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GB Pant Agriculture University में कीट वैज्ञानिक का हंगामा, कार्यालय छोड़ भागे अधिकारी, जानिए मामला

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Published : Mar 9, 2023, 8:59 PM IST

Updated : Mar 24, 2023, 1:49 PM IST

न्याय की मांग को लेकर जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर की कीट वैज्ञानिक रुचिरा तिवारी ने कुलपति कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया. दो घंटे चले हंगामे के बाद डेम के आश्वासन के बाद वो अपने आवास को लौटी. मामला छात्रा का पीएचडी कराने और मानसिक उत्पीड़न से जुड़ा है.

Entomologist Ruchira Tiwari
कीट वैज्ञानिक रुचिरा तिवारी का हंगामा

कीट वैज्ञानिक रुचिरा तिवारी का हंगामा

रुद्रपुरः जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल हो गया, जब विश्वविद्यालय की एक प्रोफेसर ने कुलपति कार्यालय के बाहर हंगामा शुरू कर दिया. प्रोफेसर का हंगामा देख एक के बाद एक अधिकारी कार्यालय छोड़ भाग खड़े हुए, लेकिन प्रोफेसर न्याय की मांग को लेकर कुलपति कार्यालय के बाहर हंगामा करती रही. हंगामा देख पंतनगर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और प्रोफेसर को समझाने का प्रयास किया. दो घंटे तक चले हंगामे के बाद विश्वविद्यालय के डेम के आश्वासन पर प्रोफेसर ने अपना धरना समाप्त किया.

दरअसल, गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कीट विज्ञान विभाग में प्रोफेसर और वैज्ञानिक रुचिरा तिवारी ने आज कुलपति के कार्यालय के बाहर न्याय की गुहार को लेकर जमकर हंगामा किया. हंगामा होते ही विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारी अपने-अपने कार्यालय से नौ दो ग्यारह हो गए. इससे पहले प्रोफेसर रुचिरा तिवारी ने बीती 27 फरवरी को विवि कुलपति और शासन को ईमेल भेजा था. जिसमें उन्होंने न्याय नहीं मिलने पर 9 मार्च यानी आज प्रशासनिक भवन में आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी.
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प्रोफेसर डाॅ. रुचिरा तिवारी का आरोप है कि कीट विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ. पूनम श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में पीएचडी कर रही छात्रा अंजलि नौटियाल अगस्त 2021 से अक्टूबर 2021 तक बिना अनुमति विश्वविद्यालय से गायब रही. जब छात्रा के बारे में जानकारी लेने पर उन्हें बताया गया कि छात्रा अवकाश पर है. जबकि, संबंधित विभाग की ओर से आरटीआई के जवाब में किसी भी प्रकार की अनुमति संबंधी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया. छात्रावास के सीसीटीवी फुटेज मांगने पर कैमरे सालों से खराब होने का तर्क दिया गया.

कीट वैज्ञानिक रुचिरा तिवारी का आरोप है कि डाॅ. पूनम ने छात्रा को संरक्षित करते हुए ये कहा कि छात्रा को दिल्ली जेएनयू भेजा गया है जबकि, छात्रा को जेएनयू भेजने के अभिलेख विश्वविद्यालय के पास नहीं हैं. उन्होंने बताया कि शिकायत करने पर केस अनुशासन कमेटी में जाने के बजाए निदेशक प्रशासन कार्यालय भेजा गया. जहां जांच समिति बनाई गई और जांच समिति की ओर से पूरे मामले में लीपापोती कर छात्रा को दोषमुक्त कर उनके आरोप को गलत साबित कर उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है.

बता दें कि, डॉ. रुचिरा तिवारी को साल 2018 में विशिष्ट वैज्ञानिक अवार्ड से सम्मानित किया गया है. उनको पहले भी इनोवेटर ऑफ द इयर 2013, अंतरराष्ट्रीय फेल्वे अवार्ड, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अवार्ड और सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक जैसे अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

Last Updated :Mar 24, 2023, 1:49 PM IST
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