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नक्सलियों के गढ़ खैरा प्रखंड में शांतिपूर्ण मतदान, चप्पे-चप्पे पर थी पुलिस की निगाह

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Published : Nov 24, 2021, 6:51 PM IST

नक्सलियों के गढ़ में शांतिपूर्ण मतदान

नक्सलियों के गढ़ खैरा प्रखंड (Khaira Block) में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. जहां चप्पे-चप्पे पर पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया था. सादे लिबास में इंटेलिजेंस ब्यूरो के जवानों को भी लगाया गया था.

जमुईःपंचायत चुनाव 2021 (Panchayat Election) के आठवें चरण(Voting for Eighth Phase) के दौरान खैरा प्रखंड (Khaira Block) के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अंतिम चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. यहां चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी. ताकि मतदाता बेखौफ होकर मतदान कर सकें.

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इस बात की जानकारी देते हुए मुख्यालय डीएसपी अभिषेक कुमार ने बताया कि सभी बूथों पर पुलिस और मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए थे. इसके अतिरिक्त जितने भी सेंसेटिव एरिया हैं उन जगहों पर पैरामिलिट्री फोर्स एसएसबी, सीआरपीएफ को तैनात किया गए थे. साथ ही अति नक्सल प्रभावित इलाके में इंटेलिजेंस ब्यूरो के जवानों को सादे लिबास में लगाया गया था. ताकि किसी भी तरह की कोई सूचना मिलते ही उस पर कार्रवाई की जा सके.

खैरा प्रखंड में शांतिपूर्ण मतदान

यहां सभी संवेदनशील बूथ और स्थानों पर विशेष ध्यान रखा गया. खैरा प्रखंड के सभी बूथों पर विशेष सुरक्षा बलों को लगाया गया. साथ ही इस चुनाव में चार स्तर के पदाधिकारियों को लगाया गया था. वहीं मुख्यालय डीएसपी ने हड़खार पंचायत के रोपावेल, चननवर, रजला सहित अन्य बूथों पर पहुंचकर मतदाताओं से बात की और उनसे भय मुक्त होकर मतदान करने की अपील की.

पंचायत चुनाव के दौरान खैरा प्रखंड के विभिन्न बूथ के बाहर जमावड़ा लगाए लोगो पर डीएसपी ने सख्ती दिखाते हुए हल्का बल का भी प्रयोग किया. जबकि बेवजह वाहन लेकर बूथ के आसपास घूम रहे लोगों के वाहन की हवा निकाल सख्ती से कारवाई की गई, वहीं कई लोगो को मतदान तक हिरासत में रखा गया. हालाकि उन लोगों को कुछ घंटो बाद छोड़ दिया गया.

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बता दें कि खैरा प्रखंड अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. हालांकि बीते कुछ वर्षों में नक्सली संगठन कमजोर हुए हैं. लेकिन उसके बावजूद जिला प्रशासन ने पंचायत चुनाव के दौरान पारा मिलिट्री फोर्स के अलावा सादे लिबास में इंटेलिजेंस ब्यूरो के जवानों को लगाया गया था. कुल मिलाकर देखा जाए तो पंचायत चुनाव के आठवें चरण के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से नक्सलियों के गढ़ में पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे. सभी मतदान केंद्रों पर बायोमेट्रिक मशीन का प्रयोग किया गया. जिससे फर्जी वोटरों की पहचान की जा सके. इसके साथ ही संवेदनशील बूथों पर सीसीटीवी से निगरानी रखी गई.

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