ETV Bharat / state

आईआईटी रुड़की में भूकंप इंजीनियरिंग पर संगोष्ठी, 14 देशों के विशेषज्ञ कर रहे हैं जागरूक

author img

By

Published : Nov 15, 2022, 8:50 AM IST

Updated : Nov 15, 2022, 10:19 AM IST

Earthquake Engineering
भूकंप इंजीनियरिंग

इन दिनों उत्तराखंड समेत पूरी दुनिया में भूकंप का डर बना हुआ है. इसको लेकर सरकार से लेकर वैज्ञानिकों में मंथन हो रहा है. आईआईटी रुड़की में भूकंप इंजीनियरिंग पर 17 वीं संगोष्ठी का सोमवार से आयोजन शुरू हुआ है. इसमें 14 देशों के भूवैज्ञानिक, भूकंपविद और कई वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं. संगोष्ठी में भूकंप को लेकर ज्ञान का प्रसार और जागरूकता फैलने पर जोर दिया जा रहा है.

रुड़की: आईआईटी रुड़की में भूकंप इंजीनियरिंग पर 17 वीं संगोष्ठी का सोमवार से आयोजन शुरू हुआ है. इसमें 14 देशों के भूवैज्ञानिक, भूकंपविदों और कई वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया है. वहीं कार्यक्रम में मुख्य सचिव एसएस संधू ने भी शिकरत की. इस दौरान उन्होंने आईआईटी के भूकंप विभाग का बारीकी से निरीक्षण किया.

सोमवार को आईआईटी रुड़की के मैक ऑडिटोरियम में आयोजित चार दिवसीय संगोष्ठी में उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने कहा कि भूकंप इंजीनियरिंग पर संगोष्ठी जैसे कार्यक्रम भूकंप के खतरों के बारे में ज्ञान का प्रसार और जागरूकता फैलाने में मदद करते हैं. हाल ही के दिनों में कई भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. ऐसे में भूकंप को लेकर उनके मन में भी कई तरह के सवाल उत्पन्न होते हैं.

भूकंप इंजीनियरिंग पर संगोष्ठी

उन्होंने कहा कि भूकंप को तो आने से नहीं रोका जा सकता है, लेकिन इसके खतरे और इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि भूकंप को लेकर सभी को जागरूक होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भवन इंजीनियरिंग में भूकंप का खासतौर से ध्यान रखे जाने की आवश्यकता है. पिछले कुछ वर्षों से भूकंप को लेकर जनसामान्य में भी जागरूकता आई है. उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी आने वाले समय में बेहद कारगर साबित होगी. साथ ही आईआईटी रुड़की जिस तरह से भूकंप के क्षेत्र में काम कर रहा है वह सराहनीय है.
ये भी पढ़ें: वैज्ञानिक का दावाः हिमालय में स्टोर है प्रलयकारी एनर्जी, छोटे भूकंप नहीं रोक सकते बड़ा भूकंप

वहीं आईआईटी के निदेशक प्रो. केके पंत ने कहा कि भूकंप प्राकृतिक आपदाएं हैं जो कमजोर इमारतों, लोगों और अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं. हालांकि, उन्नत अनुसंधान और समाधानों की मदद से भूकंप के हानिकारक प्रभाव को काफी कम किया जा सकता है. भूकंप के प्रभाव को कम करने के लिए समाधान खोजने के लिए बहु-विषयक अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि चार दिनों तक चलने वाली इस संगोष्ठी में भूकंप से कैसे बचा जा सके और जानमाल के नुकसान को कैसे रोका जा सके, इन सभी बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जाएगा. वैज्ञानिक अपने शोधपत्रों को भी प्रस्तुत करेंगे.

नैनीताल: आपदा की घटनाओं से निपटने के लिए जिलाधिकारी ने नैनीताल में जिले के विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. जिलाधिकरी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बीते दिनों में लगातार कई बार आए भूकंप के झटकों को गम्भीरता लेते हुए जिले के सम्बन्धित अधिकारियों एवं जनपद स्तर पर आईआरएस प्रणाली के साथ आज कलेक्ट्रेट सभागार नैनीताल में भूकंप आपदा राहत व बचाव हेतु मॉक ड्रिल और अभियान की तैयारियों को लेकर आवश्यक बैठक ली. उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में भूगर्भीय घटनाओं के कारण आ रहे भूकंप तथा किसी उच्च मापकता के भूकंप की संभावित घटनाओं की पूर्व तैयारियों, प्रतिवेदन एवं राहत समन्वय कार्यों का उच्चतम स्तर बनाए रखने हेतु सम्बन्धित विभाग अपने-अपने आपदा से सभी उपकरणों को हर हाल मे पहले से ही संरक्षित करते हुए प्लानिंग करें. उन्होंने कहा कि आपदा कभी भी आ सकती है. इसलिए जिस अधिकारी और कर्मचारी को जो दायित्व दिए गए हैं, वे उनकी पूर्ण जानकारी रखते हुए उसे गम्भीरता से लें. जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने क्षेत्र में ऐसे स्थानों को चिन्हित कर लें जहां पर आपदा एवं भूकंप आने की अत्याधिक सम्भावनाएं हैं.
ये भी पढ़ें: Uttarakhand Earthquake: भूकंप एप ने 1 मिनट पहले दिया था अलर्ट, सेंसर ऐसे बचाएगा जान

इसके आलावा क्षेत्र के आस-पास के अस्पतालों को चिन्हित कर उसमें डॉक्टर, बेड या चिकित्सा सम्बन्धी उपकरणों का भी निरीक्षण कर खराब उपकारणों को ठीक करें. साथ है सभी शासकीय, गैर शासकीय कार्यालय, प्रतिष्ठानों, एवं अग्निशमन विभाग को अपने फायर उपकरणों को तत्काल ठीक रखने के निर्देश दिये. डीएम ने एसडीएम एवं आपदा अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि वे अपने कन्ट्रोल रूम को 24 घंटे अपडेट रखें, ताकि होने वाली घटनाओं की सही समय पर जानकारी मिल सके.

Last Updated :Nov 15, 2022, 10:19 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.