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कोंडागांव धान खरीदी केंद्र में दिखी अव्यवस्था, हमाल ना होने से किसान परेशान

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 19, 2024, 10:49 PM IST

Chaos In Paddy Procurement Center छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी जोरों पर है. प्रदेश में धान की खरीदी 1 नवंबर 2023 से शुरू हुई थी. जो 31 जनवरी 2024 को बंद होगी. विधानसभा चुनाव के चलते नवंबर माह में धान की खरीदी में कमी देखी गई थी. परंतु जैसे-जैसे धान खरीदी बंद होने का समय नजदीक आ रहा है. किसान धान खरीदी केंद्रों में पहुंचकर धान की बिक्री कर रहे हैं.

Chaos In Paddy Procurement Center
कोंडागांव धान खरीदी केंद्र में दिखी अव्यवस्था

कोंडागांव धान खरीदी केंद्र में दिखी अव्यवस्था

कोंडागांव : जिले में 67 उपार्जन केंद्रों में 52 हजार 27 पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी की जा रही है. जिसमें अब तक लगभग 4000 किसानों से 23 लाख 93 हजार 466 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है. मिलर्स धान की मिलिंग के लिए 11 लाख 40 हजार 270 क्विंटल धान का उठाव कर चुके हैं.वहीं धान खरीदी केंद्रों में 11 लाख 84 हजार 966 क्विंटल धान रखा है. जिला विपणन कार्यालय कोंडागांव से मिली जानकारी के अनुसार जिले के सभी 66 उपार्जन केंद्रों में धान की मात्रा बफर लिमिट से भी पार हो चुकी है. जिससे धान खरीदी केंद्र प्रभारी और किसान दोनों ही परेशान है.

नान जारी नहीं कर रहा है डीओ :धान खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट से भी ज्यादा धान का स्टॉक हो जाने और धान का मिलिंग के लिए उठाव ना होने की वजह से धान खरीदी केंद्र प्रभारी समेत किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है.क्योंकि नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) का लक्ष्य पूरा हो जाने के कारण वर्तमान में नान का DO जारी नहीं किया जा रहा है. जबकि भारतीय खाद्य निगम (FCI) का DO अभी भी जारी किया जा रहा है. बावजूद इसके सभी उपार्जन केंद्रों में धान बफर लिमिट से पार हो चुका है.

बफर लिमिट पार होने से सामने आई परेशानी :वहीं आने वाले 12 दिनों बाद 31 जनवरी को धान खरीदी बंद होने के कारण किसान अधिक से अधिक धान उपार्जन केंद्रों में पहुंचकर धान बेच रहे हैं. लेकिन धान उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी प्रभारी के उदासीनता और लापरवाही के कारण अन्नदाताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

किसानों को क्या हो रही है परेशानी ? :गिरोला धान उपार्जन केंद्र में पहुंचे किसानों ने बताया कि खरीदी केंद्र में ना ही शौचालय की व्यवस्था है और ना ही पीने के लिए पानी. इतना ही नहीं यहां पर धान को बोरियों में डालने के लिए, उसे तौलने के लिए, स्टॉक करने के लिए, बोरियों को सिलाई करने के लिए भी हमाल उपलब्ध नहीं हैं. जिसके कारण किसानों को खुद ही धान को बोरियों में डालने से लेकर उसे स्टॉक करने का काम करना पड़ रहा है.

तय मात्रा से अधिक लिया जा रहा धान :किसानों के मुताबिक धान खरीदी केंद्र प्रभारी बालनाथ दीवान ने उनसे कहा है कि प्लास्टिक बारदानों में 40 किलो 500 ग्राम धान डाला जाए. वहीं जूट के बारदानों में 41 किलोग्राम धान डालने तौलने को किसानों से कहा गया है. जो तय किए गए निर्धारित मात्रा से अधिक है. गिरोला धान खरीदी केंद्र में अब तक धान की उपार्जित मात्रा 28 हजार 375 क्विंटल है. वहीं मिलर्स ने इस खरीदी केंद्र से 14 हजार 80 क्विंटल धान का उठाव किया जा चुका है. वहीं धान उपार्जन केंद्र गिरोला में 14295 क्विंटल धान जमा है जिसका उठाव होना बाकी है.

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