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हल्द्वानी में राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन का समापन, आठवीं सूची में शामिल करने की मांग

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Published : Nov 13, 2022, 3:30 PM IST

Updated : Nov 13, 2022, 4:12 PM IST

National Kumaoni Language Conference
हल्द्वानी में राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन

हल्द्वानी में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा साहित्य सम्मेलन का समापन हो गया है. इस दौरान कुमाऊंनी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने और पीजी तक की कक्षाओं में कुमाऊंनी भाषा का पाठ्यक्रम लागू करने पर जोर दिया गया.

हल्द्वानीः तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा साहित्य सम्मेलन का समापन हो गया है. सम्मेलन में कुमाऊं के जाने-माने साहित्यकारों, रचनाकारों और लेखकों ने हिस्सा लिया. इस दौरान कुमाऊंनी भाषा और साहित्य के संवर्धन को लेकर मंथन किया गया. साथ ही कुमाऊंनी भाषा और संस्कृति को बढ़ाने पर जोर दिया.

हल्द्वानी में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा साहित्य सम्मेलन आयोजित किया गया, लेकिन सम्मेलन को लेकर लोगों ने रुचि नहीं दिखाई. जिस पर आयोजकों ने चिंता जताई. उनका कहना था कि इस तरह के आयोजन में गिनती भर के कुमाऊं के रहवासियों ने शिरकत की. सम्मेलन के आयोजक बहादुर सिंह बिष्ट ने कहा कि कुमाऊंनी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना होगा. पीजी तक की कक्षाओं में कुमाऊंनी भाषा का पाठ्यक्रम भी लागू करना चाहिए.

हल्द्वानी में राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन का समापन.
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उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कुमाऊंनी भाषा के संवर्धन और पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए सीएम धामी से भी बातचीत की जाएगी. वहीं, राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा साहित्य सम्मेलन में कुमाऊंनी साहित्यकारों रचनाकारों और लेखकों को भी सम्मानित किया गया. गाजियाबाद से आईं कुमाऊंनी बाल लेखक मंजू बिष्ट को सर्वश्रेष्ठ बाल लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

लेखिका मंजू बिष्ट (Writer Manju Bisht) ने कहा कि आज के डिजिटल दौर में लेखन में परिवर्तन आया है. कुमाऊंनी लेखन में थोड़ा अंतर आना भी जरूरी है, क्योंकि नई पीढ़ी को कुछ अलग तरह के लेख पढ़ने की आदत है. हमें समय के स्वरूप लेखन में कुछ अलग करने की आवश्यकता है. कुमाऊंनी भाषा के साहित्य और भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा.

वहीं, राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा साहित्य सम्मेलन (National Kumaoni Language Conference) में आए लोगों के लिए खानपान की व्यवस्था भी की गई थी. जिसमें कुमाऊंनी व्यंजनों में भट्ट की दाल, मंडुए की रोटी, कढ़ी, हरी चटनी और कद्दू की सब्जी का स्वाद चखा. वहीं, कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम भी रही.
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Last Updated :Nov 13, 2022, 4:12 PM IST
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