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छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव में पर्यावरण संरक्षण के उपाय पर मंथन, प्रदूषण को करना होगा कंट्रोल

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 6, 2024, 10:55 PM IST

Chhattisgarh Climate Change Conclave 2024: छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024 का आयोजन किया गया. इस दौरान जानकारी दी गई कि बढ़ते प्रदूषण से क्लाइमेट में बदलाव होता है. इसे सुधारने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा.

Chhattisgarh Climate Change Conclave 2024
छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024

बढ़ते प्रदूषण से हो रहा क्लाइमेट चेंज

रायपुर: रायपुर में बुधवार को छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024 का आयोजन किया गया. इस दौरान 15 राज्यों और राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए. कार्यक्रम में क्लाइमेट चेंज के बारे में विस्तार से चर्चा की गई. इस दौरान बताया गया कि आखिर वर्तमान में पर्यावरण की क्या स्थिति है? बढ़ते प्रदूषण का इंसान और मौसम चक्र पर किस तरह का प्रभाव पड़ रहा है? प्रदूषण को कम करने के क्या उपाय हैं. इस तरह के विषयों पर चर्चा हुई.

क्लाइमेट चेंज के प्रभाव को रोकने पर करना होगा काम: कार्यक्रम के दौरान रिटायर्ड पीसीएफ आर के सिंह ने वहां मौजूद लोगों को क्लाइमेट चेंज और उसके प्रभाव को लेकर जानकारी दी. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आर के सिंह ने बताया कि, "इस कार्यक्रम में सुझाव आ रहे हैं कि सबको मिलकर काम करना है. उसमें जन सहयोग की आवश्यकता होगी. जब तक सब मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक इस सबसे बड़ी चुनौती का समाधान नहीं हो पाएगा. सिर्फ सरकारी नहीं, जो निजी क्षेत्र हैं, विभिन्न समिति ऑर्गेनाइजेशन हैं, सबको मिलकर इस दिशा में काम करना पड़ेगा. तभी जाकर हम इस चुनौती का हल हम ढूंढ पाएंगे."

क्लाइमेट चेंज की वजह से आम जनजीवन पर प्रभाव पड़ रहा है. गर्मी बढ़ रही है. फसलें बर्बाद हो रही है. कई तरह की नई बीमारी आ रही है. इससे कई तरह की बीमारियां बढ़ रही है. कई ऐसे वायरस हैं जो पहले जंगल में होते थे, लेकिन जंगल नष्ट होने के कारण वह लोगों प्रभावित करेंगे. कोरोना काल में इसका प्रभाव हम देख चुके हैं. जंगल नष्ट होने से जो क्लाइमेट चेंज हो रहा है, उससे बड़ा खतरा हो सकता है इसलिए इससे हमें बचना है.आर्थिक विकास भी जरूरी है, लेकिन इस धरोहर को बचाना है.-आरके सिंह, रिटायर्ड पीसीएफ

बता दें कि इस कार्यक्रम में जंगल को बचाने की ओर ध्यान देने की बात कही गई . साथ ही इसमें सबकी सहभागिता निभाने को लेकर जोर देने को कहा गया. ताकि हर एक के प्रयास से जंगल को बचाया जा सके, ताकि क्लाइमेट सही रहे.

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