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पूर्व सांसद आनंद मोहन का 15 दिनों का पैरोल खत्म, वापस पहुंचे सहरसा मंडल कारा

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Published : Nov 21, 2022, 12:09 PM IST

आनंद मोहन का 15 दिनों का पैरोल खत्म

पूर्व सांसद आनंद मोहन अपनी बेटी सुरभि आनंद की सगाई में शामिल होने और अपनी बुढ़ी मां को देखने की इच्छा को लेकर 15 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर निकले थे. अब उनका पैरोल खत्म हो रहा है. इसी कारण वो अब वापस सहरसा मंडल कारा पहुंचे.

सहरसा: पूर्व सांसद आनंद मोहन का 15 दिनों का पैरोल खत्म हो गया है. जिसके कारण वो वापस जेल जाएंगे. गौरतलब है कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्या मामले में सहरसा मंडल कारा में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन (former MP Anand Mohan) अपनी बेटी सुरभि आनंद की सगाई में शामिल होने के लिए 15 दिनों के पैरोल पर जेल से बाहर निकले थे. जहां पैरोल की सीमा खत्म (Anand Mohan parole for 15 days ends in Sarhasa) होने के बाद वे वापस सहरसा मंडल कारा पहुंचे. इस दौरान सहरसा मंडल कारा के गेट पर भारी संख्या में पूर्व सांसद आनंद मोहन के समर्थक मौजूद थे.

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खत्म हुआ आनंद मोहन का पैरोल वापस पहुंचे सहरसा मंडल कारा :पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन को अपनी बेटी की सगाई के लिए कोर्ट के आदेश पर 15 दिनों का पैरोल दिया गया था. जो आज खत्म होने जा रहा है. इसी कारण न्यायालय के आदेशानुसार उन्हें वापस मंडल कारा जाना होगा. पूर्व सांसद के मंडल कारा आने की खबर के बाद पहले से ही उनके समर्थक वहां मौजूद थे.

2007 से ही सहरसा मंडल कारा में बंद थे:पूर्व सांसद आनंद मोहन वर्ष 2007 से ही सहरसा मंडल कारा में बंद थे. लगभग पंद्रह साल से जेल में बंद आनंद मोहन को पहली बार पैरोल मिली थी. आनंद मोहन ने पैरोल पर रिहाई के लिए अर्जी दी थी. उन्होंने अपनी बेटी की सगाई में शामिल होने और बूढ़ी मां को देखने के लिए पैरोल मांगी थी. हालांकि पैरोल मिलने की खबर के बाद बिहार में खुब राजनीति भी हुई. पक्ष और विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बाद अंत में उन्हें 15 दिनों की पैरोल मिल गई थी.

क्या है डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड? : मुजफ्फरपुर जिले में 5 दिसंबर 1994 को जिस भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीट कर हत्या की थी, उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे. एक दिन पहले (4 दिसंबर 1994) मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन की पार्टी (बिहार पीपुल्स पार्टी) के नेता रहे छोटन शुक्ला की हत्या हुई थी. इस भीड़ में शामिल लोग छोटन शुक्ला के शव के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. बताया जाता है कि तभी मुजफ्फरपुर के रास्ते हाजीपुर में मीटिंग कर गोपालगंज वापस जा रहे डीएम जी. कृष्णैया पर भीड़ ने खबड़ा गांव के पास हमला कर दिया. मॉब लिंचिंग और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच डीएम को गोली मार दी गई. ये घटना उन दिनों काफी सुर्खियों में रही थी. हादसे के समय जी. कृष्णैया की आयु 35 साल के करीब थी.

"न्यायालय के नियम अनुसार 15 दिनों का पैरोल खत्म हुआ. प्रतिबंधित पैरोल था. समय सीमा खत्म हुई वापस मंडल कारा जा रहे है"- आनंद मोहन, पूर्व सांसद

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