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हाईटेक हुई जमुई वायरल गर्ल सीमा, स्कूल में टैबलेट से कर रही पढ़ाई

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Published : Jun 28, 2022, 7:25 AM IST

एक पैर से उछल-उछल कर स्कूल जाने वाली सीमा (Jamui Viral Girl Seema) अब हाईटेक हो गई है. जमुई जिला प्रशासन सीमा की मदद के लिए उसे कई सुविधा दे रहा है. ताकि वो अपने पढ़ाई के सपनों को पूरा कर सके और देश की प्रगति का हिस्सा बन सके.

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जमुईः बिहार के जमुई जिले की दिव्यांग वायरल गर्ल सीमा कुमारी (Viral Girl Seema studying with tablet in school) ने डीएम से मिले टैबलेट से पढ़ना-लिखना शुरू कर दिया है. सरकारी स्कूल की तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली सीमा ने टैबलेट की शक्ल में दिखने वाले स्लेट पर एबीसीडी के साथ पहाड़े का भी अभ्यास किया और उसे आत्मसात किया. दरअसल जमुई डीएम अवनीश कुमार सिंह ने सीमा को पढ़ाई में सुविधा के लिए पिछले दिनों ही अपने कार्यलय में बुलाकर एक टैबलेट दिया था. अब इस डिवाइस से पढ़कर सीमा काफी खुश नजर आ रही है.

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'डिजिटाइज्ड एजुकेशन देना जरूरी':डीएम ने सीमा को प्रतिभाशाली बिटिया करार देते हुए कहा कि आज के अत्याधुनिक युग में उसे डिजिटाइज्ड एजुकेशन की सुविधा दिया जाना आवश्यक ही नहीं बल्कि अनिवार्य है. उन्होंने टैबलेट रूपी डिवाइस स्लेट से सीमा को कठिन अभ्यासों को सीखने में सहूलियत होने की जानकारी देते हुए कहा कि उसमें उच्च तकनीकी शिक्षा विकसित करना उनका सपना है. इस स्लेट की मदद से सीमा सुगमता के साथ लिख-पढ़ सकेगी. इसके साथ ही डीएम ने कानपुर स्थित एलिम्को कार्यालय में सामी को कृत्रिम पैर लगाने की बात कही है. इसके लिए वो अपने माता पिता के साथ आज यानी 28 जून को कानपुर के लिए कूच भी कर सकती है.

सीमा को टैबलेट देते डीएम अवनीश कुमार सिंह

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कौन है जमुई की वायरल गर्ल सीमा?:जमुई जिले के खैरा प्रखंड अंतर्गत फतेहपुर गांव निवासी खिरन मांझी और बेबी देवी की पुत्री सीमा कुमारी वर्ग तृतीय की छात्रा है. पढ़ाई के लिए जोश और जुनून दिखाने वाली सीमा बिटिया फुदक-फुदक कर विद्यालय जाने के लिए सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. जिला प्रशासन ने उसकी प्रतिभा के साथ उसके लगन को सलाम करते हुए उसे बीते दिनों कृत्रिम पैर उपलब्ध कराया था. अब डीएम की खास पहल पर भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) कानपुर ने उसे बेहतर गुणवत्ता वाला कृत्रिम पैर मुफ्त में लगाने का ऐलान किया है. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने भी सीमा के जज्बे को सैल्यूट किया और अपनी टीम उसके फतेहपुर स्थित घर भेजकर उसके पैर की माप ली.

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अब उछलकर स्कूल नहीं जाती सीमा: दरअसल अपना एक पैर गंवाने के बावजूद सीमा ने उम्मीद नहीं खोई थी. वह स्कूल जाती रही. वह अपने घर से स्कूल तक 500 मीटर की दूरी तय करने के लिए लंबी कूद तकनीक का उपयोग करती थी और वह भी पीठ पर स्कूल बैग के साथ. लेकिन उसकी ये तस्वीर वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने उसे ट्राइ साइकिल दिया गया और उसके बाद उसे कृत्रिम पैर लगा दिया तो उसे काफी सहुलत मिली और अब वो आराम से स्कूल जाती है. जमुई के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने ये भी कहा है कि सीमा को मुख्यमंत्री आवास योजना से मकान भी दिया जाएगा.

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