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बहन के साथ रेप मामला: दुष्कर्मी को फांसी की सजा के मामले में HC में सुनवाई, फास्‍ट ट्रैक कोर्ट से रिकॉर्ड तलब

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Published : Sep 28, 2021, 3:18 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 3:34 PM IST

दुष्कर्म के मामले में पिथौरागढ़ की फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा नेपाली नागरिक को फांसी देने की सजा को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. मामले में आज हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पिथौरागढ़ की अदालत से रिकॉर्ड तलब किए हैं.

Nainital High Court
Nainital High Court

नैनीताल: पिथौरागढ़ की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 32 वर्षीय नेपाली नागरिक जनक बहादुर को पांच वर्षीय नाबालिग सौतेली बहन के साथ 6 महीने तक दुष्कर्म करने के मामले में फांसी की सजा सुनाई है. आदेश के खिलाफ दोषी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले में पिथौरागढ़ की अदालत से रिकॉर्ड तलब किए हैं.

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. उच्च न्यायालय ने बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी जनक बहादुर को पिथौरागढ़ की फास्ट ट्रैक कोर्ट से फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में पिथौरागढ़ की अदालत से रिकॉर्ड तलब किए हैं.

बता दें, पिथौरागढ़ की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी को 24 सितंबर 2021 को फांसी की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने इसकी पुष्टि करने के लिए माननीय उच्च न्यायालय को आदेश भेजा है. मामले के अनुसार जनक बहादुर नेपाल का रहने वाला है. वह कुछ समय से जाजर देवल थाना क्षेत्र पिथौरागढ़ में अपने दो नाबालिग बच्चों व एक 5 वर्षीय सौतेली बहन के साथ रह रहा था.

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आरोप है कि उसने अपनी सौतेली बहन के साथ पिछले 6 माह से दुष्कर्म किया, साथ में बच्ची के साथ मारपीट भी की. जब इसकी सूचना क्षेत्र के लोगों को मिली तो उन्होंने इसकी शिकायत जाजरदेवल थाना पिथौरागढ़ में की. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था.

शर्मसार करने वाली घटना: मामला अप्रैल 2021 है. दुष्कर्म की पुष्टि नाबालिग की मेडिकल जांच करने के बाद हुई. जांच में उसके शरीर में कई चोटें भी थी. क्षेत्रवासियों का कहना था कि यहां इनके परिवार के कोई सदस्य नहीं रहते हैं. बच्चों को संरक्षण देने वाला कोई नहीं था. जब संस्था ने इनको संरक्षण दिया, तो नाबालिग ने उनको यह दुखद घटना बताई. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है.

दरअसल, पीड़िता के माता-पिता का देहांत हो चुका था, जिसके बाद वो अपने सौतेले भाई के साथ रहती थी, लेकिन सौतेले भाई ने रिश्तों की परवाह किए बिना लगातार 6 महीने तक पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया. यही नहीं, दोषी ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट को भी काफी नुकसान पहुंचाया था.

Last Updated : Sep 28, 2021, 3:34 PM IST
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