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नैनीताल HC में सिद्धबली स्टोन क्रशर संचालन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई

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Published : Jul 27, 2022, 5:18 PM IST

Sidhbali stone crusher
स्टोन क्रशर संचालन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज कोटद्वार में माइनिंग पॉलिसी के खिलाफ संचालित सिद्धबली स्टोन क्रशर को हटाए जाने को लेकर दायर याचिका की सुनवाई की. जिसके बाद कोर्ट ने अब इस मामले में पक्षकारों को अपना अतिरिक्त कथन 3 अगस्त तक पेश करने के आदेश दिये हैं.

नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने कोटद्वार में माइनिंग पॉलिसी के खिलाफ संचालित सिद्धबली स्टोन क्रशर को हटाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने लगातार पांच दिन सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 3 अगस्त की नियत की है. खंडपीठ ने सभी पक्षकारों से कहा है कि वह अपना अतरिक्त कथन 3 अगस्त से पहले कोर्ट में पेश करें.

इस मामले के अनुसार, कोटद्वार निवासी देवेंद्र सिंह अधिकारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कोटद्वार में राजाजी नेशनल के रिजर्व फॉरेस्ट में सिद्धबली स्टोन क्रशर लगाया गया है. यह स्टोन क्रशर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी गाइडलाइनों के मानकों को पूरा नहीं करता है. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइड लाइन में कहा था कि कोई भी स्टोन क्रशर नेशनल पार्कों के 10 किलोमीटर एरियल डिस्टेंस के भीतर स्थापित नहीं किया जा सकता जबकि, यह स्टोन क्रशर साढ़े छह किलोमीटर की दूरी पर संचालित है.

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वहीं, पूर्व में सरकार ने अपनी रिपोर्ट पेश कर कहा था कि यह स्टोन क्रशर सड़क से 13 किलोमीटर दूर है. जिस पर याचिकर्ता के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कोर्ट को बताया था कि दूरी मापने का मानक एरियल डिस्टेंस है न कि सड़क. सरकार ने इसे सड़क मार्ग से मापा है जो गलत है. सिद्धबली स्टोन क्रशर पीसीबी के मानकों को भी पूरा नहीं करता है. यहां स्टोन क्रशर स्थापित करने से क्षेत्र के साथ साथ वन्यजीव भी प्रभावित हो रहे हैं, लिहाजा, इसको हटाया जाए या इसके संचालन पर रोक लगाई जाए.

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