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आपको भी यदि कोई दे रहा है सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा, तो ये खबर जरूर पढ़ें

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Published : Dec 29, 2022, 3:56 PM IST

Updated : Dec 29, 2022, 7:05 PM IST

हरिद्वार पुलिस ने एक ऐसे ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से लाखों रुपये की ठगी करता था. मामले में पुलिस ने 4 आरोपी को गिरफ्तार किया है. जिसे न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है. वहीं, गिरोह का मास्टरमाइंड अभी फरार चल रहा है. पुलिस के मुताबिक इन लोगों ने सौ से अधिक लोगों को चूना लगाया है.

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हरिद्वार पुलिस ने किया ठग गैंग का भंडाफोड़

हरिद्वार पुलिस ने किया ठग गैंग का भंडाफोड़

हरिद्वार: बेरोजगारी के दौर में अगर किसी की सरकारी नौकरी लग जाए तो शायद इससे बड़ा उसका कोई सपना पूरा नहीं हो सकता. युवाओं के इसी सपने का फायदा उठाकर कुछ ठग उन्हें अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसा ही एक मामला हरिद्वार से सामने आया है. हरिद्वार के देहात इलाके में ठगों ने बाकायदा 'स्पेशल 26' फिल्म की तर्ज पर न केवल रिक्रूटमेंट सेंटर संचालित किया हुआ था, बल्कि वहां पर बाकायदा नकली अधिकारियों द्वारा भर्ती भी की जाती थी, इसके एवज में लोगों से मोटा पैसा वसूला जाता था. इस गिरोह को तीन भाई-बहन अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर संचालित कर रहे थे. पुलिस ने मामले में एक महिला सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं, गिरोह का सरगना अभी फरार है.

फिल्मी स्टाइल में ठगी: नौकरी दिलाने के नाम पर आपने ठगी के तो बहुत मामले देखे होंगे, लेकिन बॉलीवुड फिल्म 'स्पेशल 26' की तर्ज पर ठगी का ऐसा मामला नहीं देखा होगा. हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र के ग्राम टीकमपुर में 5 लोगों मिलकर एक फर्जी भर्ती सेंटर चला रहे थे. जहां बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर बाकायदा आवेदन लिए जाते थे. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि यह लोग किसी निजी कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा नहीं देते थे, बल्कि यह लोग स्वास्थ्य, चिकित्सा और शिक्षा सहित अन्य विभागों में लोक सेवा आयोग और अन्य सरकारी चयन प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटा पैसा वसूलते थे.
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बड़े होटलों में लेते थे साक्षात्कार: चयन प्रक्रिया के लिए किसी बड़े होटल को चुना जाता था. जहां पर यह लोग सरकारी अधिकारी बनकर साथ में फर्जी गार्ड लेकर साक्षात्कार लेने पहुंचते थे. इन फर्जी लोगों की चमक धमक देखकर आवेदक को भी लगता था कि वास्तव में उनकी नौकरी पक्की हो गई है. विभिन्न सरकारी विभागों में 10% इनका कोटा होने की बात कहकर यह लोगों से मोटा पैसा वसूलते थे. पुलिस ने इस गिरोह के एक महिला सहित चार सदस्यों को धर दबोचा है. जबकि मुख्य मास्टरमाइंड अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है, जिसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें जगह-जगह दबिश दे रही हैं.

सरकारी अधिकारी बनकर दिखाते थे: सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने के लिए ठग बैठक में बाकायदा सरकारी वेशभूषा में पहुंचते थे. किसी बड़े होटल में साक्षात्कार लेने के लिए यह लोग आर्मी की ड्रेस पहने गार्ड या पुलिस की वर्दी पहने व्यक्ति के साथ ही पहुंचते थे. ताकि सामने वाले को साफ हो जाए कि यह कोई बड़ा अधिकारी है.

सौ से अधिक को बना चुके हैं निशाना: पुलिस की प्रारंभिक जांच में ही इस बात का खुलासा हुआ है कि इन पांचों शातिर ठगों ने अब तक 100 से अधिक लोगों को चूना लगाया है. नौकरी दिलाने के नाम पर मोटा पैसा वसूला गया है. पुलिस को चारों आरोपियों के पास से ₹90,000 कैश मिला है, लेकिन बड़ी बात यह कि पुलिस को करीब 16 ऐसे बैंक खातों का पता चला है, जिसमें भारी ट्रांजैक्शन हुई है. इसके अलावा इनके पास से डेढ़ दर्जन से अधिक चेक बुक और पासबुक भी मिली हैं, जो इनके कारनामों पर से पर्दा उठाएंगे.
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तीन गाड़ियां बरामद: पुलिस टीम ने इन लोगों की निशानदेही पर 3 गाड़ियां भी बरामद किए हैं, जिनका प्रयोग यह लोग साक्षात्कार लेने के दौरान किया करते थे. इसके अलावा दो और गाड़ियां भी पुलिस को पता लगी है, जिन्हें दिखा कर ठग लोगों पर विश्वास अपना जमाते थे. इन गाड़ियों को भी पुलिस तलाशने में जुटी हुई है.

माउथ पब्लिसिटी ही करते थे: कंप्यूटर मोबाइल के इस युग में यह लोग इतने शातिर थे कि यह इन दोनों माध्यमों का फायदा लोगों से संपर्क करने में नहीं उठाते थे, बल्कि यह 121 नीति पर चलकर लोगों से सीधे बात कर कर नौकरी के संबंध में जानकारी देकर उन्हें अपने जाल में फंसाते थे.

एक शिकायत ने खोली पोल: इन ठगों का यह कारनामा पिछले लंबे समय से बदस्तूर जारी था. देहात क्षेत्र होने के कारण कोई इन पर शक भी नहीं करता था. नौकरी दिलाने के नाम पर ये लोग पैसों की वसूली करते थे, लेकिन हाल ही में एक व्यक्ति की शिकायत ने इन आरोपियों का भंडाफोड़ कर दिया. इन्होंने उसे नौकरी दिलाने का झांसा दिया था और पैसा भी लिया था, लेकिन न तो नौकरी मिली और जब पैसा वापस नहीं किया तो उसने इसकी शिकायत पुलिस से कर दी. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई करते हुए चार लोगों को धर दबोचा.
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विपक्षी दल की है महिला नेत्री: मामले में जब पुलिस के हाथ रेनू सिंह और उसके भाई तक पहुंचे तो, पहले तो उसने पुलिस को ही दबाव में लेने का प्रयास किया, लेकिन जब पुलिस ने उसकी हकीकत का आईना उसे दिखाया तो उसके होश उड़ गए, जिसके बाद उन्होंने पुलिस के आगे घुटने टेक दिए. पुलिस के पास इस तरह के फ्रॉड के फिलहाल 100 शिकायतें सामने आई हैं, लेकिन पुलिस को शक है कि आने वाले दिनों में जैसे जैसे लोगों को इस गिरोह का पता लगेगा, वैसे-वैसे शिकायतकर्ताओं की संख्या भी बढ़ सकती है.

पांच थानों में अभियोग हुए पंजीकृत: इस खुलासे के बाद जिले के पांच थानों में इस गिरोह के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किए जा चुके हैं. लक्सर, मंगलौर, बहादराबाद, कलियर और रुड़की पुलिस ने लोगों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करने शुरू कर दिए हैं. साथ ही पुलिस ने यह भी अपील की है कि यदि किसी और के साथ इस तरह का फ्रॉड हुआ हो तो वह अपने संबंधित थाने में जाकर मुकदमा दर्ज करा सकता है.

छापेमारी के दौरान बरामद हुआ सामान: शिकायत पर पहुंची पुलिस ने जब इन ठगों के ठिकाने पर दबिश दी तो उनके पास से HP कंपनी की एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, एक सीपीयू, फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, विभिन्न विभागों की मोहरें, भारी मात्रा में अभ्यर्थियों की शैक्षणिक अंक तालिका, एक दर्जन से अधिक चेक बुक और पास बुक, ₹90,000 कैश, 6 मोबाइल फोन, घटना में प्रयुक्त वाहन बोलेरो, क्विड, सेंट्रो, गार्डों द्वारा पहनी गई आर्मी की वर्दी और पुलिस की जैकेट मौके से बरामद हुई.

क्या कहते हैं एसएसपी: एसएसपी अजय सिंह ने कहा अलग-अलग थाना क्षेत्रों में कुछ दिन पहले से शिकायत प्राप्त हो रही थी कि सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर इन विभागों में 10% कोटे का लालच देकर नौकरी का झांसा दिया जा रहा था. इन नियुक्तियों की डेट 5 से 6 महीने आगे की दी जाती थी. उसके बाद भी जब परीक्षार्थी को नौकरी नहीं मिलती थी तो, अन्य विभाग में उसे नौकरी दिलाने के नाम पर दोबारा पैसे ठग लिए जाते थे. बड़ी बात यह कि इन परीक्षार्थियों को इनके ऊपर शक ना हो इसके लिए उनका पूरा गैंग काम करता था. यह गैंग शहर के बड़े होटलों में इन लोगों का साक्षात्कार कराया करते थे.
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4 ठगों को हरिद्वार पुलिस ने दबोचा: साक्षात्कार देने आए व्यक्ति को ऐसे दिखाया जाता था, जैसे कोई बड़ा अधिकारी उनका साक्षात्कार लेने आया है. जांच में पता चला है कि फर्जी नियुक्ति पत्र देकर एक व्यक्ति से ₹4 से 6 लाख वसूले गए हैं. इस मामले में पुलिस ने कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि एक व्यक्ति फरार है. पकड़े गए आरोपियों में विजय नौटियाल पुत्र मीर सिंह, निवासी टीकमपुर लक्सर, रेणु नौटियाल पुत्री मीर सिंह, नितिन पुत्र चमन, निवासी टीकमपुर लक्सर और सिद्धार्थ पुत्र नव भारती निवासी पथरी को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि इस गिरोह का मास्टरमाइंड अजय नौटियाल पुत्र मीर सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. जिसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

ऋषिकेश में स्मैक तस्कर गिरफ्तार: वहीं, ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने श्यामपुर नटराज बाईपास मार्ग पर चेकिंग के दौरान एक युवक को स्मैक के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस ने युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां कोर्ट के आदेश पर आरोपी को जेल भेज दिया गया. कोतवाल खुशीराम पांडे ने बताया कि आरोपी युवक के पास से 9.20 ग्राम स्मैक बरामद हुई है. आरोपी का नाम विनोद मसी है और वह टीएसडीसी कॉलोनी का रहने वाला है.

Last Updated :Dec 29, 2022, 7:05 PM IST
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