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भ्रष्टाचार के आरोपी आईएफएस किशन चंद को तगड़ा झटका, हाईकोर्ट का अग्रिम जमानत देने से इनकार

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Published : Dec 19, 2022, 2:05 PM IST

Nainital High Court
किशन चंद को झटका

विवादित आईएफएस अधिकारी किशन चंद को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. नैनीताल हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की. फिलहाल कोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई हेतु 3 जनवरी की तिथि नियत की है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में हुई. पीठ ने किशन चंद की याचिका निरस्त कर दी है.

किशन चंद पर कालागढ़ में तैनाती के दौरान मोरघट्टी व पाखरो में अवैध निर्माण के साथ ही पेड़ों के कटान का आरोप है. सरकार ने किशन चंद को निलंबित कर दिया था. साथ ही विजिलेंस को जांच सौंप दी थी. विजिलेंस ने आरोपी के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था. किशन चंद ने एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की. साथ ही कहा कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप निराधार हैं. जितने भी कार्य उनके द्वारा किये गए वे विभागीय अधिकारियों की सहमति के किये गए. इसलिए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाये.

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद की ओर से अग्रिम जमानत दिए जाने को लेकर दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई हेतु 3 जनवरी की तिथि नियत की है. किशन चंद पर कालागढ़ में तैनाती के दौरान मोरघट्टी व पाखरो में अवैध निर्माण के साथ ही पेड़ों के कटान का आरोप है. सरकार ने किशन चंद को निलंबित कर दिया था. साथ ही विजिलेंस को जांच सौंप दी थी. विजिलेंस ने आरोपी के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था.
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किशन चंद ने अदालत से कहा कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप निराधार हैं. जितने भी कार्य उनके द्वारा किये गए वे विभागीय अधिकारियों की सहमति से किये गए. किशन चंद ने इससे पहले उच्च न्यायालय में अपनी गिरफ्तारी पर रोक व एफआईआर को निरस्त करने को लेकर याचिका दायर की थी. जिसको उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया था. आज अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए उनके द्वारा अग्रिम जमानत हेतु प्रार्थना पत्र दायर किया गया है.

विजिलेंस कर रही है किशन चंद के भ्रष्टाचार की जांच: बता दें कि किशन चंद पर कालागढ़ रेंज में तैनाती के दौरान मोरघट्टी व पाखरो में अवैध तरीके से निर्माण कार्य कराने के साथ हरे पेड़ों के कटान और सरकारी धन के दुरुपयोग और फर्जी बिल बनाकर ठेकेदारों को भुगतान करने के गंभीर आरोप हैं. शासन ने इसे भ्रष्टाचार मानते हुए विजिलेंस को मामले की जांच सौंप दी थी. पूर्व डीएफओ किशनचंद को पूर्व भाजपा विधायक और रविदासाचार्य सुरेश राठौर ने बीते माह ही उत्तरी हरिद्वार में एक कार्यक्रम के दौरान रविदास अखाड़े में महामंत्री पद से नवाजा था.

श्री गुरु रविवादास अखाड़े के महामंत्री पद से हटाए गए किशन चंद: गुरुवार को भाजपा के पूर्व विधायक और रविदासाचार्य सुरेश राठौर ने बैठक कर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है. सुरेश राठौर ने कहा कि किशनचंद के विरुद्ध जिन जिन सरकारी व अर्धसरकारी एजेंसियों से जांच चल रही है और जब तक वह पूरी नहीं हो जाती एवं वो संन्यास परंपराओं को धारण नहीं करते, तब तक किशनचंद को अखाड़े के महामंत्री पद और अखाड़े की सभी गतिविधियों से मुक्त कर दिया गया है. श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर ने कहा कि किशनचंद पर गंभीर आरोप लगे हैं. इसलिए उन्हें महामंत्री पद से हटा दिया है.

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