बिहार

bihar

Patna High Court : बिहार में मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं को लेकर सुनवाई दुर्गा पूजा बाद होगी

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 13, 2023, 4:46 PM IST

बिहार में मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं को लेकर पटना उच्च न्यायालय में दुर्गा पूजा बाद सुनवाई होगी. याचिकाकर्ता का यह कहना है कि बिहार में मानसिक रोग के अध्ययन और इलाज के लिए कॉलेज तक नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

Patna High Court Etv Bharat
Patna High Court Etv Bharat

पटना :पटना हाइकोर्ट में बिहार राज्य में मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं से सम्बंधित मामले पर सुनवाई दुर्गापूजा के अवकाश के बाद होगी. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने आकांक्षा मालवीय की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई राज्य सरकार को की जा रही कार्रवाईयों का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया था.

ये भी पढ़ें - Patna High Court : बिहार में मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा और सुविधाओं पर सुनवाई, कोर्ट ने 3 सप्ताह में मांगा ब्यौरा

'राज्य सरकार ने आधा अधूरा कार्य किया' : पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि नयी नियमावली बना ली गयी है. याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने कोर्ट को बताया था कि कोर्ट ने जो भी आदेश दिया, उस पर राज्य सरकार के द्वारा आधा अधूरा कार्य किया गया है. इसपर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी पूरी जानकारी देने को कहा था.

'स्टाफ की संख्या नाकाफी' : कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राज्य में मानसिक स्वास्थ्य सेवा में कमियों के सम्बन्ध में ब्यौरा देने को कहा था. साथ ही कोर्ट ने इसमें सुधारने के उपाय पर सलाह देने को कहा था. याचिकाकर्ता की अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने बताया था कि नेशनल मेन्टल हेल्थ प्रोग्राम के अंतर्गत राज्य के 38 जिलों में डिस्ट्रिक्ट मेन्टल हेल्थ प्रोग्राम चल रहा है, लेकिन इसमें स्टाफ की संख्या नाकाफी ही है.

बिहार में मानसिक रोग के अध्ययन और इलाज के लिए कॉलेज नहीं : पूर्व की सुनवाई में उन्होंने बताया था कि राज्य सरकार का दायित्व है कि वह मेन्टल हेल्थ केयर एक्ट के तहत कानून बनाए. साथ ही इसके लिए मूलभूत सुविधाएं और फंड उपलब्ध कराए. कोर्ट को ये भी बताया गया था कि सेन्टर ऑफ एक्सलेंस के तहत हर राज्य में मानसिक रोग के अध्ययन और ईलाज के लिए कॉलेज है लेकिन बिहार ही एक ऐसा राज्य है जहां मानसिक रोग के अध्ययन और ईलाज के लिए कोई कॉलेज नहीं है.

दुर्गापूजा अवकाश के बाद सुनवाई :पहले की सुनवाई में याचिकाकर्ता की अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने कोर्ट को बताया था कि बिहार की आबादी लगभग 12 करोड़ है. उसकी तुलना में राज्य में मानसिक स्वास्थ्य के लिए बुनियादी सुविधाएं नहीं के बराबर है. इस मामले पर अगली सुनवाई दुर्गापूजा अवकाश के बाद की जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details