हल्द्वानी: उत्तराखंड विजिलेंस इस्टैब्लिशमेंट (Uttarakhand Vigilance Establishment) शिकायत मिलने पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है. विजिलेंस की कुमाऊं परिक्षेत्र की टीम ने पिछले 5 सालों में रिश्वत के 18 मामले ट्रैप किया है, जिसमें सबसे ज्यादा रिश्वतखोर राजस्व विभाग में (Most bribery in revenue department) मिले हैं. राजस्व विभाग के 6 कर्मचारी पकड़े गए (6 employees arrested of revenue department ) हैं.
एसपी विजिलेंस, कुमाऊं प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि टीम ने कुमाऊं में पिछले 5 सालों में रिश्वत मामले में बड़ी करते हुए 18 मामलों में सरकारी कर्मचारियों को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष 2022 में अभी 8 महीने के भीतर रिश्वत लेने के 6 मामले में कर्मचारी पकड़े गए हैं.
उन्होंने कहा कि 2018 में 5 मामले, 2019 में 3, 2020 में 2, 2021 में 2, जबकि 2022 में 6 मामले ट्रैप किए गए हैं. ट्रैप किए गए मामलों में 6 मामले राजस्व विभाग, 4 पीडब्ल्यूडी, जबकि 3 मामले वन विभाग के सामने आए हैं. आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस मजबूती के साथ कार्रवाई करती है. विजिलेंस द्वारा पकड़े गए मामलों में 52% आरोपियों को सजा हो चुकी है. जबकि कुछ मामलों में आरोपी बरी भी हो चुके हैं. वहीं, अभी भी कई मामले न्यायालय में विचाराधीन है.
एसपी विजिलेंस ने कहा कि भ्रष्टाचार और रिश्वत की शिकायत (Corruption and bribery complaints) पर विजिलेंस टीम अपने स्तर से जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई करती है. कोई भी व्यक्ति विजिलेंस कार्यालय में आकर भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत देता है तो, उसके बाद विजिलेंस की टीम उस पर त्वरित कार्रवाई करती है.