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फायर सीजन में वनाग्नि से निपटने की वन कर्मियों को दी जा रही ट्रेनिंग, प्रशिक्षण में इन पर है फोकस

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 30, 2024, 9:03 AM IST

Forest fire extinguishing training in Uttarakhand मौसम चक्र गड़बड़ाने से इस बार उत्तराखंड में सर्दियों में अभी तक बारिश और बर्फबारी नहीं हुई है. इससे जंगलों में नमी नहीं है. ऐसे में इस साल फायर सीजन चुनौती भरा रहने की आशंका है. 15 फरवरी से शुरू होने वाले फायर सीजन के लिए वन कर्मियों की ट्रेनिंग चल रही है. उन्हें आग बुझाने, आम लोगों को जंगल सुरक्षा से जोड़ने और फील्ड में वॉकी टॉकी के उपयोग सिखाए जा रहे हैं.

Forest fire
उत्तराखंड फॉरेस्ट फायर

देहरादून: उत्तराखंड में वन विभाग आगामी फायर सीजन को देखते हुए खुद को तैयार करने में जुट गया है. वन विभाग ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. हालांकि अभी 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू होना है, लेकिन इससे पहले ही वन विभाग प्रशिक्षण को पूरा कर इस बार फुल प्रूफ प्लान बनाने की तैयारी में है. खास बात यह है कि इस बार मौसम की बेरुखी के चलते फॉरेस्ट फायर की घटनाएं ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है. लिहाजा वन विभाग इन स्थितियों को देखते हुए अतिरिक्त तैयारी में जुटा है.

वनाग्नि की घटनाएं बढ़ने की आशंका: उत्तराखंड में इस बार बारिश और बर्फबारी बेहद कम देखने को मिली है. जिसके कारण वातावरण में नमी बेहद कम हो गयी है. इस साल सर्दी के मौसम में भी जंगलों में आग लगने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं. इन्हीं स्थितियों को देखते हुए इस बार फायर सीजन में वनाग्नि की घटनाओं में बढ़ोत्तरी की आशंका है. जाहिर है कि इन्हीं आशंकाओं के बीच वन विभाग खुद को पूरी तरह से तैयार कर लेना चाहता है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड वन विभाग में कर्मचारियों और अधिकारियों को जंगलों की आग को बुझाने के लिए प्रशिक्षण देने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है.

वन कर्मियों को आग बुझाने का प्रशिक्षण: वन विभाग में विशेषज्ञों द्वारा क्षेत्राधिकारियों और इससे नीचे के कर्मचारी को ट्रेनिंग दी जा रही है. जंगलों को आग से बचाने और आम लोगों की सहभागिता को इसमें बढ़ाने के उपाय भी बताई जा रहे हैं. इतना ही नहीं वनाग्नि से जुड़े उपकरणों का सटीक प्रयोग करने के भी तरीके बताए जा रहे हैं. इतना ही नहीं फायर कंट्रोल रूम में काम करने के तरीके और आग लगने की घटनाओं को डाटा के रूप में एकत्रित करने के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर तक को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है.

विशेषज्ञ दे रहे हैं आग बुझाने के टिप्स: फील्ड में वॉकी-टॉकी के उपयोग पर भी अलग से जानकारी दी जा रही है. अच्छी बात यह है कि प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारी और अधिकारी भी खासे उत्साहित दिख रहे हैं. उनके द्वारा भी इसमें रुचि दिखाई जा रही है. इस दौरान कर्मचारी या अधिकारियों के तमाम सवालों या संदेह का भी निराकरण विशेषज्ञ द्वारा किया जा रहा है.
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