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खुशखबरी: चोपता घाटी में तैयार होगा इको टूरिज्म जोन, स्थानीय लोगों को मिलेगी संचालन की अनुमति

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 12, 2023, 5:26 PM IST

Chopta Eco Tourism Zone
चोपता इको टूरिज्म जोन

Chopta Eco Tourism Zone रुद्रप्रयाग स्थित चोपता घाटी में इको टूरिज्म जोन तैयार करने के प्रयास शुरू हो चुके हैं. वन विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है. ये इको टूरिज्म जोन 500 हेक्टेयर में बनकर तैयार होगा. इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा.

रुद्रप्रयाग: मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से प्रसिद्ध रुद्रप्रयाग जिले की चोपता घाटी में इको टूरिज्म जोन तैयार होने जा रहा है. वन विभाग ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है. विभाग ने इको टूरिज्म बोर्ड को साढ़े तीन करोड़ रुपये की लागत का प्रस्ताव भेजा है. बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद विभाग आगे की कार्रवाई शुरू कर देगा. प्रभागीय वन अधिकारी रुद्रप्रयाग अभिमन्यु ने बताया कि मुख्य सचिव ने सभी जिलों में इको टूरिज्म जोन तैयार करने के निर्देश दिए हैं. वन विभाग द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर चोपता घाटी को जिले में इसके लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना गया है.

Chopta Eco Tourism Zone
चोपता इको टूरिज्म जोन के अंतर्गत ट्री हाउस भी बनेगा.

चोपता में हर साल देश-विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं. यहां दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ स्थित है जिसके दर्शनों को प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. इसके अलावा विंटर टूरिज्म के लिए भी हजारों पर्यटक हर साल यहां आते हैं. यहां पर व्यवस्थित टूरिज्म जोन विकसित होने से राज्य सरकार एवं स्थानीय जनता दोनों को लाभ होगा. विभाग ने लैंडस्केप आर्किटेक्ट की मदद से साढ़े तीन करोड़ की लागत की डीपीआर इको टूरिज्म बोर्ड एवं शासन को भेज दी है. स्वीकृति मिलने पर फेज-1 का कार्य 2023-24 व फेज-2 का कार्य 2024-25 में किया जाएगा.

Chopta Eco Tourism Zone
स्थानीय लोगों को बर्ड वाचिंग गाइड बनने का मौका मिलेगा.

500 हेक्टेयर में तैयार होगा जोन: चोपता इको-टूरिज्म जोन कुल 500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में तैयार होगा. इसमें एनएच-107A के आस-पास के रागसी, मक्कू और उषाडा आरक्षित वन क्षेत्र को सम्मलित किया जाएगा. इसका मुख्य आकर्षण इको पार्क, ट्री हाउस, बर्ड-इंटरप्रिटेशन सेंटर और कल्चरल व हेरिटेज सेंटर होंगे. इको-टूरिज्म विकास के समस्त कार्यों को इको-फ्रेंडली तरीके से प्रकृति को अनावश्यक छेड़छाड किए बिना तैयार किया जाएगा. एनएच-107A के आस-पास फोटो प्वाइंट, साइनेज एवं एंट्रेंस प्लाजा और जानवरों के थ्री डी मॉडल भी स्थापित किए जाएंगे.
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इसके साथ ही उषाडा वन पंचायत के आरक्षित वन क्षेत्र में इको-पार्क विकसित किया जाएगा. इसमें इको-टेल, ट्री हाउस, एडवेंचर गतिविधियां व कैनोपी ब्रिज, फोटो प्वाइंट, साइनेजेज आदि विकसित किए जाएंगे जिससे पर्यटकों को प्रकृति के बीच सुखद समय व्यतीत करने का मौका मिले. बर्ड-इंटरप्रिटेशन सेंटर में क्षेत्र के स्थानीय पक्षियों के मॉडल व उनके संबंध में जानकारी तथा साथ ही दुर्लभ वन्यजीव व पक्षियों का विवरण व रोचक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. यहां बर्ड वाचिंग हेतु आए सैलानियों को बर्ड गाइड, दूरबीन, बर्ड बुक व पक्षियों से संबंधित सोवेनियर/मर्केन्डाइज की सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी.

Chopta Eco Tourism Zone
दो फेज में टूरिज्म जोन का निर्माण किया जाएगा.

स्थानीय लोग करेंगे संचालन: जिले में तैयार होने जा रहे इको-टूरिज्म जोन के संचालन में स्थानीय लोगों एवं वन पंचायत की अहम भूमिका होगी. इनकी मदद से ही कैंपिंग साइट का संचालन, पार्किंग, एडवेंचर स्पोर्ट का संचालन, ट्रेकिंग, बर्ड वाचिंग गाइड, अपशिष्ट कूड़ा प्रबंधन आदि कार्य वन विभाग की देखरेख में किए जाएंगे. इको-टूरिज्म जोन में पर्यावरण संरक्षण एवं सुधार कार्य हेतु बुग्यालों को जियो जूट विधि से उपचार, जल एवं मृदा संरक्षण कार्य एवं सुरक्षा व संचालन हेतु इन्टेन्स प्लाजा, चेकपोस्ट का निर्माण व अपशिष्ट प्रबंधन हेतु उचित व्यवस्था की जाएगी.

Chopta Eco Tourism Zone
इसका मुख्य आकर्षण इको पार्क, ट्री हाउस, बर्ड-इंटरप्रिटेशन सेंटर रहेगा.

स्थानीय लोगों व पर्यटकों की सुविधा के लिए बायो-टॉयलेट, फूड कैफे, टूरिस्ट इंफॉर्मेशन बूथ, सोवेनियर शॉप भी विकसित किए जाएंगे. वहीं औषधीय एवं सगंध पादपों के संरक्षण हेतु हर्बल गार्डन की भी स्थापना की जाएगी. कल्चर एंड हेरिटेज सेंटर में पारंपरिक वेशभूषा, पुरातन औजार, क्षेत्र के हस्तकृति की झलक के साथ-साथ स्थानीय लोक कथा, धार्मिक आस्था व आध्यात्मिक महत्व की जानकारी मिलेगी. कैंप साइट हेतु चयनित क्षेत्र में ही परमिट के आधार पर स्थानीय ग्रामीणों को सशर्त अनुमति दी जाएगी.

Chopta Eco Tourism Zone
चोपता में हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक पहुंचते हैं.
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चिरबटिया एवं कार्तिक स्वामी सर्किल भी होगा तैयार: डीएफओ अभिमन्यु ने बताया कि जिले में टूरिज्म जोन की तर्ज पर चोपता घाटी के साथ ही चिरबटिया एवं कार्तिक स्वामी घिमतोली सर्किट को भी विकसित किया जाएगा. तीनों ही स्थान पर्यटन के लिहाज से बेहद क्षमता रखते हैं.

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