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पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ का जंगलों से मोहभंग, रिहायशी इलाकों में जमाया अपना डेरा, वन विभाग ने संभाला मोर्चा - Panna tiger entered village

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 22, 2024, 2:06 PM IST

Updated : Apr 22, 2024, 2:19 PM IST

पन्ना टाइगर रिजर्व से निकलकर बाघ ने महीनों से गांवों में अपना डेरा जमा लिया है. इस बीच दर्जनों पालतु पशुओं का शिकार भी कर चुका है. पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने हाथियों की टीम की मदद से बाघ को कई बार खदेड़ा है लेकिन फिर भी वह गांवों के आसपास दिखाई दे रहा है.

Tiger of Panna Tiger Reserve has camped in villages for months, villagers in panic
पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ ने महीनों से गांवों में जमाया अपना डेरा

पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ को कुछ दिनों से लगातार गांवों में घूमते देखा जा रहा है. इस बीच कई बार किसानों के मवेशियों पर हमला करने की सूचना भी सामने आ चुकी है. खेतों, नालों और बांध के आसपास बाघ की चहल कदमी का वीडियो भी वायरल हो रहा है. इससे गांव वालों में भी दहशत का माहौल है. बीते दिन बाघ को बड़बीला बांध में पानी पीते देखा गया. इसकी सूचना पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को भी दे दी गई है, जिसके बाद से वन विभाग ने फिर मोर्चा संभाल लिया है.

जंगल छोड़ गांवों में जमाया डेरा

बताया जा रहा है कि पिछले 10 दिनों से बाघ जंगल छोड़ गांवों में अपना डेरा जमाए हुए है. कभी बांध तो कभी खेतों और नाले के आसपास उसे घूमते देखा गया है. पन्ना टाइगर रिजर्व के पन्ना रेंज अंतर्गत रामपुरा से लगे ग्राम डोभा, इटवांकला और बराछ सहित दर्जनों गांवों के आसपास बाघ का मूवमेंट बताया जा रहा है. बताया जा रहा कि रविवार को पंचवटी के पास बड़बीला बांध पर लोगों ने बाघ को पानी पीते देखा गया है.

पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ ने महीनों से गांवों में जमाया अपना डेरा

दर्जनों पशुओं का कर चुका शिकार

पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम बार-बार बाघ को गांवों की ओर से दूर खदेड़ रही है. लेकिन फिर भी बाघ रिहायशी इलाकों में ही दस्तक दे रहा है. गांव के लोगों ने बताया कि अब तक बाघ ग्रामीणों के दर्जनों पालतू पशुओं बैल, गाय और भैंस आदि को शिकार कर चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि बराछ के आसपास दर्जनभर से अधिक गांव हैं. ऐसे में रात में खेतों की रखवाली और पशुओं को हांकने का काम करने वाले लोगों को बाघ से खतरा हो सकता है.

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महीने भर से है चहलकदमी

गांवों में करीब महीने भर से बाघ की चहल कदमी बताई जा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि लोग पहले तो इसे अफवाह समझते रहे, लेकिन जब 10 अप्रैल की रात बाघ ने ग्राम डोभा के पास नाले के बगल में एक किसान के बैल का शिकार किया तो सैकड़ों लोगों ने बाघ को खुद अपनी आंखों से देखा. सूचना मिलते ही फॉरेस्ट टीम भी मौके पर पहुंची और हाथियों की टीम बुलाकर शाम में बाघ को जंगल की ओर खदेड़ दिया. लेकिन दूसरे दिन फिर गांव के आसपास बाघ को देखे जाने की खबर मिली.

Last Updated :Apr 22, 2024, 2:19 PM IST

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