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काशीपुर में गुरुमत संत समागम समारोह के समापन पर पहुंचे सीएम धामी, सेवा की, लंगर चखा, दिया ये संदेश

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 20, 2024, 7:09 AM IST

Updated : Mar 20, 2024, 9:01 AM IST

Gurumat Saints Samagam in kashipur, 325 years of Khalsa Panth जनपद उधमसिंह नगर के काशीपुर में सिख समाज के तीन दिवसीय गुरुमत संत समागम समारोह का विधिवत समापन हुआ. इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे. सीएम धामी ने समागम में मुख्य अतिथि के रूप शिरकत करते हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब दरबार में माथा टेका.

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सिख समाज के संत समागम में सीएम धामी

काशीपुर: शहर में आयोजित गुरुमत संत समागम संपन्न हो गया है. समापन समारोह में बड़ी संख्या में अनुयाई उपस्थित रहे. तीन दिवसीय कार्यक्रम में अकाल तख्त अमृतसर के जत्थेदार सहित सिख धर्म के प्रचारक रागी, ढाडी व कीर्तनी जत्थे सहित धर्म प्रचारक शामिल रहे. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंगर स्थल पर जाकर सेवा की तथा प्रसाद चखा.

बताते चलें कि संत गुरु उपदेश सिंह उदासीन उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के संत समाज की अध्यक्षता में आयोजित इस संत समागम का मुख्य उद्देश्य खालसा पंथ की स्थापना के 325 वर्ष पूर्ण होने पर खालसा की विशेषताएं खालसा के रहन-सहन के बारे में अवगत कराना था. वहीं खालसा पंथ की स्थापना किन परिस्थितियों में और क्यों की गई इसके बारे में भी समागम में जानकारी दी गई. मंगलवार को समागन के अंतिम दिवस श्री काल तक साहब से आए पांच पांच प्यारों द्वारा अमृत संचार कराया गया. तीन दिवसीय कार्यक्रम में हजारों संगत ने शिरकत की. वहीं इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में अंतिम दिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. कार्यक्रम में पर्यटन एवं केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट तथा बीजेपी जिला अध्यक्ष गुंजन सुखीजा, प्रदेश मंत्री गुरविंदर सिंह चांदो तथा मंत्री खिलेंद्र चौधरी उपस्थित रहे.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिख खालसा पंथ की स्थापना के 325 वें स्मरण दिवस पर संत समागम हो रहा है. ये बहुत ऐतिहासिक है. इस प्रकार के समागम से पता चलता है कि हमारे सिख गुरुओं के द्वारा भारत के गुरुओं के द्वारा किस तरह अपने पंथ की तथा देश, धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया गया. अपने जीवन को लगाया तभी वह महान हुए. उन सब का स्मरण आने वाली पीढ़ियां करें उसके लिए इस प्रकार के संत समागम भावी विरासत को सौंपने के लिए सबसे अच्छा माध्यम हैं.

मैं उन सब को धन्यवाद व बधाई देता हूं जिन्होंने इस समागम का आयोजन किया. ऐसे अवसर पर हम संकल्प लेते हैं कि हम हमारे धर्मगुरु, हमारे सिख पंथ गुरु नानक जी से लेकर दशमेश तक गुरु गोविंद सिंह जी तक उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए सब की शांति, सद्भावना, प्रेम के लिए संदेश व प्रेरणा हम को दी उसका अनुसरण करेंगे. आज उसी को आगे बढ़ाने का काम एक भारत श्रेष्ठ भारत के रूप में विकसित भारत के संकल्प के रूप में हमारे प्रधानमंत्री कर रहे हैं. वह लगातार वीर बाल दिवस की बात हो, करतार सिंह कॉरिडोर की बात हो, गुरु तेज बहादुर प्रकाश पर्व मनाने की बात हो या हेमकुंड गोविंद घाट रोपवे बनाने की बात हो आजाद भारत के इतिहास में आज तक किसी ने नहीं किया जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं.
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Last Updated :Mar 20, 2024, 9:01 AM IST

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