बिहार

bihar

पटना हाई कोर्ट ने वकीलों की फीस वृद्धि को लेकर की सुनवाई, 14 वर्षों से बढ़ोतरी को हो रही मांग

By

Published : Jan 3, 2023, 10:49 PM IST

पटना हाई कोर्ट ने बिहार के सरकारी वकीलों की फीस वृद्धि को लेकर की सुनवाई की है, वकीलों ने बताया कि 14 वर्षों से फीस बढ़ोतरी की मांग हो रही है. इस मामले में कोर्ट ने सीएम से चर्चा करने का निर्देश दिया था. इसकी अगली सुनवाई 24 जनवरी को की जाएगी.

Etv Bharat
Etv Bharat

पटनाः पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार सरकार के वकीलों की फीस में पिछले 14 सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं होने के मामलें में सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम की जनहित याचिका पर सुनवाई की. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पूर्व महाधिवक्ता पीके शाही समेत पांच वरीय अधिवक्ताओं को राज्य के मुख्यमंत्री से मिल कर इस सम्बन्ध में विचार करने का निर्देश दिया था.

यह भी पढ़ेंःपटना हाईकोर्ट के वकील ने बिल्डर पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप, कहा- पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

सीएम ने मांग प्रस्तावःवरीय अधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि 29 दिसम्बर 2022 को अधिवक्ताओं की टीम ने मुख्यमंत्री से भेंट कर सरकारी वकीलों के फीस बढोतरी के सम्बन्ध में चर्चा की थी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर विचार किया. उन्होंने इस सम्बन्ध में प्रस्ताव देने को कहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पूर्व महाधिवक्ता पी के शाही के नेतृत्व में पांच वरीय अधिवक्ताओं को मुख्यमंत्री से फीस बढ़ाने के मामलें में विचार करने को कहा था.

बिहार के वकीलों की फीस कमःअन्य राज्य सरकार के वकीलों की तुलना में यहां के सरकारी वकीलों को काफी कम फीस का भुगतान किया जाता है. याचिककर्ता की ओर से पूर्व महाधिवक्ता एवं सीनियर एडवोकेट पीके शाही ने कहा था कि पटना हाई कोर्ट में ही केंद्र सरकार के वकीलों की रोजाना फीस न्यूनतम 9 हजार रुपये है. वहां बिहार सरकार के वकीलों को इसी हाईकोर्ट में रोजाना अधिकतम फीस 2750 से 3750 रुपए तक ही है.

हरियाणा व दिल्ली भी वकील की अच्छी फीसः वरीय अधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को जानकारी दी कि पंजाब व हरियाणा, दिल्ली सहित पड़ोसी राज्य झारखंड और बंगाल में भी वहां के सरकारी वकीलों की फीस बिहार के सरकारी वकीलों से ज्यादा है. एडवोकेट विकास कुमार ने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण पटना बेंच में तो मूल वाद पत्र दायर कर उसपे बहस करने वाले केंद्र सरकार के वकीलों को रोजाना हर मामले पर 9 हजार रुपए फीस मिलती है.

सहायक सरकारी वकीलों की स्थिति दयनीयःकोर्ट को बताया गया कि सबसे दयनीय स्थिति राज्य के सहायक सरकारी वकीलों की है, जिन्हें रोजाना मात्र 1250 रुपए फीस में ही काम करना पड़ता है. बिहार में राज्य सरकारों के वकीलों के फीस में वृद्धि 14 साल पहले बिहार के तत्कालीन महाधिवक्ता पीके शाही के ही कार्यकाल में ही हुई थी. कोर्ट ने बताया कि इस मामले पर अगली सुनवाई 24 जनवरी 2023 को की जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details