रायपुर:कोरोना महामारी ने लोगों को नहीं भूलने वाला दर्द दिया. महामारी जरूर अब नहीं के बराबर बची है लेकिन इसके साइड इफेक्ट अब नजर आने लगे हैं. इन्ही साइड इफेक्ट में से एक है एगोराफोबिया. ये मूल रुप से एक मानसिक रोग है जो किसी में भी नजर आ सकता है. एगोराफोबिया के बार में सामान्य शब्दों में कहा जाए तो भीड़ देखते ही इस बीमारी से पीड़ित मरीज परेशान हो जाता है. इस बीमारी की मरीज भीड़ में जाने से बचता है अकेला रहना चाहता है. उसे अपना घर और उसका अपना कमरा ही सेफ लगता है.
कोरोना का साइड इफेक्ट एगोराफोबिया अब कर रहा लोगों को परेशान
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jan 20, 2024, 9:49 PM IST
Agoraphobia emerged as a side effect of Corona क्या आपको भी भीड़ में जाने से डर लगता है, क्या आपको भी भीड़ देखकर चक्कर आने लगता है. अगर ऐसे लक्ष्ण आपको अपने भीतर नजर आने लगे तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें, हो सकता है आप एगोराफोबिया के शिकार हो रहे हों.
एगोराफोबिया बीमारी क्या है: मेडिकल टर्म में इस बीमारी को मानसिक बीमारी के तौर पर देखा जाता है. इस बीमारी के लक्षण कुछ कुछ एंजॉयटी से मिलते जुलते हैं या फिर यूं कहें कि उसी बीमारी का ये अलग रुप है. जिस किसी शख्स में ये बीमारी होती है वो खुद को अकेला रखना चाहता है. अपने कमरे या फिर घर से बाहर नहीं निकलता चाहता. खुद को अकेला रखना ज्यादा पसंद करता है. मनोचिकित्सकों का मानना है कि कोरोना महामारी के बाद से इस बीमारी के लक्षण में कई लोगों में बढ़े हैं. डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना का ये नया साइड इफेक्ट है जो लोगों के सामने आया है.
"लोगों को सोशल एंजॉयटी होती है लोगों को देखने में लोगों से बात करने में हिचकिचाहट महसूस होने लगती है. ऐसे लोग जिन्हें शादी में पार्टी में मॉल में जाने में लोगों के बीच जाने में अचानक से घबराहट होने लगे बेचैनी लगने लगे. भीड़ में जाते ही लगे कि मैं सांस नहीं ले पा रही हूं. भीड़ देखते ही लगे कि गला सूख रहा है. ऐसा लगे जैसे अभी अटैक आने वाला हो. दिल की धड़कनें तेज हो जाए, हाथ पैरों में झुनझुनाहट होने लगे. ऐसे लक्षण जब दिखने लगे तो समझें कि मानसिक रुप से दिक्कत हैं और आप में एगोराफोबिया के लक्षण आ चुके हैं. घबराएं बिल्कुल भी नहीं साइकैटरिस्ट से मिले प्रॉपर इलाज और दवाओं से ये बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है - सुरभि दुबे, मनोचिकित्सक