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ओंकारेश्वर मंदिर में शीतकालीन यात्रा का विधिवत आगाज, पंच केदारों के दर्शनों का मिलता है लाभ

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Published : Nov 26, 2021, 1:41 PM IST

भगवान मदमहेश्वर (Madhyamaheshwar Mandir) की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) में विराजमान हो गयी है. इसके साथ ही शीतकालीन यात्रा का विधिवत आगाज हो गया है.

Omkareshwar temple
ओंकारेश्वर मंदिर

रुद्रप्रयाग: चारों धामों की डोलियों के शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान होते ही शीतकालीन यात्रा का भी विधिवत आगाज हो गया है. अब देश-विदेश के भक्त शीतकालीन मंदिरों में आकार अपने आराध्य के दर्शन कर सकते हैं. मान्यता है कि जो भक्त किसी कारणवश केदार और मदमहेश्वर भगवान के दर्शन नहीं कर पाते हैं, उन्हें ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) के दर्शन करने से पंच केदारों के दर्शन का लाभ अर्जित होता है.

ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ को पंच केदार शीतकालीन गद्दीस्थल के रूप में जाना जाता है. यह मंदिर भगवान केदारनाथ और द्वितीय केदार मदमहेश्वर का शीतकालीन गद्दीस्थल है. इसके अलावा यहां तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ और पंच केदार कल्पेश्वर की भी पूजा होती है. मान्यता है कि ओंकारेश्वर भगवान के दर्शन करने से पांचों केदारों के दर्शन करने का लाभ मिलता है. जो भक्त केदार नहीं जा सकते हैं, वह ओंकारेश्वर मंदिर के दर्शन करके केदारनाथ धाम का पुण्य अर्जित करते हैं. यहीं कारण है कि ओंकारेश्वर मंदिर में वर्षभर भक्तों की भीड़ लगी रहती है. खासकर भारी संख्या में भक्त ओंकारेश्वर मंदिर में पहुंचते हैं.

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ओंकारेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि महाराज मानधाता को भगवान शिव ने यहां ओमकार रूप में दर्शन दिये थे. जिसके बाद इस मंदिर का नाम ओंकारेश्वर पड़ा. जो भक्त ओंकारेश्वर के दर्शन करता है, उसे पांचों केदारों के दर्शनों का लाभ पुण्य अर्जित होता है. 11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के साथ ही मदमहेश्वर की डोली भी शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान हो गई है. अब भक्त ओंकारेश्वर मंदिर में आकर दोनों धामों के दर्शन कर सकते हैं.

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