report card of Vishnudeo sai Government :छत्तीसगढ़ में साय सरकार के तीन माह पूरे हो गए हैं. तीन माह में साय सरकार ने कितने वादे पूरे किए और कितने अधूरे रहे, इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट से बातचीत की.
साय सरकार के तीन माह पूरे
साय सरकार के तीन माह पूरे
रायपुर:छत्तीसगढ़ में साय सरकार के तीन माह पूरे हो चुके हैं. इसे लेकर भाजपा में काफी उत्साह का माहौल है. हालांकि कांग्रेसी इसे छत्तीसगढ़ को बर्बाद करने वाला समय बता रही है. इस बारे में पॉलिटिकल एक्सपर्ट का कहना है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए साय सरकार ने काफी तेजी से काम किया है. हालांकि विकास कार्यों की ये गति आगे भी बरकरार रहेगी या नहीं, ये कह पाना जरा मुश्किल है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी. 13 दिसंबर को विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. इसके बाद उन्होंने मोदी की गारंटी के रूप में जारी किए गए घोषणा पत्र के वादों को एक-एक कर पूरा करने की शुरुआत की. भाजपा ने 20 में से 14 वादों को लोकसभा चुनाव के पहले ही पूरा कर दिया है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण महतारी वंदन योजना, 3100 रुपये में धान खरीदी, 2 साल के बकाया बोनस का किसानों को भुगतान, 18 लाख पीएम आवास,रामलला मंदिर दर्शन योजना लागू हो चुकी है. वहीं, पीएससी परीक्षा घोटाले में सीबीआई जांच की मांग भी इसमें शामिल है.
जानिए क्या कहते हैं बीजेपी: साय सरकार के तीन माह पूरे होने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने ईटीवी भारत से कहा कि, "मोदी की गारंटी की योजना है. भाजपा जो कहती है, वह करती है. हमारे प्रधानमंत्री जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं और मुख्यमंत्री ने भी इस बात को चरितार्थ करते हुए जो घोषणा की थी, उसे पूरा कर रहे हैं. 24 लाख 25000 करोड़ से भी ज्यादा हितग्राही के खाते में चाहे 2 वर्ष का बकाया पैसा भेजा गया है. अंतर की राशि 970 रुपये देने की बात हो, महतारी वंदन योजना की बात हो, कल किसानों के खाते में एक मुश्त राशि दी गई. कोई किश्त का मामला नहीं, जो बोलते हैं, वह करते हैं. इस बात को स्वीकार किया है. प्रधानमंत्री आवास का काम भी उन्होंने पूरा किया है".
कांग्रेस ने जनता को बर्बाद करने का लगाया आरोप:वहीं, इस बारे में कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, "छत्तीसगढ़ की जनता को बर्बाद करने वाले यह 3 महीने थे. सरकार निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है. ऐसा लग रहा है कि सरकार रिमोट कंट्रोल से चल रही है. एक ऐसी राज्य सरकार, जो पूर्ण राज्य होते हुए भी केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति में बैठी हुई है. मुख्यमंत्री कोई भी निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है. गृहमंत्री कन्यफ्यूज है और नक्सल मामले को लेकर सरकार विफल साबित हो रही है.कभी बोलते हैं, नक्सलियों को घर में घुसकर मारेंगे, कभी बोलते हैं वीडियो पर बात करेंगे. प्रदेश में नक्सली घटना लगातार बढ़ रही है."
जो मोदी गारंटी के वादे किए गए थे, उसे सिर्फ फॉर्मेलिटी के तौर पर लागू किया जा रहा है. 58 लाख महिलाओं के खाते में पैसा दिया गया है, खुद ही स्वीकार करें 536 करोड़ हो गया, लेकिन 5 लाख महिलाओं को आपने पैसा नहीं दिया. हकीकत है कि 100 महिलाओं ने फॉर्म भरा उसमें से 25 महिलाओं को पैसा मिला है. 75 महिलाओं को पैसा ही नहीं मिला है. सिर्फ 25% लोगों को फायदा हुआ. जिन किसानों को सम्मान निधि का पैसा मिलना था, उन्हें पैसा नहीं मिला, अंतर की राशि का पैसा नहीं मिल रहा है. अभी भी किसान इंतजार कर रहे हैं. अपना मोबाइल और खाता चेक कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव के कारण थोड़े बहुत लोगों के खाते में पैसा डाल रहे हैं. लोकसभा चुनाव के बाद ₹1 भी यह लोग नहीं देंगे. यह लोगों को ठगने का काम करेंगे. यह बीजेपी का चरित्र है.।15 साल तक लोगों को ठगा और फिर ठगेंगे.-सुशील आनंद शुक्ला, कांग्रेस प्रवक्ता
जानिए क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट:इस पूरे मामले में पॉलिटिकल एक्सपर्ट अनिरुद्ध दुबे ने कहा कि, "3 महीने में किसी भी सरकार के परफॉर्मेंस का आंकलन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि सरकार 5 साल के लिए बनी है. हालांकि सामने लोकसभा चुनाव है और संभवतः तीन-चार दिन में लोकसभा चुनाव की तारीख में घोषणा हो सकती है, तो उसको देखते हुए शुरुआती तौर पर सरकार ने जो निर्णय लिए हैं, सरकार बनते ही 18 लाख प्रधानमंत्री आवास वाली फाइल पर दस्तखत किए गए. 25 दिसंबर सुशासन दिवस के अवसर पर किसानों का 2 साल का बकाया बोनस दिया. उसके बाद महतारी वंदन की ओर भी सरकार बड़ी और महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख से अधिक महिलाओं को ₹1000 महीना राशि देने की शुरुआत की गई है."
जहां एक ओर बीजेपी हर वादे को पूरा करने का दावा कर रही है. वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी पर जनता को ठगने का आरोप लगाया है. इस पूरे मामले में पॉलिटिकल एक्सपर्ट का कहना है कि साय सरकार का विकास कार्य आगे भी इसी रफ्तार से होगा, ये कहना थोड़ा मुश्किल है.