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भूतपूर्व सैनिकों का घर तोड़ने पहुंची पुलिस, जोरदार हंगामा, बैरन लौटना पड़ा - Indore Municipal Corporation action

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 8, 2024, 7:31 PM IST

स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट के तहत इंदौर में घर गिराने पहुंची पुलिस और नगर निगम की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. विरोध के चलते पुलिस ने घर खाली करने के लिए कुछ और दिनों का समय दे दिया.

INDORE POLICE BROKE ARMYMAN HOUSE
भूतपूर्व सैनिकों का घर तोड़ने पहुंची पुलिस

इंदौर। स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट के तहत इंदौर में भूतपूर्व सैनिकों का घर तोड़ने पहुंची नगर निगम की टीम को काफी विरोध का सामना करना पड़ा. स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया. कार्रवाई की जानकारी मिलते ही कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम अपने समर्थकों के साथ पहुंच कर विरोध करने लगे. पुलिस ने परिजनों को घर खाली करने के लिए कुछ और समय देकर कार्रवाई को रोक दिया.

चारों घर पूर्व सैनिकों के

स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट 1.0 की समय सीमा 1 जुलाई को समाप्त हो रही है, जिसके चलते सभी स्मार्ट सिटी बचे हुए कामों को पूरा करने की कोशिश में हैं. इसी कड़ी में इंदौर शहर के छत्रिपुरा में एमओजी लाइन पर हाईराइज बिल्डिंग का निर्माण किया जाना है, जिसके लिए 4 घर खाली कराने हैं. वो चारों घर भूतपूर्व सैनिकों के हैं, जिसे तोड़ने की कवायद काफी दिनों से चल रही है. मामला कोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से इसके पहले नगर निगम द्वारा की गई कार्रवाई में इन परिवार को नहीं हटाया गया था.

स्थानीय लोगों ने किया जमकर हंगामा

सोमवार को इंदौर जिला प्रशासन, नगर निगम की टीम के साथ घर को तोड़ने के लिए पहुंचा था. लेकिन परिवार वालों और स्थानीय लोगों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा. परिवार और स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा खड़ा कर दिया. लोगों ने सैनिकों के समर्थन में जमकर नारेबाजी भी की. घर कि महिलाएं जेसीबी मशीन के सामने आकर खड़ी हो गईं. परिवार वालों का कहना है कि शनिवार की रात को पुलिस ने घर खाली करने का नोटिस दिया था और आज घर तोड़ने आ गये. इतनी जल्दी कोई कैसे घर खाली कर देगा.

अक्षय कांति बम भी समर्थकों के साथ पहुंचे

हंगामे की खबर सुनकर इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम भी अपने समर्थकों के साथ पहुंच गये. अक्षय जेसीबी मशीन पर चढ़कर हंगामा करने लगे. उनकी पुलिस से काफी नोकझोंक भी हुई. बाद में पुलिस ने जबरदस्ती उन्हें जेसीबी से उतारकर कार्रवाई स्थल से दूर भेज दिया.

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घर खाली करने के लिए और समय दिया गया

स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि "एमओजी लाइन में 4 घर हैं और इनके पास भू स्वामी का दस्तावेज नहीं हैं. हाइकोर्ट ने भी माना था कि इनके पास कोई भू स्वामी दस्तावेज नहीं है और निर्णय लिया कि कानूनी तरीके से घर खाली कराया जा सकता है. इसके बाद तहसील कोर्ट में 6 महीने तक बेदखली की कार्रवाई चली थी, जहां से घर खाली कराने का फैसला हुआ था. परिवार वालों को नोटिस दिया गया और घर खाली करने का समय भी दिया गया था. लेकिन अभी तक घर खाली नहीं हुआ है. उन्हें घर खाली करन के लिए थोड़ा और समय दिया गया है".

PMAY के तहत मिल चुका है घर

कोर्ट के आदेश पर इन सभी को विस्थापित किया जाना था. इसके लिए इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैट का आवंटन किया गया था, लेकिन ये परिवार अभी तक वहां शिफ्ट नहीं हुए.

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