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बेतिया:वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या से विभाग खुश, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

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Published : Feb 10, 2021, 6:44 PM IST

बेतिया में वन विभाग काफी खुश है. दरअसल सूबे के एकमात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ गई है.और यह आंकड़ा 40 के पार पहुंच गया है.

number of tiger in valmiki tiger reserve
number of tiger in valmiki tiger reserve

पश्चिम चंपारण(बेतिया): बाघों की संख्या बढ़ने से वन विभाग जहां खुश है. तो दूसरी तरफ ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. सूबे के एकमात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्वमें बाघों की संख्या बढ़ गई है और यह आंकड़ा चालीस की संख्या को पार कर गया है.

बाघ को देख विभाग खुश

बाघों की संख्या 40 के पार
यह खबर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के लिये सुकून देने वाली है, लेकिन बाघों की संख्या बढ़ जाने से उनकी चहल कदमी बढ़ जाने से वन क्षेत्र के आस पास के गांवों के ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल बन गया है. गौनाहा के मंगूराहा वन क्षेत्र के आस पास के गांवों में बाघ की चहलकदमी बढ़ गई है. एक बाघ एक सप्ताह से रिहायशी क्षेत्र के आस पास चहलकदमी कर रहा है.

बाघ को देख विभाग खुश
मन्गुराहा वन क्षेत्र के नौका टोला, रूपवलिया, बसवरिया और हरकटवा में बाघ देखा गया है. बेतियाके अलग अलग आधादर्जन गांव के आस पास बाघ देखा गया है.

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'बाघों को जंगल में ले जाने के लिए तीन टीम बनाई गई है. लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. बाघों के टेरिटरी में पहुंचाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. जो भी मवेशी बाघ के हमले में मारे गए हैं या जो इंसानी जानें गईं है. वन विभाग सभी का मुआवजा दे रही है. बहुत जल्द बाघों को उनके टेरिटरी में पहुंचा दिया जाएगा. आस पास के क्षेत्रों में वन विभाग की अलग से भी टीम लगाई गई है.'-हेमकांत रॉय, वन निदेशक

ग्रामीणों में दहशत
ग्रामीणों का कहना है कि बाघ गांवों के आस पास डेरा डाल दिये हैं. इस साल अभी तक बाघ के हमले में एक महिला समेत चार बकरी और एक गाय की जान चली गई है. दो साल पहले भी टहकौल गांव में भी एक महिला को बाघ ने मार दिया था. पिछले साल नरकटियागंज के कुकरा में भी बाघ आ गया था और वहां भी एक महिला को मार दिया था. वन क्षेत्र के आस पास गांवों के ग्रामीण बाघों की चहलकदमी से दहशत में हैं.

ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीण ध्रुप महतो, टुनटुन महतो, इंद्रदेव गौरव, उमानाथ ने बताया कि वन विभाग के कर्मी उदासीन हो गए हैं. लगातार रिहायशी इलाके में बाघ विचरण कर रहे हैं. और विभाग बाघों को जंगल के अंदर नहीं ले जा रही है. इसको लेकर आस पास के गांवों के ग्रामीणों में विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को हरकटवा गांव में बाघ के हमले में महिला की मौत हो गई . जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया है.

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