उपलब्ध कराएं, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.

कैबिनेट मंत्री लगातार कर रहे थे जनजातीय विश्वविद्यालय के लिए कुलपति से बात

जनजातीय विश्वविद्यालय के संबंध में कैबिनेट मंत्री लगातार अमरकंटक के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के लिए कुलपति से बात कर रहे थे. जनजातीय विश्वविद्यालय के संबंध में कैबिनेट मंत्री का कहना है कि आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग में इस संस्थान की स्थापना से यहां के आदिवासी युवाओं के लिए उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा.

आदिवासी छात्र-छात्राओं को मिलेगा बड़ा अवसर

केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार में मानव संसाधन मंत्री रहे दिवंगत अर्जुन सिंह ने आदिवासी क्षेत्रों के लिए एक बड़ी सौगात दी थी, जिसके तहत छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर अमरकंटक के पोड़ी गांव में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया गया, जिसका स्वरूप और पाठ्यक्रम दोनों ही इतना बड़ा है की उच्च शिक्षा के लिए यह विश्वविद्यालय दोनों ही प्रदेशों के लिए वरदान के रूप में स्थित है. शासकीय केंद्रीय अनुदान की वजह से इस विश्वविद्यालय में पढ़ने का शुल्क भी बहुत कम होता है, लिहाजा सेंट्रल यूनिवर्सिटी का अध्ययन और शोध केंद्र सरगुजा में खुलने से निश्चित ही यहां के छात्र-छात्राओं को बड़ा अवसर मिल सकेगा.

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