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फर्जी दस्तावेज से किया मकान आवंटन, 12 साल बाद फ्रीडम फाइटर का नातिन और बाबू गिरफ्तार - Ujjain Development Authority Scam

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 28, 2024, 10:58 PM IST

उज्जैन में पुलिस ने 12 साल पुराने मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. मामला उज्जैन विकास प्राधिकरण में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्लॉट आवंटन में फर्जीवाडे से जुडा है.

UJJAIN DEVELOPMENT AUTHORITY SCAM
फ्रीडम फाइटर के नाम पर धोखाधड़ी

उज्जैन में फ्रीडम फाइटर के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले 12 साल बाद गिरफ्तार

उज्जैन। जिले में नातिन द्वारा फ्रीडम फाइटर नाना के नाम पर फर्जीवाडे़े का मामला सामने आया है. यह मामला उज्जैन विकास प्राधिकरण से जुड़ा है. 12 साल पुराने इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. फर्जीवाडे की शिकायत उज्जैन विकास प्राधिकरण को मिलने के बाद ये कार्रवाई की गई. शिकायत में साल 2012 में फर्जी तरीके से प्लॉट आवंटन की बात कही गई थी. प्लॉट सागर जिले के खुरई निवासी फ्रीडम फाइटर स्वर्गीय सुदामा प्रसाद अग्रवाल के नाम पर आवंटित किया गया था.

फर्जी दस्तावेज बनाकर मकान करा लिया आवंटित

मामला 12 साल पहले का है. 2012 में उज्जैन विकास प्राधिकरण ने आवसीय योजना लांच की थी, जिसमें विकास प्राधिकरण ने भार्गव नगर में आवासों का निर्माण किया था. इस योजना में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे से मकानों का आवंटन करना था. इस कोटे में मकान प्राप्त करने के लिये सर्विस प्रोवाइडर आशीष अग्रवाल ने अपने दिवंगत नाना स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुदामा प्रसाद (जिनकी 1985 में ही मौत हो गई थी) को जीवित दिखाते हुए, प्राधिकरण के थर्ड क्लास बाबू प्रवीण गेहलोत के साथ सांठगांठ करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिया. फर्जी दस्तावेज की मदद से दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम पर प्लॉट का आवंटन करा लिया था.

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पुलिस ने दोनों आरोपियों को किया गिरफ्तार

उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने इस मामले में बताया कि "स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम से उनकी मृत्यु के बाद एक प्लॉट का आवंटन हुआ था. इसमें उज्जैन विकास प्रधिकरण से कुछ दस्तावेज प्राप्त किए गए हैं. मामले की जांच की गई और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक जिनके नाम से प्लॉट आवंटित हुआ था उनके पोते हैं और दूसरे प्रवीण गेहलोत हैं जो उज्जैन विकास प्राधिकरण का कर्मचारी है. जिनकी मिलीभगत से ये पूरी कार्यवाई हुई थी".

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