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25 साल से जिसकी दीवारों पर लगे रहते थे भाजपा के पोस्टर, आज बीजेपी का एक झंडा तक नहीं! जानिए, ऋषभ वाटिका की कहानी - Rishabh Vatika of Hazaribag

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 6, 2024, 6:24 PM IST

Updated : Apr 6, 2024, 7:21 PM IST

Story of Rishabh Vatika of Hazaribag. ईंट-पत्थर का वो आवास जो गवाह है दो पीढ़ी के सियासी इतिहास का, चुनावी सरगर्मी और सियासी रणनीति का. एक आवास जिसने अपने दर-ओ-दीवार पर पोस्टर लगते और उतरते देखे, पुराने चेहरों पर नये लबादे देखे. ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट से जानिए, हजारीबाग के ऋषभ वाटिका की कल और आज की कहानी.

Story of Rishabh Vatika of Hazaribag where after BJP India Alliance leaders gathered
हजारीबाग के ऋषभ वाटिका कभी बनती थी भाजपा के लिए रणनीति आज वहां इंडिया गठबंधन के नेताओं का लगा जमावड़ा

हजारीबाग के ऋषभ वाटिका की कहानी

हजारीबागः कहते हैं सियासत में न कोई दोस्त होता है और न कोई दुश्मन होता है. कब कौन किसका साथ छोड़ जाए और कब कौन नया साथी चुन ले. राजनीति में यह सबकुछ मुमकिन है. ऐसे ही बदलाव की कहानी कहता है, हजारीबाग का ऋषभ आवास.

झारखंड में भाजपा की राजनीत जिस घर में तय होती थी, आज उस घर-आंगन पर भाजपा का एक झंडा तक नहीं है. जिसकी दीवारें कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जय घोष से भरे नारों के पोस्ट से अटा होता था अब वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पोस्टर तक नहीं है. सुनने में ये बात अजीबोगरीब जरूर लग रहा है लेकिन यह वस्तुस्थिति हजारीबाग के डेमोटांड़ स्थित ऋषभ वाटिका की है.

ऋषभ वाटिका देश के पूर्व वित्त एवं विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा का आवास है. जहां से 25 वर्षों तक भाजपा की राजनीति को झारखंड में दशा और दिशा देने के लिए रणनीति बनी, मंथन हुए. यशवंत सिन्हा के कार्यकाल में उनके आवास में कई बड़े और आला नेता भी यहां पहुंचे. यही नहीं वित्त मंत्रालय संभालने के दौरान देश की वित्त व्यवस्था की भी चर्चा भी इसी आवास पर हुई.

यशवंत सिन्हा के बाद उनके पुत्र जयंत सिन्हा जब हजारीबाग से सांसद बने तब भी यह आवास भाजपा नेताओं से गुलजार रहा. जहां बाबूलाल मरांडी, दीपक प्रकाश, अर्जुन मुंडा से लेकर कई बड़े नेता आते रहे. जहां से देश समेत झारखंड की राजनीति पर चर्चा की गई. आज इंडिया गठबंधन के नेताओं का मजमा है. गाड़ी के काफिले में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा का बैनर लगा हुआ है. अटल बिहारी वाजपेयी काल में यशवंत सिन्हा भाजपा के वरिष्ठ और कद्दावर नेता रहे आज उनका आवास कांग्रेस पार्टी का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है.

ऋषभ वाटिका में ऐसा क्या हुआ कि वहां से भाजपा का झंडा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हट गई. इसके पीछे का कारण जयंत सिन्हा का टिकट काटना है. जयंत सिन्हा का टिकट कटा तो वहां भाजपा की जगह इंडिया गठबंधन के नेता सक्रिय हुए. अभी-भी सांसद जयंत सिन्हा पार्टी के सदस्य हैं लेकिन वे चुनावी प्रक्रिया से कोसों दूर हैं. मनीष जायसवाल के उम्मीदवार बनने के बाद जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं तो जयंत सिन्हा कहीं भी नहीं है. यशवंत सिन्हा का भी कहना है कि जयंत सिन्हा का टिकट कैसे काटा यह समझ से परे है.

इस पूरे प्रकरण में हजारीबाग भाजपा जिला अध्यक्ष विवेकानंद सिंह का कहना है कि ऋषभ वाटिका यशवंत सिन्हा का आवास है अगर वह झंडा बैनर हटाते हैं तो यह उनकी मर्जी है. साथ ही साथ उनका कहना है कि इस पूरे प्रकरण की जानकारी पार्टी आलाकमान को भी है. झारखंड में ऋषभ वाटिका का मतलब भाजपा का दफ्तर कहा जाता था. आज वह जगह पार्टी के लिए ही अनजान हो गया है. कहा जाए तो 25 वर्षों तक जिस परिवार ने झारखंड में भाजपा के लिए काम किया उनके आवास से एक झंडा तक भाजपा का नहीं है.

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Last Updated :Apr 6, 2024, 7:21 PM IST

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