बिलासपुर: सिम्स के डीन ने रिटायर होने वाले डॉक्टर को मिलने वाली रिटायरल बेनिफिट्स जो पैसे के तौर पर मिलती है उसे रोक दी थी. जिसके बाद पीड़ित डॉक्टर इसके खिलाफ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट पहुंचा. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि किसी भी हालत में रिटायरमेंट होने के बाद जो पैसे मिलते हैं उसे नहीं रोका जाना चाहिए. हाई कोर्ट ने आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स के डीन के फैसले को गलत बताते हुए डीन के आदेश पर स्टे लगा दिया.
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सिम्स डीन के फैसले को बताया गलत, जानिए क्या दिए कोर्ट ने निर्देश
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Feb 10, 2024, 10:58 PM IST
Chhattisgarh High Court छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सिम्स डीन के फैसले को गलत बताते हुए निर्देश दिया है कि वो रिटायरल ड्यूज किसी भी हालत में नहीं रोक सकता है. सिम्स के डीन ने रिटायर होने के बाद डॉक्टर को मिलने वाले पैसे रोक दिए थे. Sims Dean decision wrong on pay fixation
क्या था पूरा मामला: बिलासपुर के परिजात केसल में रहने वाले डॉ. कलानंद चौधरी छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ थे. कलानंद 30.06.2023 को 65 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद रिटायर हो गए. सेवानिवृत्ति के पांच माह बाद सिम्स के डीन ने उनको बताया कि उनका पे फिक्सेशन रिटायर होने के बाद गलत किया गया है. डीन ने जो ज्यादा पैसों का भुगतान किया था उसे वसूल करने का आदेश दिया. साथ ही जो पैसे रिटायर होने के बाद कलानंद को मिलने वाले थे उसे भी रोक दिया. पैसे रोके जाने और वसूली के आदेश मिलने के बाद कलानंद ने कोर्ट का रुख किया.
कोर्ट ने क्या कहा?: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने डीन सिम्स को निर्देशित किया है कि वे वसूली राशि को छोड़कर याचिकाकर्ता के अन्य समस्त सेवानिवृत्ति देयक का तत्काल भुगतान करें. कोर्ट ने उक्त वसूली आदेश के संबंध में अंतिम निर्णय याचिका की अंतिम सुनवाई के दौरान लिये जाने के लिए निर्देशित किया है.