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बलियानाला भूस्खलन मामले में HC सख्त, सरकार को ट्रीटमेंट के लिए 24 घंटे के अंदर टेंडर निकालने के आदेश

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 31, 2023, 6:40 PM IST

Landslide in Balianala नैनीताल के बलियानाला में हो रहे भूस्खलन को लेकर दायर याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने सरकार को नाले के ट्रीटमेंट के लिए 24 घंटे के भीतर ई टेंडर निकालने का आदेश दिया है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के आधार कहे जाने वाले बलियानाले में हो रहे भूस्खलन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि नाले के ट्रीटमेंट के लिए 24 घंटे के भीतर समाचार पत्रों और ई टेंडर निकालें. मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी.

आज सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया कि इसके लिए 206 करोड़ रुपए स्वीकृत हो गए हैं, उन्हें इसमें टेंडर निकालना है और उन्हें समय दिया जाए. जिस पर कोर्ट ने सरकार को टेंडर निकालने की राहत दी है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि इसके ट्रीटमेंट के लिए 2018 से अब तक 3 बार सर्वे हो चुका है, लेकिन ट्रीटमेंट नहीं हुआ. उनके इस तथ्य पर कोर्ट ने अगली तिथि को उनसे इसकी वर्तमान स्थिति से अवगत कराने को कहा है.
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मामले के अनुसार नैनीताल निवासी अधिवक्ता सैय्यद नदीम मून ने साल 2018 में हाईकोर्ट में जनहित दायर कर कहा था कि नैनीताल के आधार कहे जाने वाले बलियानाले में हो रहे भूस्खलन से सरोवर नगरी के लोगों को बड़ा खतरा हो सकता है. नैनीताल के अस्तित्व और लोगों को बचाने के साथ भूस्खलन को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय किया जाए, ताकि क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोका जा सके.

मून का कहना है कि नैनीताल को बचाना स्थानीय लोगों की जिम्मेदारी है. साल 2018 से इस पर शासन और कार्यदायी संस्था स्थानीय लोगों के हितों का ध्यान नहीं रख रही है. बारिश के समय यहां पर निवास कर रहे लोगों को अन्य जगह शिफ्ट किया जाता रहा है. 2018 में उनकी ओर से इसे बचाने के लिए जनहित याचिका दायर की गई. 5 साल बीत जाने के बाद कुछ ही लोगों के लिए आवास बनाए गए हैं.
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