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Uttarakhand Operation Smile: पुलिस ने 4 महीने में 1072 बिछड़े मिलाकर लौटाईं खुशियां

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Published : Jan 5, 2022, 1:38 PM IST

Updated : Jan 5, 2022, 2:48 PM IST

उत्तराखंड पुलिस की ओर से ऑपरेशन स्माइल अभियान जारी है. उत्तराखंड पुलिस का ये अभियान प्रदेश स्तर पर अपना मुकाम बना रहा है. पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत बीते वर्ष 15 सितंबर 2021 से 15 दिसंबर 2021 तक ऑपरेशन स्माइल टीम ने 1072 गुमशुदा बच्चे, बूढ़े और जवान लोगों को ढूंढा है.

Uttarakhand Operation Smile
Uttarakhand Operation Smile

देहरादून: पुलिस का ऑपरेशन स्माइल पीड़ितों के लिए मुस्कान का सबब बन रहा है. उत्तराखंड पुलिस की ओर से ऑपरेशन स्माइल अभियान जारी है. उत्तराखंड पुलिस का ये अभियान प्रदेश स्तर पर अपना मुकाम बना रहा है. पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत बीते वर्ष 15 सितंबर 2021 से 15 दिसंबर 2021 तक ऑपरेशन स्माइल टीम ने 1072 गुमशुदा बच्चे, बूढ़े और जवान लोगों को ढूंढा है. पुलिस ने सभी बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया है.

बता दें कि, ढूंढे गए लापता लोगों में 345 बच्चे, 397 महिलाएं, पुरुष और कुछ बुजुर्ग भी शामिल हैं. इस अभियान के तहत ढूंढे गए बच्चे, महिलाएं और पुरुषों में न सिर्फ उत्तराखंड के बल्कि देश के कई राज्यों के लोग शामिल हैं. उत्तराखंड पुलिस के ऑपरेशन स्माइल द्वारा खोजबीन कर उन्हें अपनों से मिला कर मानवता की अनूठी मिसाल पेश की गई है.

ऑपरेशन स्माइल अभियान.

इस मौके पर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने ऑपरेशन स्माइल की 12 टीमों में बेहतर कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. साथ ही नकद पुरस्कार की घोषणा की.

अपहरण और मानव तस्करी के शिकार लोग भी छुड़ाए गए: उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत ह्यूमन ट्रैफिकिंग और अपहरण का शिकार हुए लोगों को भी छुड़ाया है. इसी का एक उदाहरण उधम सिंह नगर से सामने आया हैं. यहां एक गरीब महिला जिसके पति के देहांत के बाद रोजी-रोटी के लिए अपने बच्चे के साथ इधर-उधर भटक रही थी, इस दौरान महिला को किसी ने बरेली में अच्छी मजदूरी देने के नाम पर झांसा देकर 60 हजार में बेच दिया था. कुछ दिनों बाद महिला को उसके बच्चे के साथ मानव तस्करों ने बदायूं पहुंचाकर एक परिवार में कैद कर बंधुआ मजदूर बना दिया.

उत्तराखंड पुलिस को अपने ऑपरेशन स्माइल के तहत गुमशुदा लोगों की तलाश में जब इस महिला के बारे में जानकारी मिली तो पता चला कि महिला काफी समय से लापता है. ऐसे में उधम सिंह नगर ऑपरेशन स्माइल टीम ने सोशल मीडिया और आधार कार्ड के जरिए छानबीन कर उन्हें यूपी के बदायूं से खोज निकाला. जांच में पता चला कि महिला ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार हो गई थी. ऑपरेशन स्माइल टीम ने महिला और उसके बच्चे को सकुशल छुड़ाकर उसके परिजनों को सौंप दिया. मानव तस्करों के द्वारा महिला को खरीदने वाले लोगों के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग का केस दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा.

मानव तस्करी गंभीर अपराध: उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मानव तस्करी गंभीर अपराध है. इसको लेकर उत्तराखंड सहित देशभर में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम गठित हैं. लेकिन इसके अलावा उत्तराखंड ऑपरेशन स्माइल के जरिए भी ऐसे बहुत से बच्चे और महिलाएं छुड़ाए जा रहे हैं जो अपहरण और मानव तस्करी का शिकार हैं. इस तरह के मामलों में सख्ती बरतते हुए आरोपित लोगों के खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का सिलसिला जारी रहेगा.

पुलिस कर्मियों में खुशी का एहसास: ऑपरेशन स्माइल में जुटे पुलिस कर्मियों का कहना है कि जब वह वर्षों से बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाते हैं, तब उन्हें अलग खुशी का एहसास होता है. क्योंकि इस दौरान परिजनों से उन्हें दुआएं मिल रही होती हैं.

गाजियाबाद-सहारनपुर से लापता नाबालिगों को ढूंढा: ऑपरेशन स्माइल से जुड़े टिहरी पुलिस के कांस्टेबल मनोज का कहना है कि 13 नवंबर 2021 को गाजियाबाद से एक बच्चा लापता हुआ था. 15 नवंबर 2021 को गाजियाबाद के लोनी थाने में उस बच्चे को लेकर अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था. इधर ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत टिहरी पुलिस की टीम ने बच्चे को 16 नवंबर 2021 को ढूंढ कर 18 नवंबर को बच्चे के गाजियाबाद में मौजूद परिजनों के सुपुर्द किया. ऐसे ही फरवरी 2020 में 8 वर्ष बच्ची शीबा सहारनपुर से लापता हुई थी. परिजनों द्वारा अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया. इधर ऑपरेशन स्माइल के अंतर्गत इस बच्ची को 5 नवंबर 2020 को देहरादून के आश्रम से ढूंढ कर सहारनपुर निवासी उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया.

पढ़ें: अब महिला जिप्सी चालक दिलाएंगी कॉर्बेट सफारी का आनंद, जल्द संभालेंगी स्टीयरिंग

आधार कार्ड वेबसाइट के जरिए भी बोल न सकने वाले बच्चों को ढूंढ कर परिजनों से मिलाया: उत्तराखंड पुलिस के ऑपरेशन स्माइल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पौड़ी गढ़वाल के सब इंस्पेक्टर कृपाल सिंह ने इस अभियान में 92 गुमशुदा बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को ढूंढ निकाला. लापता लोगों की तलाश में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें ऐसे मासूम बच्चे भी ढूंढ निकाले गए जो बोल नहीं सकते थे. कृपाल सिंह के मुताबिक इन बच्चों के फोटोग्राफ सभी सोशल मीडिया और सामाजिक संगठनों के ग्रुप में प्रचार-प्रसार के लिए भेजे गए. लेकिन इसके बावजूद काफी बच्चों की पहचान नहीं हो सकी.

ऐसे में आखिरकार आधार कार्ड वेबसाइट के जरिए इन बच्चों के फोटोग्राफ का मिलान किया गया और इसका परिणाम यह रहा कि बच्चों की शिनाख्त की गयी और उनके घर का पूरा पताकर लापता बच्चों को उनके माता-पिता से मिलाया गया. अभियान के तहत ढूंढे गए बच्चे और महिलाएं उत्तराखंड के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के भी तलाशी गईं.

बता दें कि, उत्तराखंड पुलिस द्वारा ऑपरेशन स्माइल वर्ष 2015 से शुरू किया गया था. अभी तक इसमें 3255 लोग ढूंढे जा चुके हैं. जिसमें मासूम बच्चों से लेकर महिलाएं-पुरुष शामिल हैं. 15 सितंबर 2021 से 15 दिसंबर 2021 तक चलाए गए अभियान में 1072 लोगों को ढूंढा गया. इसमें काफी संख्या में ऐसे भी लोग ढूंढे जा रहे हैं जिन का अपहरण कर उन्हें मानव तस्करी में भेजा गया था.

पढ़ें: अलीगढ़ धर्म संसद से पहले अन्नपूर्णा भारती को मिली धमकी, गृहमंत्री और यूपी सीएम से सुरक्षा की मांग

परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस का आभार व्यक्त किया: ऑपरेशन स्माइल के तहत अपनों से बिछड़े लोगों को मिलाने के बाद खुशी का इजहार करते हुए परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस का दिल से आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन स्माइल जैसे अभियान चलते रहने चाहिए. जिसकी वजह से बच्चे-महिलाएं और घर के कई लोग तलाश किए जा रहे हैं. देहरादून में आश्रम चलाने वाले बलवंत सिंह ने कहा कि उनके आश्रम से भी 6 ऐसे बच्चों को पुलिस ने शिनाख्त कर उनके परिवारों से मिलवाया जो काफी समय से उनके यहां चाइल्ड केयर वालों द्वारा छोड़े गए थे.

देहरादून: पुलिस का ऑपरेशन स्माइल पीड़ितों के लिए मुस्कान का सबब बन रहा है. उत्तराखंड पुलिस की ओर से ऑपरेशन स्माइल अभियान जारी है. उत्तराखंड पुलिस का ये अभियान प्रदेश स्तर पर अपना मुकाम बना रहा है. पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत बीते वर्ष 15 सितंबर 2021 से 15 दिसंबर 2021 तक ऑपरेशन स्माइल टीम ने 1072 गुमशुदा बच्चे, बूढ़े और जवान लोगों को ढूंढा है. पुलिस ने सभी बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया है.

बता दें कि, ढूंढे गए लापता लोगों में 345 बच्चे, 397 महिलाएं, पुरुष और कुछ बुजुर्ग भी शामिल हैं. इस अभियान के तहत ढूंढे गए बच्चे, महिलाएं और पुरुषों में न सिर्फ उत्तराखंड के बल्कि देश के कई राज्यों के लोग शामिल हैं. उत्तराखंड पुलिस के ऑपरेशन स्माइल द्वारा खोजबीन कर उन्हें अपनों से मिला कर मानवता की अनूठी मिसाल पेश की गई है.

ऑपरेशन स्माइल अभियान.

इस मौके पर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने ऑपरेशन स्माइल की 12 टीमों में बेहतर कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. साथ ही नकद पुरस्कार की घोषणा की.

अपहरण और मानव तस्करी के शिकार लोग भी छुड़ाए गए: उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत ह्यूमन ट्रैफिकिंग और अपहरण का शिकार हुए लोगों को भी छुड़ाया है. इसी का एक उदाहरण उधम सिंह नगर से सामने आया हैं. यहां एक गरीब महिला जिसके पति के देहांत के बाद रोजी-रोटी के लिए अपने बच्चे के साथ इधर-उधर भटक रही थी, इस दौरान महिला को किसी ने बरेली में अच्छी मजदूरी देने के नाम पर झांसा देकर 60 हजार में बेच दिया था. कुछ दिनों बाद महिला को उसके बच्चे के साथ मानव तस्करों ने बदायूं पहुंचाकर एक परिवार में कैद कर बंधुआ मजदूर बना दिया.

उत्तराखंड पुलिस को अपने ऑपरेशन स्माइल के तहत गुमशुदा लोगों की तलाश में जब इस महिला के बारे में जानकारी मिली तो पता चला कि महिला काफी समय से लापता है. ऐसे में उधम सिंह नगर ऑपरेशन स्माइल टीम ने सोशल मीडिया और आधार कार्ड के जरिए छानबीन कर उन्हें यूपी के बदायूं से खोज निकाला. जांच में पता चला कि महिला ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार हो गई थी. ऑपरेशन स्माइल टीम ने महिला और उसके बच्चे को सकुशल छुड़ाकर उसके परिजनों को सौंप दिया. मानव तस्करों के द्वारा महिला को खरीदने वाले लोगों के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग का केस दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा.

मानव तस्करी गंभीर अपराध: उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मानव तस्करी गंभीर अपराध है. इसको लेकर उत्तराखंड सहित देशभर में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम गठित हैं. लेकिन इसके अलावा उत्तराखंड ऑपरेशन स्माइल के जरिए भी ऐसे बहुत से बच्चे और महिलाएं छुड़ाए जा रहे हैं जो अपहरण और मानव तस्करी का शिकार हैं. इस तरह के मामलों में सख्ती बरतते हुए आरोपित लोगों के खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का सिलसिला जारी रहेगा.

पुलिस कर्मियों में खुशी का एहसास: ऑपरेशन स्माइल में जुटे पुलिस कर्मियों का कहना है कि जब वह वर्षों से बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाते हैं, तब उन्हें अलग खुशी का एहसास होता है. क्योंकि इस दौरान परिजनों से उन्हें दुआएं मिल रही होती हैं.

गाजियाबाद-सहारनपुर से लापता नाबालिगों को ढूंढा: ऑपरेशन स्माइल से जुड़े टिहरी पुलिस के कांस्टेबल मनोज का कहना है कि 13 नवंबर 2021 को गाजियाबाद से एक बच्चा लापता हुआ था. 15 नवंबर 2021 को गाजियाबाद के लोनी थाने में उस बच्चे को लेकर अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था. इधर ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत टिहरी पुलिस की टीम ने बच्चे को 16 नवंबर 2021 को ढूंढ कर 18 नवंबर को बच्चे के गाजियाबाद में मौजूद परिजनों के सुपुर्द किया. ऐसे ही फरवरी 2020 में 8 वर्ष बच्ची शीबा सहारनपुर से लापता हुई थी. परिजनों द्वारा अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया. इधर ऑपरेशन स्माइल के अंतर्गत इस बच्ची को 5 नवंबर 2020 को देहरादून के आश्रम से ढूंढ कर सहारनपुर निवासी उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया.

पढ़ें: अब महिला जिप्सी चालक दिलाएंगी कॉर्बेट सफारी का आनंद, जल्द संभालेंगी स्टीयरिंग

आधार कार्ड वेबसाइट के जरिए भी बोल न सकने वाले बच्चों को ढूंढ कर परिजनों से मिलाया: उत्तराखंड पुलिस के ऑपरेशन स्माइल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पौड़ी गढ़वाल के सब इंस्पेक्टर कृपाल सिंह ने इस अभियान में 92 गुमशुदा बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को ढूंढ निकाला. लापता लोगों की तलाश में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें ऐसे मासूम बच्चे भी ढूंढ निकाले गए जो बोल नहीं सकते थे. कृपाल सिंह के मुताबिक इन बच्चों के फोटोग्राफ सभी सोशल मीडिया और सामाजिक संगठनों के ग्रुप में प्रचार-प्रसार के लिए भेजे गए. लेकिन इसके बावजूद काफी बच्चों की पहचान नहीं हो सकी.

ऐसे में आखिरकार आधार कार्ड वेबसाइट के जरिए इन बच्चों के फोटोग्राफ का मिलान किया गया और इसका परिणाम यह रहा कि बच्चों की शिनाख्त की गयी और उनके घर का पूरा पताकर लापता बच्चों को उनके माता-पिता से मिलाया गया. अभियान के तहत ढूंढे गए बच्चे और महिलाएं उत्तराखंड के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के भी तलाशी गईं.

बता दें कि, उत्तराखंड पुलिस द्वारा ऑपरेशन स्माइल वर्ष 2015 से शुरू किया गया था. अभी तक इसमें 3255 लोग ढूंढे जा चुके हैं. जिसमें मासूम बच्चों से लेकर महिलाएं-पुरुष शामिल हैं. 15 सितंबर 2021 से 15 दिसंबर 2021 तक चलाए गए अभियान में 1072 लोगों को ढूंढा गया. इसमें काफी संख्या में ऐसे भी लोग ढूंढे जा रहे हैं जिन का अपहरण कर उन्हें मानव तस्करी में भेजा गया था.

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परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस का आभार व्यक्त किया: ऑपरेशन स्माइल के तहत अपनों से बिछड़े लोगों को मिलाने के बाद खुशी का इजहार करते हुए परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस का दिल से आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन स्माइल जैसे अभियान चलते रहने चाहिए. जिसकी वजह से बच्चे-महिलाएं और घर के कई लोग तलाश किए जा रहे हैं. देहरादून में आश्रम चलाने वाले बलवंत सिंह ने कहा कि उनके आश्रम से भी 6 ऐसे बच्चों को पुलिस ने शिनाख्त कर उनके परिवारों से मिलवाया जो काफी समय से उनके यहां चाइल्ड केयर वालों द्वारा छोड़े गए थे.

Last Updated : Jan 5, 2022, 2:48 PM IST
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