श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल युवक की जान बचाने में सफलता हासिल की है. अत्यधिक मात्रा में खून बहने की वजह से युवक की पल्स और बीपी डाउन हो गया था. खतरे को देखते हुए चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद उसके पेट की सर्जरी की. युवक की तिल्ली फट गई थी. जिसको हटा दिया गया. पांच दिन की मेहनत के बाद युवक की हालात सामान्य हो रही है. अब उसे आईसीयू से सामान्य सर्जरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.
बता दें 3 दिसंबर की रात मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में बिजनौर निवासी 18 वर्षीय युवक शहबाज को भर्ती कराया गया. युवक बाइक से पेट के बल सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. युवक की हालत बहुत ही खराब थी. तब युवक की पल्स और बीपी भी नहीं नापी जा रही थी. जिसके बाद युवक को बचाने के लिए इलाज शुरू किया गया.
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जान के खतरे को देखते हुए सर्जन डॉ. श्वेताभ प्रधान और निश्चेतक डॉ. सुरेंद्र सिंह की टीम ने युवक का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया. ऑपरेशन शुरू करते समय मरीज का बीपी 46/23एमएम (सामान्य व्यक्ति का बीपी 120/80 एमएम होता है) था. जिसको मरणासन्न अवस्था के समान माना जाता है.
डॉ. प्रधान बताते हैं कि पेट को चीरा मारकर खोला गया. अंदर 4 से 5 लीटर खून भरा पाया गया, जो तिल्ली (स्पलीन) फटने (ग्रेड 4 इंज्यूरी) की वजह से निकला था. युवक की जान बचाने के लिए उसको तुरंत निकालना अति आवश्यक था. ऑपरेशन के दौरान युवक को 4 यूनिट खून चढ़ाया गया. तिल्ली निकालने के बाद पेट की अन्य चोटों को देखा गया. युवक के पेट में 6×6 सेमी. का बड़ा छेद हो गया था. जिसको सिल दिया गया. तीन घंटे चले ऑपरेशन के बाद युवक को एसआईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया.
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उन्होंने बताया तिल्ली मनुष्य की इम्युनिटी बनाए रखने में मदद करती है. इम्युनिटी को बनाए रखने के लिए 3 वैक्सीन लगाई गई हैं. ऑपरेशन के बाद युवक को तीन यूनिट खून और चढ़ाया गया. पहले दिन युवक को वेंटीलेटर पर रखा गया. तीसरे दिन युवक जब सांस लेने में सक्षम हो गया, तो गले में लगाई गई ट्यूब हटा दी गई. दिन-रात की मेहनत के बाद युवक अब खतरे से बाहर है. डॉ. प्रधान ने बताया कि 1-2 दिन में मरीज के सारे पाइप निकाल कर उसको खाना देना शुरू किया जाएगा.