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पश्चिम बंगाल में हिंसा पर साध्वी निरंजन ज्योति के तीखे तेवर, बोलीं- क्रूरता होना चाहिए ममता का नाम

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 25, 2024, 7:07 PM IST

सांसद व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर ममता बनर्जी पर हमला बोला है. कहा है कि ममता का नाम क्रूरता होना चाहिए.

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सांसद व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर ममता बनर्जी पर हमला बोला है.

फतेहपुर :सांसद व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर ममता बनर्जी पर हमला बोला है. कहा है कि ममता का नाम क्रूरता होना चाहिए. साध्वी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका पर भी निशाना साधा. कहा है कि प्रियंका-राहुल की भारत जोड़ो यात्रा वहां नहीं पहुंची. यदि उत्तर प्रदेश में कोई घटना घटती है तो वहां पूरा का पूरा कुनबा पहुंच जाता है, लेकिन इंडी गठबंधन के पश्चिम बंगाल के संबंध में एक भी शब्द नहीं निकल रहे हैं, क्योंकि उनको 24 का चुनाव दिखाई पड़ रहा है.

रविवार को एक दिवसीय दौरे पर अपने ससंदीय क्षेत्र पहुंची साध्वी ने कहा कि पूरे पश्चिम बंगाल में पहली बार महिलाओं ने अपनी आवाज बुलंद की है. पहले तो महिला बोलती थी और उसके पति की हत्या हो जाती थी. पहली बार संदेश खाली में महिलाओं ने अपनी आवाज बुलंद की है. इसी क्रम में कहा कि पश्चिम बंगाल की स्थिति ठीक नही है. वहां महिलाओं की सत्ताधारी पार्टी के गुंडों ने इज्जत लूटी. उनकी जमीनें कब्जा की गईं. हमारा प्रतिनिधिमंडल जा रहा था, उसको रोका जा रहा है. ममता नाम जरूर है, मुझे लग रहा है नाम क्रूरता होना चाहिए.

चुनाव आने पर कोट के ऊपर पहन लेते हैं जनेऊ

वहीं अलीगढ़ में प्रियंका गांधी के बयान कि भाजपा धर्म के नाम पर लड़ाने का काम करती है, पर पलटवार करते हुए साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि टोपी पहनकर मस्जिद में जाना, क्रॉस पहनकर गिरजाघर में जाना, यह क्या है? राम मंदिर, रामलला सबके हैं. राम आराध्या हैं. हमने राममंदिर के लिए लड़ाई लड़ी है. रामलला 22 जनवरी को गर्भ गृह में गए, इसका हमें गर्व है लेकिन हम किसी धर्म की आलोचना नहीं करते हैं. चुनाव आएगा तो कोट के ऊपर जनेऊ पहन कर चले जाएंगे, अंदर क्रॉस पहने हैं. दुर्गा मंदिर में जाकर चुनरी पहन लेंगे.

वहीं बेरोजगारी के मुद्दे पर कहा कि बेरोजगारी किसने दी है. आजादी के बाद से सरकार किनकी रही है. प्रियंका गांधी को ये भी याद करना चाहिए कि कोविड जैसी महामारी के समय पर देश की बागडोर प्रधानमंत्री मोदी के हाथ में नहीं होती तो कितने परिवार उजड़ जाते. बीमारी से तो उजड़ते ही, भुखमरी से भी उजड़ जाते.

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