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HNB Garhwal University के कुलपति की बुद्धि-शुद्धि के लिए छात्रों ने किया यज्ञ, जानिए क्यों?

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 24, 2023, 5:08 PM IST

Updated : Aug 24, 2023, 8:14 PM IST

HNB Garhwal University
एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में छात्रों किया यज्ञ

HNB Garhwal University में छात्र अनिश्चितकालीन धरने पर डटे हैं. धरनारत इन छात्रों ने कुलपति की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया. उनका कहना है कि सीयूईटी की अनिवार्यता की वजह से उत्तराखंड के छात्र हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं. लिहाजा, उत्तराखंड के छात्रों को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाए.

कुलपति की बुद्धि-शुद्धि के लिए छात्रों ने किया यज्ञ

श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रदेश के छात्रों को एडमिशन नहीं मिल पा रहा है. इसकी वजह छात्र सीयूईटी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को बता रहे हैं. सीयूईटी के विरोध में तमाम महाविद्यालयों में छात्रों का आंदोलन देखने को मिल रहा है. गढ़वाल विवि के बिरला परिसर में भी एबीवीपी के छात्र अनिश्चितकालीन आंदोलन में डटे हुए हैं. आज तो छात्रों ने गढ़वाल विवि की कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल के बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ तक कर लिया. इस दौरान छात्रों ने कुलपति, केंद्र सरकार समेत शिक्षा मंत्रालय की कार्य प्रणाली का जमकर विरोध किया.

एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप राणा ने कहा कि गढ़वाल विवि में यूजी और पीजी की कक्षाओं में एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित सीयूईटी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन हो रहे हैं, लेकिन सीयूईटी अनिवार्यता की वजह से विवि में काफी संख्या में सीटें खाली रह रही हैं. उनका कहना है कि प्रदेश के छात्रों को विवि में प्रवेश तक नहीं मिल पा रहा है. जिससे यहां के छात्र एडमिशन से वंचित हो रहे हैं.
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संदीप राणा का कहना है कि गढ़वाल विवि में सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश में 50 फीसदी आरक्षण दिया जाए. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी एनआईटी में प्रदेश के छात्रों को पहले से ही 50 फीसदी और मेडिकल कॉलेज में 85 फीसदी आरक्षण निर्धारित है. गढ़वाल विवि के परिसरों में यूजी करने वाले छात्रों को पीजी में 5 प्रतिशत अधिमान (वेटेज) दिया जाए. इसके साथ ही सीयूईटी माध्यम से प्रवेश के बाद रिक्त सीटों पर मेरिट के आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाए.

वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संगठन मंत्री सारस्वत खंडूड़ी ने कहा कि दिल्ली में बैठकर उत्तराखंड के पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के अधिकारियों को कोई सरोकार नहीं है. प्रदेश के छात्रों के हितों के लिए एबीवीपी प्रदेशव्यापी आंदोलन को तैयार है. मांगों के समाधान होने पर ही आंदोलन वापस लिया जाएगा.
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Last Updated :Aug 24, 2023, 8:14 PM IST
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