बिहार

bihar

मांझी-ब्राह्मण विवाद: जुबान फिसलने के कारण हुई ऐसी टिप्पणी, तकलीफ पहुंचाने की मंशा नहीं: HAM सवर्ण प्रकोष्ठ

By

Published : Dec 26, 2021, 5:38 PM IST

जीतन राम मांझी को पार्टी के सवर्ण प्रकोष्ठ का साथ मिला है. हम सवर्ण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष वरुणेश विजय ने कहा कि वे हमारे गार्जियन हैं. उन्होंने अपनी टिप्पणी को वापस ले लिया है. लेकिन विपक्ष इस पर सियासत करने में लगे हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

जीतन राम मांझी को मिला सवर्ण प्रकोष्ठ का साथ
जीतन राम मांझी को मिला सवर्ण प्रकोष्ठ का साथ

गया: जीतन राम मांझी का ब्राह्मणों पर विवादित बयान (Jitan Ram Manjhi controversial statement on Brahmins) ने तूल पकड़ लिया है. कोई उनके साथ खड़ा है, तो एक बड़ा वर्ग अब भी उनके खिलाफ है. अब जीतन राम मांझी को स्वर्ण प्रकोष्ठ का साथ (Swarn Prakoshth Support Jitan Ram Manjhi) मिला है. हम सवर्ण प्रकोष्ठ के वरुणेश विजय ने उनका साथ दिया है.

यह भी पढ़ें- मांझी के आवास पर ब्राह्मण दलित एकता महाभोज की तैयारी शुरू, कहा- स्वच्छ मन से कर रहे हैं भोज, जरूर आयें

'जीतन राम मांझी हम सभी के गार्जियन हैं. उन्होंने ब्राह्मण पर दिए गए टिप्पणी को वापस ले लिया है. हालांकि उन्होंने ब्राह्मण समाज पर कोई गलत टिप्पणी नहीं की थी. बल्कि कुछ वैसे पूजा कराने वालों पर टिप्पणी की थी, जो शराब व मांस का सेवन करते हैं. इस बात को लेकर मांझी जी ने पहले ही माफी भी मांग ली है. लेकिन विपक्ष के लोगों को एक मुद्दा मिल गया है. लगातार इस मुद्दे पर अनाप-शनाप बोले जा रहे हैं. जीतन राम मांझी हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. वे काफी सुलझे और पुराने नेता हैं. वे काफी सोच-समझकर बोलते हैं. जुबान फिसल जाने के कारण उन्होंने इस तरह की टिप्पणी कर दी थी. लेकिन किसी को तकलीफ पहुचाने की उनकी मंशा नहीं थी.'-वरुणेश विजय, प्रदेश अध्यक्ष, हम सवर्ण प्रकोष्ठ

जीतन राम मांझी को मिला सवर्ण प्रकोष्ठ का साथ

उन्होंने कहा कि हमारे स्वर्ण समाज से आने वाले हमारे कुछ भाई रास्ते से भटक गए हैं. इसे मुद्दा बना लिया है. उन्हें एक मुद्दा मिल गया है, विपक्ष की ओर से बोलने का. ऐसे लोग चाहते हैं कि समाज को एकत्रित ना होने दें. हमारे नेता जीतन मांझी हर समाज का नेतृत्व करते हैं. इस मौके पर हम पार्टी के जिलाध्यक्ष टूटू खान, रोमित कुमार, सत्येंद्र राय सहित कई लोग उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें: मांझी के बयान पर ब्राह्मणों का उपदेश, 'शास्त्र पढ़ो... बिना ज्ञान के इंसान पशु समान'

बता दें कि, मांझी ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज के लोगों पर अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से ही उनके बयान का विरोध हो रहा है. बाद में हालांकि मांझी ने माफी मांगते हुए कहा कि, वे ब्राह्मण के खिलाफ नहीं, ब्राह्मणवाद के खिलाफ है. उन्होंने कहा, 'हम अपने समाज के लिए '@#&^%$' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं.'

वहीं, जब मामला तूल पकड़ने लगा तो जीतन राम मांझी डैमेज कंट्रोल में जुट गये हैं. जिसके बाद उन्होंने ने ऐलान किया कि, 27 दिसम्बर को ब्राह्मण-पंडितों को भोज कराएंगें. बताया जा रहा है कि, मांझी ने वैसे ब्राह्मण-पंडित जिन्होंने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया, चोरी-डकैती नहीं की है, उनको भोज का निमंत्रण दिया है. हालांकि ब्रह्मण संगठनों उनके भोज के शर्त को लेकर फिर नाराज हो गये हैं. आयोजन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details