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सर्दियों में बढ़ जाती है ब्रेन स्ट्रोक की संभावना, न्यूरोसर्जन से जानें कारण, बरते ये सावधानियां

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 22, 2023, 4:18 PM IST

Possibility of brain stroke in winter
सर्दियों में बढ़ जाती है ब्रेन स्ट्रोक की संभावना

Possibility of brain stroke in winter ठंड के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है. जिसके कारण बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए कई सावधानियां बरतने की जरूरत है.

सर्दियों में बढ़ जाती है ब्रेन स्ट्रोक की संभावना

देहरादून: उत्तराखंड में भीषण ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. प्रदेश के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने के चलते मैदानी क्षेत्रों में सूखी ठंड पड़ रही है. जिसके चलते बीमार होने की संभावनाए बढ़ गई हैं. इसके साथ ही ठंड के मौसम में स्ट्रोक के मामले भी काफी अधिक देखे जा रहे हैं. लिहाजा, ठंड के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए तमाम सावधानियां बरतने की जरूरत है. न्यूरोलॉजिस्ट भी इस बात पर जोर दे रहे है कि ठंड के दौरान शरीर की नश (veins) सिकुड़ जाती है. जिसके चलते स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में तमाम सावधानियां बरतने की जरूरत है.

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ शमशेर द्विवेदी ने बताया सर्दियों के समय में ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ जाते हैं. जिसका मुख्य कारण ठंड के दौरान रक्त की धमनियों का सिकुड़ना है. जिसके चलते ब्लड प्रेशर बढ़ता है. ब्लड में अवरूद्धत्ता पैदा होती है. इसके अलावा, ठंड के दौरान प्यास कम लगती. लोग पानी कम पीते हैं. जिससे खून की तरलता कम हो जाती है. खून गाढ़ा हो जाता है. ठंड के मौसम में धमनियों के सिकुड़ने और खून के गाढ़ा होने से नशों में क्लॉट बनने या फिर नशों के फटने के मामले देखे जाते हैं.

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न्यूरोलॉजिस्ट डॉ शमशेर द्विवेदी ने कहा ठंड के दौरान तमाम सावधानियां बरतने की जरूरत है. जिसमें मुख्य रूप से अपने आप को ठंड से बचाना, सुबह से शाम तक कम से कम दो लीटर पानी पिएं, ठंड के दौरान मॉर्निंग वॉक की जगह दोपहर को वॉक करे जब तापमान बढ़ गया हो, इसके अलावा, नहाते वक्त भी सावधानियां बरतने की जरूरत है. जिसके तहत नहाने के दौरान सीधा सिर पर पानी नहीं डालना चाहिए. पहले पैरों पर पानी डालें. हाथों पर पानी डालने के कुछ देर बाद ही पूरे शरीर पर पानी डालें. ठंड के दौरान नहाते वक्त सीधा सिर पर पानी डालना खतरनाक हो सकता है.

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ब्रेन स्ट्रोक आने के दौरान शुरुआती तीन घंटे काफी महत्वपूर्ण होते हैं. तीन घंटे के भीतर दवाइयों के जरिए रक्त क्लाॅट को खोला जा सकता है. दरअसल, स्ट्रोक के बाद सिटी स्कैन और तमाम टेस्ट करने के बाद इलाज किया जाता है. ऐसे में तीन घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचना काफी जरूरी होता है. अगर मरीज चार या छ घंटे बाद अस्पताल पहुंचता है तो नशों में तार डालकर क्लॉट को निकाला जा सकता है.

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