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जर्जर भवन में संचालित हो रहा अग्निशमन विभाग, कर्मचारियों पर हमेशा मंडराता रहता है खतरा

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Published : Sep 16, 2019, 5:41 AM IST

Updated : Sep 16, 2019, 7:42 AM IST

खटीमा का अग्निशमन विभाग.

खटीमा का अग्निशमन विभाग जर्जर भवन में संचालित किया जा रहा है. जहां न तो कर्मचारियों के लिए सुरक्षित स्थान है और न ही उपकरणों को रखने के लिए उचित व्यवस्था.

खटीमा: आपदा की स्थिति में सबसे पहले मदद के लिए तैयार रहने वाला अग्निशमन विभाग खुद ही जर्जर स्थिति में है. खटीमा का अग्निशमन विभाग अंग्रेजों के जमाने के जर्जर हो चुके भवन से संचालित हो रहा है. जोकि कभी भी ढह सकता है. वहीं, डीआईजी जगतराम जोशी का कहना है कि अग्निशमन विभाग के लिए चयनित भूमि का आवंटन हो जाएगा.

बता दें कि खटीमा का अग्निशमन विभाग लगभग 90 साल पुराने अंग्रेजों के जमाने के भवन से संचालित हो रहा है. जहां न तो कर्मचारियों के लिए सुरक्षित स्थान है और न ही उपकरणों को रखने के लिए उचित व्यवस्था. ऐसे में विभाग के कर्मचारी खुद ही संकट में हैं तो वे नगर के लोगों की मदद कैसे कर पाएंगे.

खटीमा का अग्निशमन विभाग.

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वहीं, अग्निशमन विभाग की स्थिति की जानकारी आला अधिकारियों को भी है. अग्निशमन विभाग के नए भवन के लिए भूमि तो कई साल पहले ही पुरानी तहसील परिसर में आवंटित कर दी गई थी. लेकिन कई साल बीतने के बाद भी फायर ब्रिगेड के लिए आवंटित भूमि विभाग को सुपुर्द नहीं हो सकी है. ऐसे में विभाग के कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करने को मजबूर हैं.

वहीं, डीआईजी जगतराम जोशी का कहना है कि अग्निशमन विभाग के लिए जिस भूमि का चयन किया गया था उसका आवंटन हो जाएगा.

Intro:summary- विभागीय उपेक्षा के चलते जर्जर भवन में रहने व कार्य करने को मजबूर हैं अग्निशमन विभाग के कर्मचारी। अग्निशमन विभाग के जर्जर भवन में कभी भी हो सकता है कोई बड़ा हादसा।

नोट-खबर एफटीपी में- aapdagrast agnishaman vibhag- नाम के फोल्डर में है।

एंकर- आपदा की स्थिति में सबसे पहले मदद के लिए तैयार रहने वाला अग्निशमन विभाग खुद ही है आपदाग्रस्त। जर्जर हो चुके अंग्रेजों के जमाने के भवन से संचालित हो रहा खटीमा का अग्निशमन विभाग कभी भी हो सकता है आपदा का शिकार।


Body:वीओ- राज्य भर में आपदा से निपटने के लिए प्रशासन आए दिन मॉक ड्रिल का आयोजन करवाता रहता है। परंतु कड़वा सच यह भी है कि आपदा की स्थिति में सबसे पहले याद किया जाने वाला अग्निशमन विभाग खटीमा में खुद ही आपदाग्रस्त है। जी हां लगभग 90 साल पुराने अंग्रेजों के जमाने के भवन से संचालित हो रहे अग्निशमन विभाग के पास ना तो खुद अपने कर्मचारियों को रखने के लिए सुरक्षित स्थान है और ना ही अग्निशमन विभाग में काम आने वाले उपकरणों को रखने की ही उचित व्यवस्था है। अग्निशमन विभाग के भवन को देखने मात्र से ही पता चल जाता है कि भूकंप आदि आपदा आने पर नगर की कोई इमारत गिरे ना गिरे अग्निशमन विभाग की इमारत जरूर गिर सकती है। ऐसे में विभाग के कर्मचारी तो खुद ही संकट में होंगे वह नगर के नागरिकों की मदद कैसे करेंगे।
ऐसा नहीं है कि विभाग की स्थिति की जानकारी आला अधिकारियों को नहीं है अग्निशमन विभाग के लिए के नए भवन के लिए भूमि तो कई साल पूर्व की पुरानी तहसील परिसर में आवंटित कर दी गई थी। परंतु कई साल बीतने के बाद भी फायर ब्रिगेड के लिए आवंटित भूमि विभाग को सुपुर्द नहीं हो सकी है। ऐसे में विभाग के कर्मचारी अपनी जान का जोखिम उठाकर ड्यूटी करने को मजबूर हैं।
वहीं डीआईजी जगतराम जोशी का कहना है कि पूर्व में अग्निशमन विभाग के लिए भूमि का चयन जो पानी तहसील में हुआ था वह जमीन का आवंटन हो जाएगा।

बाइट- अब्दुल फरीद सिद्दीकी समाजसेवी खटीमा

बाइट- जगतराम जोशी डीआईजी पुलिस


Conclusion:
Last Updated :Sep 16, 2019, 7:42 AM IST
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